आष्टा। आष्टा नगर के गली गली मोहल्ले मोहल्ले में,ग्राम ग्राम में एक नही सैकड़ो झोलाछाप डॉक्टर आज से नही वर्षी से फर्जी तरीके से ईलाज कर भोली भाली जनता को लूट तो वे रहे ही है,वही ईलाज के नाम पर बीमारों के जीवन के साथ खिलवाड़ तक करने से नही चूक रहे है। जिला और ब्लाक स्तर पर ऐसे फर्जी डाक्टरो की लंबी लंबी सूचियां भी है,साल में एक दो बार ये सूची फाइलों से निकलती है,घूमती है,घूम फिर कर ये फिर फाइलों में दब जाती है आखिर क्यों.?
आष्टा में एक फर्जी अस्पताल के सील होने,एक प्राइवेट अस्पताल में अभी अभी क्या हुआ है.? ये किसी से नही छुपा है। यही कारण है की मजबूरी में स्वास्थ विभाग को सक्रिय होना पड़ रहा है। खबर है की आज झोलाछाप डाक्टरो के क्लीनिकों की जांच के लिये सीहोर से नवागत डीएचओ श्री प्रदीप मोसेफ के नेतृत्व में एक 5 सदस्यों की टीम जिसमे 2 सदस्य सीहोर के एवं 3 सदस्य आष्टा के जैसे ही झोलाछाप डाक्टरो के क्लीनिकों की जांच के लिए निकले उसके पहले ही झोलाछाप डाक्टरो के पास सूचना पहुच गई।
सूचना मिलते ही कई झोलाछाप डॉक्टर अपने क्लीनिकों को बन्द कर भाग गये। आज आई उक्त टीम ने अलीपुर एवं कन्नोद रोड पर करीब 4/5 क्लीनिकों में पहुचे,जांच के नाम रस्मअदायगी की। एक एक नोटिश थमाये ओर सूत्रों से खबर है की इन क्लीनिकों के डाक्टरो को अपने क्लीनिकों के सभी दस्तावेज,अपनी डिग्री,प्रेक्टिस करने की परमिशन आदि ले कर 16 दिसम्बर को सीहोर बुलाया है। अब प्रश्न ये उठ रहा है की जब जिम्मेदार अधिकारी डीएचओ के नेतृत्व में टीम आई तो जो जांच करना थी,जो दस्तावेज,डिग्री देखना थे, वो यही मौके पर ही क्यो नही देखी,ये सब दस्तावेज देखने उन्हें सीहोर कार्यालय बुलाने का क्या मतलब,आखिर इन्हें सीहोर क्यो बुलाया.? मामला कुछ तो है.?
इस टीम में शामिल आष्टा सिविल अस्पताल में पदस्थ डॉक्टर सुरेश माहौर ने बताया की आज डीएचओ के नेतृत्व में टीम प्राइवेट क्लीनिकों में पहुची थी उन्हें नोटिश दे कर सभी दस्तावेज ले कर 16 को सीहोर बुलाया गया है। दस्तावेजो की जांच होगी।