आज रात से दोपहर तक मीडिया,सोशल मीडिया में केवल वीआईटी में जो हुआ,जिस पानी के कारण हुआ उसकी ही हलचल मची रही। जब चारो ओर से वीआईटी की मनमानी को कोसा गया
आओ पीड़ित विद्यार्थियों के साथ सब खड़े नजर आये तब हमारा आष्टा का बेचारा प्रशासन जागा, वो भी रस्म अदायगी के नाम की तरह। किसी भी विभाग का कोई बड़ा अधिकारी मौके पर नही पहुचा।
राजस्व से नायब तहसीलदार,पुलिस से अमलाह थाना प्रभारी,पीएचई से एसडीओ मौके पर पहुचे। वीआईटी के जिम्मेदारों,पीड़ित विद्यार्थियों से चर्चा की,पंचनामा भी बनाया लेकिन घटना को मामूली सामान्य बता कर रस्म अदायगी कर सब लौट आये।
कालेज प्रबंधन ने भी सब बातों से बचने का हींग लगे ना फिटकडी-रंग चौखा आये” की कहावत को चरितार्थ करते हुए 25 मई से 30 मई तक होने वाली सभी परीक्षाएं निरस्त कर 25 मई से 17 जून तक छुट्टी घोषित कर होस्टल के सभी विद्यार्थियों को घर जाने को कह दिया।
मतलब लाखो रुपया जो पानी पर खर्च होता उसे इस तरह बचा लिया। अब बताये जिन विद्यार्थियों का आज 25 मई को एवं उसके बाद 30 मई तक जिनकी परीक्षाएं थी उनकी तैयारियों का क्या होगा। वे अभी घर जाये और जब 17 से कालेज खुलेंगे तब फिर तैयारी शुरू करे।
जबकि स्थानीय एवं जिला प्रशासन को चाहिये था कि वो वीआईटी के जिम्मेदारों को निर्देश देता की कुछ भी करिये,बाजार से पानी के टैंकर माँगये ओर व्यवस्था करे क्योकि कालेज इन लोगो से व्यवस्थाए देने के नाम पर बड़ी मोटी राशि शुल्क के नाम पर बसूलती है।
“होस्टल छोड़ परेशान विद्यार्थी भीषण गर्मी में घरों के लिये हुए रवाना”
रात्रि में पानी को लेकर हुए आंदोलन के बाद वीआईटी ने एक तुगलकी आदेश जारी कर 25 मई से 17 जून तक छुट्टी घोषित कर सभी को होस्टल खाली करने घर जाने के निर्देश के बाद विद्यार्थी परेशान नजर आये, भीषण गर्मी में कहा कहा रहने वाले अटैची बेग लेकर साधनों को खोजने में परेशान होते रहे।