आष्टा । नागरिको को अच्छा सस्ता और स्थाई ईलाज मिले सरकार की यही मंशा है। इसके लिये मप्र सरकार ने ठोस प्रयास भी किये है,सरकारी अस्पतालों में मुफ्त दवाई मिले, निशुल्क जांचे हो इसकी व्यवस्थाए भी की है,अस्पतालों में सुविधाए भी बढे इसके लिये सभी तरह के प्रयास हो रहे है।
यह भी एक कटु सत्य है की अभी भी सरकार को स्वास्थ्य के क्षेत्र में बहुत कुछ करने की, खास करके डॉक्टरों की कमी दूर करने के क्षेत्र में बहुत कुछ करने की आवश्यकता है। वही यह भी सत्य है कि विगत 10 से 15 वर्षो में स्वास्थ के क्षेत्र में बहुत कुछ कार्य हुए है । ये जारी रहे इसकी आवश्यकता है।
वही कुछ वर्षों से स्वास्थ के क्षेत्र में प्राइवेट स्वास्थ संस्थाओं अस्पतालों,नर्सिंगहोम,क्लिनिक,फर्जी झोलाछाप डॉक्टरों की जो लूट की दुकानें खुली है,इलाज के नाम पर जो लूट मचा रखी है,बिना डिग्री के बिना लाइसेंस परमिशन के जिस तरह से कुकरमुत्तों की तरह अस्पताल,क्लिनिक,नर्सिंगहोम खुले है,खुल रहे है, उन्होंने जिस तरह की लूट मचाई है, उसे भी शासन,प्रशासन,स्वास्थ विभाग को गम्भीरता से संज्ञान में लेने की आज जरूरत है।
इस माह में सीहोर जिले में कलेक्टर श्री प्रवीणसिंह के निर्देश पर उपरोक्त मामलों को लेकर स्वास्थ विभाग ने जिस तरह पूरे सीहोर जिले में गठित जांच दलों को रवाना कर जो छापामार कार्यवाही,जांच शुरू हुई उसके जो परिणाम सामने आये, जो कार्यवाही की गई,उससे आज जो हम लिख रहे है उसकी पूरी तरह से पुष्टि हो रही है।
स्वास्थ विभाग की टीम ने जो छापामार कार्यवाही की, जिस तरह की बड़ी कमियां सामने आई,जिस तरह के बिना डिग्री के फर्जी डॉक्टर बीमारियों के विशेषज्ञ बन इलाज कर भोली भाली जनता को लूटने के मामले सामने आये, क्लीनिकों में जिस तरह की दवाओं,अंग्रेजी दवाओं,एक्सपायरी दवाओं का भंडार मिला,कही कही तो अस्पतालों में डॉक्टरों की जगाह 10 वी 12 वी पास बिना डिग्री का नर्सिंग स्टाफ इलाज करते पाया गया ।
ये सब चीख चीख कर कह रहा है की भगवान के लिये इस तरह गरीबो के स्वास्थ,उनकी जान के साथ खिलवाड़ मत करो। नही तो यहां तो मन का धन कर लोगे लेकिन जवाब तो ऊपर भी देना ही होगा। जहां झोले नही चलते है,सीधा इंसाफ ही होता है।
इस माह में हुई कार्यवाही के बाद कई क्लिनिक सील हुए,अस्पताल सील हुए,कई अपनी लूट की दुकानें बंद करके तीर्थ यात्रा पर भागे ऐसे मालिक,संचालक,फर्जी डॉक्टर अब स्वास्थ के माफियाओं के माध्यम से
झोला लेकर घूमने, यत्र तत्र विचरण कर रहे है,ओर कैसे भी हो,कुछ भी हो,जो जैसा चाहे वैसा करो बस हमारी लूट की बन्द दुकान खुल जाये और कार्यवाही से बच जाए । लेकिन इस बार शासन,प्रशासन ने जो शिकंजा कसा है,जिस तरह की गम्भीर अनियमितताए मिली है उससे लगता है इस बार खीर टेढ़ी है।
“जांच रिपोर्ट हुई पेश अब सभी को हे कार्यवाही का इंतजार..”
सूत्रों से मिली जानकारी अनुसार कलेक्टर सीहोर के निर्देश पर सीएमएचओ के निर्देशन में पूरे सीहोर जिले में स्वास्थ विभाग की टीम ने जो छापामार कार्यवाही की थी। उसकी रिपोर्ट सभी जांच दलों ने कलेक्टर,सीएमएचओ, एसडीएम,बीएमओ को सौप दी है।
जांच रिपोर्ट सौपे जाने की खबरो की जानकारी आते ही स्वास्थ के दलालों के सक्रिय होने की खबर आ गई। जिले में स्वास्थ विभाग के एक व्यक्ति की पूछपरख तेजी से बड़ गई है। जिसकी पूछ परख बड़ी है,वो लम्बे समय से सीहोर स्वास्थ विभाग में पदस्थ बताया जा रहा है ।
उम्मीद ओर आशा की किरण,श्री प्रवीणसिंह कलेक्टर सीहोर
ऐसा बताते है ये महाशय किसी भी प्रकार का कोई सा भी स्पीड ब्रेकर हो दूर करने में इन्हें बड़ी महारत हासिल है,हो भी क्यों नही जब सुविधाभोगियो का भरपूर संरक्षण हो तो बड़े बड़े स्पीड ब्रेकर की क्या बखत ये तो बड़े बड़े पुल पार करा सकते है.! बस पुल पार करने वाली गाड़ी छोटी लोकल ना हो.?
जिले में अज्ञात जिम्मेदारों के संरक्षण से सीहोर जिले में स्वास्थ की जो लूट की दुकानें संचालित थी, जो आज सील है आखिर इनने भी पुल पुलिया पर किया ही होगा,तभी तो ये दोनों खुले हाथों से लूट रहे थे। जिन अवैध क्लिनिको,अस्पताल,झोलाछाप डॉक्टर,बिना पैथी के इलाज करने के नाम पर लूट मचा रखी थी ।
इसके पीछे भी किसी का तो आशीर्वाद रहा होगा । इस माह जो जांच,कार्यवाही हुई है निश्चित इसके लिये जिले के संवेदनशील कलेक्टर श्री प्रवीण सिंह धन्यवाद के पात्र है जिनके कारण आज स्वास्थ विभाग में क्या चल रहा है उजागर हुआ है ।
इनका कहना है..
जांच दल ने जांच की रिपोर्ट मेरे समक्ष प्रस्तुत की,मेरे द्वारा उक्त जांच रिपोर्ट को अग्रिम कार्यवाही हेतु सीएमएचओ एवं एसडीएम आष्टा को प्रेषित कर दी है-डॉ जीडी सोनी बीएमओ सिविल अस्पताल आष्टा