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आष्टा । आज देश में लोकतांत्रिक मूल्यों का क्षरण हो रहा है। आज आवश्यकता है कि हम भारत के संविधान निर्माता डॉक्टर भीमराव अंबेडकर साहब की जयंती के उपलक्ष्य में यह संकल्प ले की लोकतांत्रिक मूल्यो के संरक्षण की दिशा में कार्य करेगे। बाबा साहब अंबेडकर ने जिस संविधान की अवधारणा की थी, उसमें धर्म,जाति, भेदभाव, वर्गवाद एवम वर्ण व्यवस्था से ऊपर उठकर इस देश का निर्माण करना था, परंतु पिछले एक दशक से देश को धर्म, जाति एवं वर्ग के आधार पर विभाजित करने की दिशा में कार्य किया जा रहा है, जो भारत की लोकतांत्रिक व्यवस्था के लिए ठीक नहीं है। बाबा साहब अंबेडकर द्वारा रचित भारत का संविधान इस देश के प्रत्येक नागरिक को समानता का अधिकार प्रदान करता है।

उन्होंने स्पष्ट रुप से कहा था जो व्यक्ति अपने अधिकारों से वंचित है, वह समाज से वंचित है। उन्होंने जातिवाद, असमानता के विरुद्ध आजीवन लड़ाई लड़ी। उनके विचार और आदर्श हमारे लिए अनुकरणीय है। उक्त आशय के उद्गार प्रदेश कांग्रेस महासचिव एवं पूर्व नगर पालिका अध्यक्ष कैलाश परमार ने डॉ बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर की जयंती के उपलक्ष्य में अंबेडकर पार्क में व्यक्त किये। अंबेडकर सोशल वेलफेयर सोसाइटी द्वारा आयोजित कार्यक्रम में जिला पंचायत सदस्य कमल सिंह चौहान, जन भागीदारी समिति के पूर्व अध्यक्ष प्रदीप प्रगति, आत्माराम पचलासिया, पूर्व पार्षद नरेंद्र कुशवाह, पूर्व पार्षद सुभाष नामदेव, पिंटू परमार, अमित सेन आदि मौजुद थे।

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