आष्टा । एक ओर बिना दस्तावेजों के आम व अन्य प्रजाति के सतकट पेड़ो को काट कर ले जा रहे एक ट्रक एवं उन पेड़ो को ट्रक में भेंट वाली हाईड्रा मशीन को वन विभाग पकड़ने,जप्त कर कार्यवाही कर रहा है ।
वही दूसरी ओर राजस्व विभाग की जमीन पर वर्षो से खड़े हरे भरे आम के फलदार पेड़ को काटा जा रहा है और राजस्व विभाग मौन है.? कुछ दिनों पूर्व सिद्धिकगंज मार्ग पर पार्वती नदी पर बने पुल के पहले राजस्व विभाग की जमीन पर लगे वर्षो पुराने हरे भरे आम के बड़े घने और फलदार वृक्ष की लंबी कतार आकर्षण का केंद्र बनी रहती है ।
इन लगे हरे भरे आम के पेड़ों में से एक पेड़ की किसी ने बलि चढ़ा दी ओर उसे काट कर नेस्त नाबूत कर दिया । आखिर इस पेड़ की जो बलि चढ़ाई गई उसका जिम्मेदार कौन .? उक्त जमीन जो कि राजस्व की बताई जा रही है, राजस्व विभाग भी इस पर मौन बना हुआ है ।
प्राप्त जानकारी के अनुसार इस क्षेत्र में एक पेट्रोल पंप डलने की खबर है, जो व्यक्ति यहां पर पेट्रोल पंप डालना चाहता है बताया जाता है कि उसने बिना परमिशन के ही उक्त आम के पेड़ को काट डाला तथा बाद में वह व्यक्ति ग्राम पंचायत में भी उस कटे हुए आम के पेड़ की लड़कियों को परिवहन करने के लिए परिवहन की परमिशन लेने ग्राम पंचायत सिद्धिकगंज पहुंचा
लेकिन ग्राम पंचायत ने उसे परमिशन देने से यह कहकर इंकार कर दिया कि जहां से इस आम के पेड़ को काटने की परमिशन ली है वहीं से परिवहन की भी परमिशन ली जाए । बताया जाता है कि इस आम के पेड़ को काटने की राजस्व विभाग की ओर से कोई परमिशन नहीं दी गई है ।
जबकि मौके पर इस क्षेत्र का पटवारी भी पहुंचा था तथा यह सूचना तहसीलदार जावर तक भी पहुंची लेकिन खबर है कि अभी तक आम के पेड़ की बलि चढ़ाने वाले के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई है। अगर इसी तरह राजस्व विभाग मौन रहेगा और हरे भरे पेड़ों को काटने वालों को संरक्षण प्राप्त होगा तो निश्चित रूप से एक समय वह आएगा जब क्षेत्र से हरियाली खत्म हो जाएगी ।
क्या वरिष्ठ अधिकारी इस और ध्यान देंगे कि आखिर इस पेड़ की जो बलि चढ़ी है क्या उसको काटे जाने के पूर्व राजस्व विभाग ने कोई परमिशन किसी को दी थी और अगर राजस्व विभाग ने इसकी परमिशन दी तो किन कारणों से दी थी। क्या इस तरह के हरे भरे फलदार वृक्ष को काटे जाने की परमिशन दी जा सकती है ।