आष्टा। 10 दिसम्बर को आष्टा नगर की बेटी प्रतीक्षा शर्मा की नगर के एक प्राइवेट पुष्प कल्याण हॉस्पिटल की महिला डॉक्टर,स्टाफ के सदस्य एवं प्रबंधन की लापरवाही के कारण बेटी प्रतीक्षा (प्रसूता) और उनके गर्भस्थ शिशु की असमय मौत हो गई थी। घटना के 4 दिन बाद कलेक्टर सीहोर द्वारा इस मामले की मजिस्ट्रियल जांच के आदेश के सिवाय ऐसी कोई ठोस कार्यवाही नही हुई जिससे पीड़ित परिवार को लगे की उसकी बेटी को न्याय मिलेगा।
घटना के 4 दिन बाद भी जब लगा की प्रशासन इस मामले को लेकर गम्भीर नही है तब आज आष्टा नगर की सैकड़ो महिलाएं,युवतियां,युवक,पुरुष सड़को पर उतरे और भारी उपस्तिथि ने प्रशासन को चेतावनी दे दी है की अगर बेटी को न्याय नही मिला तो पूरा आष्टा शहर भी सड़को पर उतर सकता है। आज शाम को आष्टा नगर की सभी मातृशक्तियो ने बेटी प्रतीक्षा शर्मा को न्याय दिलाने के लिए न्याय की लड़ाई लड़ने का बीड़ा उठाया है।
इस मामले को लेकर आज सोमवार की शाम 5 बजे कोरोना गाइडलाइन का पालन करते हुए,नगर की सैकड़ो महिलाएं-पुरुष ताम्रकार समाज के बुधवारा स्तिथ श्री राधा कृष्ण मंदिर के समक्ष एकत्रित हुए और यहा से एक विशाल मौन रैली शुरू हुई।
मौन न्याय रैली बुधवारा,परदेशी पूरा,भवानी चौक, बड़ा बाजार,सिकन्दर बाजार,गंज,होते हुए सुभाष चौक पहुची। सभी महिलाओं,युवकों,युवतियों, पुरषों ने सुभाष प्रतिमा के समझ दीप लगा कर,दो मिनिट का मौन रख कर बहन प्रतीक्षा शर्मा को श्रद्धांजलि दी,एवं दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की।
“प्रतीक्षा की बहन ने न्याय की मांग दोहराई”
न्याय यात्रा समापन स्थल पर आष्टा प्रेस से चर्चा करते हुए स्वर्गीय प्रतीक्षा शर्मा की बहन नेहा तिवारी ने आज फिर प्रशासन से मांग की की मेरी बहन की एवं उसके गर्भस्थ शिशु की मौत का सिर्फ और सिर्फ केवल पुष्प कल्याण हॉस्पिटल की डॉक्टर,डयूटी स्टॉफ व अस्पताल प्रबंधन ही जिम्मेदार है। घटना के चार दिन बाद भी प्रशासन ने कोई कार्यवाही नही की,यही कारण रहा की आज इतनी बड़ी संख्या में नागरिक,महिलाएं सड़को पर उतरी है। अगर अब भी मेरी बहन को न्याय नही मिला,दोषियों पर सख्त कार्यवाही नही हुई तो पूरे नगर को साथ लेकर सड़को पर उतरेंगे।
न्याय यात्रा के दौरान स्थानीय प्रशासन-पुलिस प्रशासन बड़ी संख्या में तैनात था।