आष्टा । इस सप्ताह कोठरी स्तिथ वीआईटी कालेज में होस्टल में रहने वाले सैकड़ो छात्र छात्राओं ने पानी को लेकर जो रात्रि में 1 बजे से 3 बजे तक आंदोलन किया,परेशान विद्यार्थी गेट तोड़ कर सड़को पर आ गये
वीसी का घेराब किया,हाथों में पानी की बोतलों को लेकर पानी दो पानी दो के नारे लगाये। कालेज में इसको लेकर कानून एवं व्यवस्था की स्तिथि निर्मित होते होते बची थी।
इस घटना ने पूरे सीहोर जिले को बदनाम तो किया वही अगर रात्रि में कोई घटना दुर्घटना घट जाती तो क्या होता। इतना सब कुछ होने के बाद भी वीआईटी ने प्रशासन,पुलिस को ना पहले ओर ना बाद में कोई सूचना दी और ना ही इसे उचित समझा।
दूसरे दिन लगभग सभी अखबार,न्यूज चैनल,सोशल मीडिया के सभी प्लेटफार्म पर वीआईटी में छात्र बूंद बूंद पानी को तरसे, रात्रि में आंदोलन हुआ,फिर परीक्षा स्थगित की,होस्टल में रहने वालों को तुगलकी फरमान जारी कर घर जाने को कह दिया
वे कड़ी 42/43 डिग्री की धूप में परेशान हुए। जब प्रशासन को जागना पड़ा। जो हुआ उसको लेकर 30 मई को स्थानीय प्रशासन की एक टीम जिसमें एसडीएम श्रीमती स्वाति उपाध्याय, एसडीओपी श्री आकाश अमलकर, टीआई रविंद्र यादव, नायब तहसीलदार मुकेश सांवले, नगर परिषद कोठारी के सीएमओ नरेंद्र जाटव पिछले सप्ताह कॉलेज में पानी को लेकर हुए धरना प्रदर्शन और आंदोलन की जांच हेतु कॉलेज पहुची थी।
लेकिन पूरी टीम कॉलेज में घंटो बैठी रही ।लेकिन वीसी उनसे मिलने नहीं पहुंचे । बाद में ज्ञात हुआ कि वह भोपाल चले गए हैं । तब एसडीएम ने उन्हें 31 मई को तहसील कार्यालय कारण बताओं नोटिस में उठाए गए बिंदुओं का जवाब दर्ज कराने बुलाया था । लेकिन आज भी दबंग वीआईटी के वीसी, एसडीएम कार्यालय नहीं पहुंचे और ना ही कोई कारण बताओं नोटिस का जवाब दिया ।
इससे पूरी तरह स्पष्ट है कि कॉलेज प्रबंधन की दबंगता दबंगई के आगे प्रशासन पंगु साबित हो रहा है। एसडीएम द्वारा वीसी को 31 मई को एसडीएम कार्यालय कारण बताओं नोटिस का जवाब देने के लिए बुलाया था लेकिन आज भी वह नहीं पहुंचे
इससे स्पष्ट है कि कॉलेज प्रबंधन कितना दबंग है और उसकी दबंगई के आगे निश्चित रूप से पूरा प्रशासन पंगु नजर आ रहा है । अब देखना है जब आज एसडीएम के बुलावे पर भी वीसी एसडीएम कार्यालय नहीं पहुंचे तब प्रशासन कॉलेज पर क्या कार्रवाई सुनिश्चित करता है.? वैसे इस मामले में अब कलेक्टर सीहोर को संज्ञान में लेना होगा.!