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आष्टा । जावर थाने के अंतर्गत आने वाले ग्राम ग्वाला निवासी एक युवक दीपेन्द्रसिंह पिता ज्ञानसिंह ने दो लोगो द्वारा बिना किसी कारण के 15 लाख की राशि पाने के नाम पर अड़ी ड़ालने,नही देने पर जान से मारने की धमकियों से तंग हो कर उसने

15 अक्टूबर को जंगल मे जा कर जहरीला पदार्थ का सेवन कर लिया,खबर मिलते ही दीपेन्द्र को घटना स्थल से उसके मामा दीपेंद्रसिंह को अस्पताल लाये भर्ती किया,ईलाज समय पर मिल जाने से उसकी जान बच गई।

तब दीपेन्द्रसिंह के भाई यशवन्तसिंह पिता ज्ञानसिंह निवासी ग्वाला जावर थाने पहुचे पुलिस को घटना बताई और 15 लाख की अड़ी डालने वाले रामवीरसिंह एवं राजेन्द्रसिंह के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज करने की मांग की ।

जावर पुलिस ने पीड़ित को यह कह कर मामला दर्ज नही किया कि घटना स्थल जावर थाना क्षेत्र का नही वो सिद्दीकगंज थाना क्षेत्र का है आप वहां जाये। बेचारा पीड़ित जावर पुलिस ने जो कहा

उसे मानते हुए सिद्दीकगंज थाने पहुचा वह भी पुलिस को उसने पूरी घटना बताई और रिपोर्ट दर्ज करने की मांग की तब सिद्दीकगंज पुलिस ने पीड़ित को कहा की आपकी रिपोर्ट जावर थाने में दर्ज होगी क्योकि घटना क्षेत्र हमारे थाने का नही है।

बेचारा पीड़ित रिपोर्ट लिखाने के बदले फुटबाल बन गया और उसे पुलिस सीमा को लेकर इधर से उधर भेजती रही। जब पीड़ित तक गया

न्याय की उम्मीद लेकर वो नवागत एसपी साहब की शरण मे पहुच गया और न्याय की गुहार लगाते हुए रिपोर्ट दर्ज करने,आरोपियों को सजा मिले की मांग का शिकायत पत्र एसपी सीहोर को दिया।

जब सब थानों की सीमा तय है तो जावर एवं सिद्दीकगंज पुलिस ने सीमा क्षेत्र का हवाला दे कर आखिर इस पीड़ित फरियादी को

फुटबाल की तरह इधर से उधर क्यो भेजा इसकी भी समीक्षा तो होना चाहिये, ताकि आगे से कोई अन्य पीड़ित इस तरह फुटबाल ना बन पाये ।

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