आष्टा । आष्टा में खिलाड़ियों की कोई कमी नही है,कमी है तो खेल सुविधाओ की। सबसे बड़ी कमी है सर्व सुविधायुक्त खेल मैदानों की। कहने को तो आष्टा में दो खेल मैदान है इसमें एक मैदान सुभाष ग्राउंड है जिसका अधिपत्य सीएम राइज स्कूल के पास है।
सुभाष ग्राउंड आष्टा
दूसरा खेल ग्राउंड है मुखर्जी ग्राउंड जो नपा के अधीन आता है। दोनों खेल मैदानों पर विभिन्न खेल टूर्नामेंट होते रहते है। दोनों ही खेल मैदान वर्षो से अपने विकास,सुविधाओ में वृध्दि की मांग करते आ रहे है। वैसे अक्सर इन दोनों मैदानों की ज्यादातर देख रेख खिलाड़ी ही करते है।
मुखर्जी ग्राउंड आष्टा (सभी चित्र फाइल)
सूत्रों से आज सुबाह सुबाह एक दुखद खबर आई की सुभाष ग्राउंड को इस साल किसी मेला लगाने वाली कम्पनी को दिया जा रहा है बल्कि यू कहे कि लगभग उक्त ग्राउंड पर मेले की परमिशन हो ही गई है.? अगर ऐसा है तो निश्चित ये कार्य जिसने भी किया है,जिस माध्यम से हुआ वो सब मिल कर एक ग्राउंड की हत्या कर रहे है।
इस तरह खिलाड़ी खुद करते है ग्राउंड की देख रेख
क्योंकि अगर इस ग्राउंड पर मेला लगा तो मेले में लगने वाले बड़े बड़े झूले जो लगेंगे उसको लगाने के लिये जो सांग, किले आदि गाड़े जाएंगे वो पूरा ग्राउंड को खोद डालेंगे,ग्राउंड गंदगी की चपेट में होगा तथा खेल ग्राउंड की हालत दयनीय हो जायेगी।
आज आष्टा के खिलाड़ी उतर सकते है सड़क पर
कलेक्टर सीहोर से आष्टा के खिलाड़ियों एवं नागरिको की मांग है कि इस ग्राउंड को बर्बाद होने से रोका जाये।
खिलाड़ियों को जिला कलेक्टर से है उम्मीद
अगर परमिश दे दी है तो उसे निरस्त किया जाये और अगर परमिशन देने की तैयारी है तो उस पर रोक लगे। वैसे अभी इस मामले में सभी मौन है। लेकिन मौन बहुत कुछ कह रहा है.? परमिशन के पूर्व क्या सुरक्षा एवं यातायात व्यवस्था को लेकर भी समीक्षा जरूरी है.!