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आष्टा । शायद ही आष्टा नगर का ऐसा कोई मार्ग,वार्ड,गली,मोहल्ला,चौक, चौराहा होगा जहाँ आपको आवारा मवेशियों,कुत्तों,सुअरों के स्वछंद विचरण से रोजाना दिन रात आमना सामना नही होता हो।

नगर में तो यह हाल है की राह चलते नागरिको,बच्चों,बाइक चालको को कुत्ते काटने दौड़ते है। परेशान नागरिको,व्यापारियों ने तो जब इसकी शिकायत पहले नपा को की जब वे चाह कर भी इस समस्या का निदान करने में सफल नही हो पाये तब कुछ अति पीड़ितों ने इसकी शिकायत 181 सीएम हेल्प लाइन पर की लेकिन उनेह जैसे तैसे शिकायत को बिना समस्या के हल किये कटवा दिया गया।


ओर उक्त समस्या घटने की बजाह ओर बढ़ गई। आज इस बड़ी समस्या से दुखी करने वाले परिणाम सामने आ गये। आज नगर के वार्ड क्र 14 में मानस भवन के पीछे रहने वाले एक परिवार के मासूम बालक को एक कुत्ते ने नोच कर उसे गम्भीर रूप से घायल कर दिया।

बालक को उसके सिर,मुह,हाथ पर कुत्ते के काटने से गहरे घाव हो गये। मोहल्ले के लोगो का कहना है कि वो कुत्ता पागल था। इस लिये उसे घेर कर मार दिया नही तो वो ओर किसी पर हमला कर घायल करता।

घटना के बाद सोशल मीडिया पर हुई कड़ी प्रतिक्रिया

घायल बालक पीड़ित अशोक रेकवाल जो मानस भवन के पीछे वार्ड क्र 14 में रहते है,की बेटी का 3 साल का बेटा है,को उक्त पागल कुत्ते ने हमला कर जख्मी कर दिया था। उक्त बालक के चेहरे सहित अनेक स्थानों पर कांटा।
घटना की जानकारी लगने के बाद वार्ड की पार्षद श्रीमति तारा कटारिया पीड़ित के घर पहुची एवं कुत्ते के काटने से घायल बालक के स्वास्थ की जानकारी ली।


घटना की जानकारी सोशल मीडिया पर आने के बाद आज दिन भर से काफी कड़ी प्रतिक्रिया हो रही है। सोशल मीडिया पर नागरिको ने कुत्ता प्रेमियों के लिये “डॉग लवर्स” शब्द का उपयोग कर उनको काफी आड़े हाथों लिया गया है,जो नागरिको की शिकायतों के बाद नगर पालिका जब आवारा कुत्तों को पकड़ कर उन्हें विशेष पिंजरे में बंद कर जंगल मे छोड़ने का अभियान शुरू किया था लेकिन डॉग लवर्स के विरोध के बाद एक ही दिन में उक्त कार्यवाही टांय टांय फिस्स हो गई थी।

जो सवाल उठ रहे उसका हो समाधान

आज पूरा नगर आवारा कुत्तों, मवेशियों,सुअरों से परेशान है। शासन के सख्त निर्देशो के बाद भी नगर की सड़कों पर आज भी अनगिनत मवेशिया नजर आ रही है। नगर पालिका ने कई बार पशुपालकों को मुनादी कर सूचना दी कि वे अपने पशुओं को इस तरह खुला ना छोड़े,घरों में बांध कर रखे लेकिन उसके बाद भी पशुपालक नपा की सूचना को गम्भीरता से नही लेते है।

जब नपा इन्हें पकड़ने की कार्यवाही शुरू करती है तो नेतागिरी शुरू हो जाती है..! अब देखना होगा कल जो घटना घटी उसके बाद नगर पालिका क्या कदम उठाती है और किस तरह नागरिको को राहत पहुचाती है। नागरिको की एक ही मांग है आवारा ऐसे सभी जानवरो को जंगल मे सुरक्षित छुड़वा दिया जाये।

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