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आष्टा । आष्टा में कुशवाहा समाज के प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव पर आयोजित संगीतमय श्रीमद्भागवत कथा ज्ञान यज्ञ सप्ताह के तृतीय दिवस पर भगवताचार्य पं. डॉ दीपेश पाठक ने वामन अवतार की कथा सुनाई। उन्होंने कहा कि ऋषि कश्यप का विवाह अदिति के साथ हुआ। विवाह के कुछ समय बाद उनके पुत्र बनकर विष्णु जी ने भगवान वामन के रूप में जन्म ​लिया।

राजा बलि का प्रसंग सुनाते हुए आचार्य ने कहा कि भगवान वामन, राजा बलि के घर पहुंचे। बलि ने भगवान वामन का आतिथ्य व स्वागत किया। इसके बाद उन्होंने भगवान वामन के आने का प्रयोजन पूछा। इस पर भगवान वामन ने राजा बलि से कहा कि आपकी दानशीलता सुनकर आपके पास आया हूं। मैं आपसे मात्र तीन पग जमीन दान में मांगता हूं।

राजा बलि ने भगवान वामन को तीन पग भूमि दान देने का संकल्प लिया। भगवान वामन ने दो पगों में आकाश व पृथ्वी लोक को नाप लिया। इसके बाद राजा बलि के पास कुछ नहीं बचा तो उन्होंने तीसरा पांव रखने के लिए अपने सिर को निवेदित किया। इसके आगे आचार्य जी ने कहा कि सत्संग से अच्छी संगति मिलती है अच्छी बातें जानने पर बच्चों में भी अच्छे संस्कार व भाव उतपन्न होते हैं ।

इसलिए धार्मिक कथाओं के माध्यम से बच्चो को प्रेरित करना चाहिए कथा के दौरान वामन अवतार पर सुंदर झांकी प्रस्तुत की गई जिसे देखकर श्रद्धालु भावविभोर हो गए। इस अवसर विभिन्न सामाजिक संगठनों ने कथाव्यास का स्वागत कर आशीर्वाद ग्रहण किया कथा श्रवण हेतु प्रांगण में नगरवासी एवं विभिन्न महिला मंडल की महिलाएं बड़ी संख्या में उपस्थित थी

“सुबह हो रही है नित्य पूजन व अभिषेक”
मीडिया प्रभारी बलराम कुशवाह ने बताया की भागवत कथा के पूर्व प्रतिदिन सुबह पंचकुंडीय श्रीहरिहर महायज्ञ में प्रतिष्ठित देवताओं की पूजा अर्चना एवं यज्ञ आहुतियां दी जा रही है ।

यज्ञाचार्य नगरपुरोहित पँ मनीष पाठक सहित विप्र वैदिक ब्राह्मण द्वारा अभिषेक हवन यज्ञ आरती व परिक्रमा के वैदिक कार्य सम्पन्न किया जा रहा है इस दौरान सुबह के समय श्रद्धालुओं पूजन के लिए उपस्थित होते हैं ।

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