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आष्टा। ‘‘करत-करत अभ्यास के जड़मति होत सुजान, रसरी आवत-जात ते सिल पर पड़त निशान’’ मतलब कुंए से जल निकालते वक्त पत्थर पर बार बार रस्सी के आने-जाने की रगड से निशान बन जाते हैं, उसी प्रकार लगातार अभ्यास से अल्पबुद्धि व्यक्ति भी बुद्धिमान बन सकता है। दृढ़ संकल्प के साथ प्रयास करने वालों की कभी हार नही होती, जीतने के लिए हमेशा प्रयास करते रहना आवश्यक है।


इस आशय के विचार नपाध्यक्ष प्रतिनिधि रायसिंह मेवाड़ा ने स्थानीय शहीद भगतसिंह शासकीय स्नातक महाविद्यालय में राष्ट्रीय सेवा योजना स्थापना दिवस के अवसर पर व्यक्त किए। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में नपाध्यक्ष श्रीमती हेमकुंवर मेवाड़ा उपस्थित थी, वहीं विशेष अतिथि के रूप में नपाध्यक्ष प्रतिनिधि रायसिंह मेवाड़ा, पार्षद तेजसिंह राठौर मौजूद थे।

कार्यक्रम के प्रारंभ में अतिथियों द्वारा मां सरस्वती व स्वामी विवेकानंद के चित्र के समक्ष दीप प्रज्जवलन कर माल्यार्पण किया गया। पश्चात् राष्ट्रीय सेवा योजना गीत हम होंगे कामयाब से कार्यक्रम का आरंभ हुआ तथा लक्ष्य गीत उठे समाज के लिये उठे-उठे ने उपस्थित लोगो में उर्जा का संचार किया।


नपाध्यक्ष प्रतिनिधि रायसिंह मेवाड़ा ने उपस्थित विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए कहा कि आप देश के भविष्य है। आप अपनी दिनचर्या में शिक्षण कार्य के साथ-साथ स्वच्छता का जिम्मा भी ले, अपने मित्रों, शिक्षक-शिक्षिकाओं व पड़ोसियों को स्वच्छता के प्रति जागरूक कर वातावरण को साफ एवं स्वच्छ बनाए रखने में अपना सहयोग प्रदान करें।

साथ ही श्री मेवाड़ा ने कहा कि राष्ट्रीय सेवा योजना की स्थापना 1969 को हुई और जब भी देश पर कोई प्राकृतिक आपदा आई या मतदान के समय स्वयंसेवको की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। आप सभी बधाई के पात्र है आप लोग सप्ताह में अगर एक दिन भी स्वच्छता अभियान चलाये तो हमारे यशस्वी प्रधानमंत्री का मिशन अवश्य पूर्ण होगा। कार्यक्रम को पार्षद तेजसिंह राठौर, प्राचार्य सुश्री वैशाली रामटेके ने कहा कि स्वयंसेवकों मे त्याग-कल्याण की भावना निहित होती है।

जब हम दूसरों का कल्याण करते है तभी हमारा कल्याण होता है। राष्ट्रीय सेवा योजना हमेशा समाज कल्याण की भावना से कार्य करता है। सम्पूर्ण कार्यक्रम राष्ट्रीय सेवा योजना प्रभारी डॉ.ललिता राय श्रीवास्तव व जगदीश नागले के मार्गदर्शन में संपन्न हुआ। कार्यक्रम के अन्त में अतिथियों द्वारा एक पौधा माँ के नाम अन्तर्गत पौधारोपण भी किया गया।

स्वयंसेवकों ने पौधों की सुरक्षा के लिए नपाध्यक्ष श्रीमती हेमकुंवर मेवाड़ा के समक्ष ट्री-गार्ड की मांग रखी, जिस पर नपाध्यक्ष श्रीमती मेवाड़ा ने आश्वस्त करते हुए कहा कि शीघ्र ही महाविद्यालय प्रांगण में आवश्यकतानुसार ट्री-गार्ड उपलब्ध करा दिए जाएंगे। संचालन छात्र अंकित मालवीय व निकिता सोलंकी द्वारा किया गया। आभार सुश्री शिवानी मालवीय ने व्यक्त किया।

इस अवसर पर डॉ. दीपेश पाठक, डॉ. रचना श्रीवास्तव, डॉ.कुमकुम अग्रवाल, डॉ.सबीहा अख्तर, डॉ.कृपाल विश्वकर्मा, डॉ.बेला सुराणा, डॉ.मेघा जैन, श्री जयपाल विश्वकर्मा, श्री वसीम खान, कु.दीक्षा सूर्यवंशी, श्री वैभव सुराणा, श्री रामेश्वर अहीके, कु.लक्ष्मी विश्वकर्मा उपस्थित रहें।

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