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“स्वच्छता पखवाड़े का शुभारंभ”

शहीद भगतसिंह शासकीय स्नातक महाविद्यालय आष्टा में 14 सितम्बर से 2 अक्टूबर तक चलने वाले स्वच्छता पखवाड़े का आज शुभारंभ हुआ । स्वच्छता ही सेवा अभियान थीम ‘‘स्वभाव स्वच्छता – संस्कार स्वच्छता के तहत पखवाड़ा आयोजित होना है। 02 अक्टूबर 2024 को स्वच्छ भारत दिवस का आयोजन पूरे राष्ट्र में किया जायेगा।

ये जानकारी कार्यक्रम प्रभारी डाॅ.ललिता राय ने छात्र/छात्राओं को दी तथा बताया कि हमें इस पखवाड़े का मुख्य उद्देश्य स्वच्छता के लिये लोगो में जागरुकता लाना है। इसके लिये अनेक कार्यक्रमों का आायोजन जैसे स्वच्छता शपथ, साफ-सफाई विषय पर व्याख्यान, परिचर्चा, निबंध, चित्रकला, कविता पाठ, प्रश्नोत्तरी तथा गीला व सूखा कचरा अलग-अलग रखने के महत्व पर चर्चा, सिंगल यूज प्लास्टिक हेतु जागरुकता संस्था परिसर की सफाई आदि कार्यक्रमों का आयोजन किया जावेगा।

जिससे लोगो में जागरुकता आये और स्वच्छ भारत का निर्माण हो। प्रभारी प्राचार्य डाॅ.अबेका खरे ने इस अवसर पर बताया कि हमें शुरुआज खुद से करनी होगी तभी इस पखवाड़े का जो उद्देश्य है स्वस्थ भारत उसको हम पूर्ण कर पायेंगे। एनसीसी प्रभारी डाॅ.कृपाल विश्वकर्मा ने इस अवसर पर कहा कि प्रत्येक व्यक्ति जिस तरह से अपने घर को साफ रखता है उसी तरह सार्वजनिक स्थलों को भी साफ रखना हमारा ही कर्तव्य है क्योंकि इन स्थलों पर अगर गन्दगी होगी तो उससे कई लोग प्रभावित होंगे।

अतः अगर हम ऐसा करते है तो कई लोगो के जीवन पर पढ़ने वाले दुष्प्रभावों को रोक सकते है। इस अवसर पर सुश्री वैशाली रामटेके, डाॅ.रचना श्रीवास्तव, डाॅ.बेला सुराणा, श्री जगदीश नागले, सुश्री लक्ष्मी विश्वकर्मा ने भी छात्र/छात्राओं को स्वच्छता संदेश दिया। इस अवसर पर डाॅ.मेघा जैन, श्री वसीम खान, डाॅ.सबीहा अख्तर, श्री रामेश्वर अहिके व छात्र/छात्राएँ उपस्थित रहें।

“हिन्दी दिवस मनाया”

शहीद भगतसिंह शासकीय स्नातक महाविद्यालय आष्टा में 14 सितम्बर को राष्ट्रीय हिन्दी दिवस का आयोजन किया गया। इस अवसर पर हिन्दी विभाग के प्राध्यापक डाॅ.जगदीश नागले ने कहा कि हम भारतीयों में हमारा सम्पूर्ण विकास एवं हमें स्वतंत्रता प्राप्त करने में हिन्दी का विशेष योगदान रहा है क्योंकि संगठन बनाने के लिए भाषा का होना अति आवश्यक होता ।

जिससे स्वतंत्र आन्दोलनों में हिन्दी भाषा का ही प्रयोग किया गया जिससे राष्ट्रीय आन्दोलनों को अच्छे से सफल बनाने का प्रयास किया गया। हिन्दी की कई रचनाओं को वर्तमान शासन के द्वारा जब्त भी कही गई, जिससे राष्ट्रीयता की भावना न बढ़ सके। इस अवसर पर महाविद्यालय के समस्त स्टाॅफ ने अपने उपस्थिति सुनिश्चित की।

“किसानों ने विधायक से की सोयाबीन खराब होने की शिकायत,विधायक ने कहा चिंता ना करे,तहसीलदार को दिये निर्देश”

सिद्दीकगंज क्षेत्र के दौरे पर जाते वक्त आष्टा विधायक श्री गोपाल सिंह इंजीनियर को आष्टा विधानसभा क्षेत्र के ग्राम खामखेड़ा यात्रा एवं खाचरोद में कुछ किसानों ने विधायक श्री गोपाल सिंह इंजीनियर से भेंट कर क्षेत्र के कुछ किसानों ने खेतो में खड़ी सोयाबीन की फसल खराब होने की जानकारी दी ।

मौके पर रुके विधायक श्री गोपाल सिंह इंजीनियर को ग्रामीणों ने खेतों से खराब हुई सोयाबीन के पौधे लाकर बताएं । किसानो की शिकायत पर विधायक श्री गोपाल सिंह इंजीनियर ने इस क्षेत्र की नायक तहसीलदार चंचल जैन को निर्देश दिए की इन क्षेत्रों में किसानों के खेतों तक हलके के पटवारीयो को भेज कर दिखाएं की फसलों की क्या स्थिति है अगर किसानों के खेतों में खड़ी फसल को नुकसान हुआ है तो नियम अनुसार उनके किस तरह राहत पहुंचाई जा सकती है उसके निर्देश दिए ।

विधायक श्री गोपाल सिंह इंजीनियर के निर्देश मिलते ही नायब तहसीलदार चंचल जैन ने खाचरोद एवं खामखेड़ा हल्का क्षेत्र के हल्का पटवारीयो को निर्देश जारी किए हैं कि वह इस क्षेत्र में भ्रमण कर देखें की किन किसानों की खेतों में खड़ी फसल को नुकसान हुआ है या उनकी फसलों पर किन कारणों से फसलों पर विपरीत प्रभाव पड़ा है । उसकी जांच कर प्रतिवेदन प्रस्तुत करें।

“जीवन के किसी भी पल में वैराग्य उमड़ सकता है,तुम्हारी पहचान धर्म और संस्कृति से यही पार लगाएगा — मुनिश्री निष्पक्ष सागर महाराज
गाजे-बाजे के साथ नेमि नगर की जलयात्रा निकली”

जिनालय हमारी संस्कृति के संवाहक है।चार प्रकार के दान औषधि, शास्त्र,अभय आहारा । 2018 में हमने आचार्य विद्यासागर महाराज के सानिध्य में खजुराहो में चातुर्मास किया था। अहिंसा प्रधान धर्म है।हमारी संस्कृति को पूर्वजों ने संजोकर हमारे समक्ष प्रस्तुत की।

तुम्हारी पहचान धर्म और संस्कृति से यही पार लगाएगा।तप और दान कैसा होता है विस्तार से बताया। पिताजी की जायदाद पर राज कर रहे हो।पंच इंद्रियों के विषय में डूबे हुए हो। 1905-06 में 59 जैन समाज के घर आष्टा में थे । जीवन के किसी भी पल में वैराग्य उमड़ सकता है।


उक्त बातें नेमि नगर साईं कॉलोनी के श्री नेमिनाथ जिनालय की जलयात्रा के समापन अवसर पर मंदिर के समक्ष आशीष वचन देते हुए मुनिश्री निष्पक्ष सागर महाराज ने कहीं। मुनिश्री ने कहा नेमिनाथ भगवान के जीवन पर प्रकाश डाला,मूक पशुओं की चीत्कार सुन कर नेमिनाथ भगवान को वैराग्य आया। महापुरुषों के जीवन से सीखें।आज बड़े बाबा आदिनाथ भगवान एवं नेमिनाथ भगवान की कृपा से 500 घर है जो भगवान की आराधना कर रहे हैं। अपनी संस्कृति और संस्कार नहीं छोड़ा। जैनी पहले मंदिर बनवाते हैं ,फिर स्वयं बसते है। कुछ लौकिक मंगल और कुछ महामांगलिक मंगल माना गया है।

हमारे पुण्य और आपके भाग्य से मुनि संभव सागर महाराज के साथ समय यहां ढ़ाई साल पहले आए थे। गुरु कृपा से हम यहां पहले आए।भारत आजाद हुआ बंटवारे के साथ। पाकिस्तान में आज भी जिनालय है। काफी लोग पाकिस्तान से पलायन करके भारत आएं। पाकिस्तान से जैनी लोग अपने साथ जिनबिम्ब लेकर आएं,अपनी धन संपदा को हवाई अड्डे पर छोड़ दिया। जैनी अपने जिनबिम्ब, धर्म, संस्कार, संस्कृति के लिए समर्पित है।जैनियों का इतिहास भी गौरवशाली है।अपने धर्म और संस्कृति से समझोता मत करना दादी ने 6 और 8 साल के गुरु गोविंद सिंह के दोनों अपने सिख बच्चों को संस्कार दिए। अन्य के सामने मत झुकना। बच्चों ने राज दरबार में नारा लगाया वाहे गुरुजी का खालसा, वाहे गुरुजी की फतेह।आतिताई ने बच्चों को दीवार में चुनवा दिया।सेठ टोडरमल ने कहा मानवता और इंसानियत रखिए, अपनी सारी सम्पत्ति बैचकर दोनों बच्चे के लिए अंतिम संस्कार की जगह राजा से ली। पाषाण का जिनालय आष्टा में भी होना चाहिए।

जैनी भाई सारी दौलत छोड़ कर भगवान की प्रतिमा को झोपड़ी में रखा। तुम रोड़ पति भी नहीं,करोड़ पति अपने बाप दादा की जायदाद के कारण करोड़ पति बने फिर रहे हो। अपने पूर्वजों की पुण्याई को खा रहे हो। लोकतंत्र में हर नागरिक सरकार है, सरकार भी नागरिकों ने बनाई है।मुनिश्री निष्काम सागर महाराज ने कहा कि जो प्रभु की भक्ति करते हैं पागलों की तरह उनपर प्रभु की कृपा बरसती है बादलों की तरह। भक्ति का प्रभाव की डेढ़ साल में भव्य जिनालय मंदिर का निर्माण करवाकर भगवान की प्राण-प्रतिष्ठा कराई। भूतबलि सागर महाराज का स्मरण करते हुए उनकी दीक्षा पर प्रकाश डाला। भूतबलि सागर महाराज के बड़प्पन का उल्लेख उत्कृष्ट तप किया। यहां की पूरी समाज आचार्य विद्यासागर महाराज के लिए समर्पित रही।अब आचार्य समय सागर महाराज के लिए समर्पित रहो। यदि गुरु के हिसाब से चलोगे तो विकास होगा और अपने हिसाब से गुरु को चलाया तो विनाश होगा।कषायों का क्षमण करना है। आश्रय दान का बहुत महत्व है। दर्शन शुद्धि भावना जिसमें प्राणी मात्र के कल्याण की भावना है। श्रावकों के लिए छः उत्तम तप बताएं है।बारह तप है छः अंतरंग और छः बाह्य तप।

आचार्य भगवंत विद्यासागर महाराज जैन के ही नहीं जन-जन के आचार्य भगवंत थे। जिसकी जितनी शक्ति उतना तप करों। आश्रय दान का बहुत महत्व है। दर्शन शुद्धि भावना जिसमें प्राणी मात्र के कल्याण की भावना है। श्रावकों के लिए छः उत्तम तप बताएं है।बारह तप है छः अंतरंग और छः बाह्य तप।
नेमी नगर नेमिनाथ मंदिर से जल यात्रा आज एक साथ दोपहर में प्रारंभ हुई।

रजत पालकी में नेमिनाथ भगवान को विराजित करा अपने कंधे पर लेकर चल रहे थे। मुनिश्री निष्पक्ष सागर महाराज एवं मुनिश्री निष्काम सागर महाराज का सानिध्य प्राप्त हुआ। भगवान के अभिषेक एवं शांति धारा का लाभ अनुराग, प्रखर नारे ने, पूजन का लाभ पवन कुमार जैन अवि कुमार जैन अलीपुर, मुनि श्री के पाग प्रक्षालन एवं शास्त्र भेंट करने का लाभ पंकज कुमार मनोज गोपी सेठी परिवार ने लिया। श्री सेठी नेमि नगर मंदिर के सभी ट्रस्टियों से शास्त्र भेंट कराएं।

“चिकित्सा शिक्षा मंत्री श्री नरेन्द्र शिवाजी पटेल ने कोठरी अस्पताल का किया औचक निरीक्षण…”

आज ‘आयुष्मान आरोग्य मंदिर’ प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र कोठरी (आष्टा) का लोक स्वास्थ एवं चिकित्सा शिक्षा राज्य मंत्री श्री नरेंद्र शिवाजी पटेल ने औचक निरीक्षण किया । भोपाल से उज्जैन इंदौर जाते वक्त श्री पटेल आज अचानक कोठरी पहुचे ओर कोठरी के प्रा स्वास्थ केंद्र का निरीक्षण किया ।

वहा मरीजों को शासन की ओर से दी जाने वाली स्वास्थ सुविधाओं की जानकारी ली,व्यवस्थाओ को देखा एवं चिकित्सीय स्टाफ से चर्चा कर जानकारी ली। इस दौरान उपस्थित अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश भी दिए।

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