आष्टा। करीब 10 दिनों के बाद खुली मंडी में उम्मीद की जा रही थी कि अब व्यापार सुचारू रूप चलेगा लेकिन खुली मंडी में एक दिन नीलामी हुई और फिर दूसरे दिन ई मंडी को लेकर एक बार फिर व्यापारी ओर मंडी प्रशासन आमने सामने आ गया। फिर इस मुद्दे पर नीलामी रुक गई,किसान नीलामी नही होने से परेशान होता रहा।
समस्याओं का सेतु प्रेस को जैसे ही खबर लगी सोशल मीडिया पर धड़ा धड़ खबर आ गई,आई खबर को जिला प्रशासन ने संज्ञान लिया और थोड़ी देर में ही मंडी की भारसाधक अधिकारी एसडीएम स्वाति उपाध्याय मिश्रा तहसीलदार पंकज पवैया मंडी पहुच गये। सत्संग भवन में मंडी प्रशासन,एसडीएम एवं व्यापारियों के बीच बैठक हुई।
कृषि उपज मंडी में होली रंगपंचमी,मार्च इंडिंग के कारण 23 मार्च से 1 अप्रैल तक 10 दिन मंडी में अवकाश रहा । 10 दिनों से बंद कृषि उपज मंडी 2 अप्रैल मंगलवार से फिर खुल गई और 10 दिन बाद खुली
कृषि उपज मंडी में ऊपज की बंपर आवक रही । उम्मीद की जा रही थी कि अब मंडी सुचारू रूप से चलेगी। लेकिन शायद ये गलत सिद्द हुआ । बुधवार को किसानों को बिना बताए नीलामी रोक दी गईं और घंटो तक नीलामी बंद रहने से किसानों को दोपहर तक परेशानियों का सामना करना पड़ा।
सूचना मिलने पर मंडी की भारसाधक अधिकारी एसडीएम श्रीमती स्वाती उपाध्याय मिश्रा सोशल मीडिया पर सूचना प्राप्त हुई तो मंडी पहुंची जहां पहले मंडी के व्यापारियों के साथ बैठक कर किसानों की समस्याओं को सुनने के बाद कहीं जाकर पुनः नीलामी शुरू करवाई गई।
लेकिन आज बैठक में व्यापारियों को एसडीएम की नसीहत देते हुए कहा की बार बार मंडी में जो कुछ होता आ रहा है उसके कारण किसानों की आष्टा पर से आस्था खत्म हों रही है। ये अच्छे संकेत किसी के लिये भी नही माने जा सकते है।
बुधवार को स्थानीय कृषि उपज मंडी में ई मंडी के कारण व्यापारियों को आ रही परेशानियों के कारण व्यापारियों ने नीलामी कार्य बंद कर दिया। जब यह जानकारी सोशल मीडिया के माध्यम से जिला कलेक्टर सहित प्रशासनिक अधिकारियों तक पहुंची तो तत्काल एसडीएम भारसाधक अधिकारी श्रीमती स्वाति उपाध्याय मिश्रा, प्रभारी
तहसीलदार पंकज पवैया कृषि उपज मंडी परिसर में पहुंचे और उन्होंने व्यापारियों के सत्संग भवन में मंडी सचिव श्रीमती प्रवीणा चौधरी की उपस्थिति में एसडीएम ने व्यापारियों की बातों को सुना । एसडीएम ने अपनी बात भी कहीं और यह तक की व्यापारियो को नसीहत देते हुऐ कहा की मंडी में आपके विश्वाश पर किसान चला आता है आप यदि मंडी बंद कर देगे।खरीदी बंद कर देगे तो आप अपना क्रेडिट और विश्वाश खो देगे ।
एसडीएम ने कहा मुझे यह आए सिर्फ करीब 15 दिन हुऐ, लेकिन जब से आई हूं लगातार यही सुन रही हूं कि मंडी बंद है ,मंडी बंद है । आप व्यापारी है,लेकिन एक किसान के नजरिए से जरा सोचिए, आष्टा पर से किसान की आस्था खत्म हों रही है। आप सभी अपना क्रेडिट बनाकर रखें, क्रेडिट बनाए रखने के लिए जो भी समस्याओं से जुझना है वो हमें अंदरूनी रुप से व्यापारी और मंडी प्रशासन को ही हल करनी है।
हमारी क्या समस्या आ रही है उससे किसान को कोई मतलब नही है ,इसके लिए किसान जवाबदार नही है, इसके लिए हम जवाबदार है। ई मंडी का यह सिस्टम हमें लागू करने को दिया गया है और अब हम इसे लागू करना चाहते है ।
यह आप सब समस्याओं पर बात कर रहे लेकिन कोई भी समस्याओं के समाधान पर बात नही कर रहा है ।
वहीं ई – मंडी के तहत 51 प्रतिशत कार्य आज से प्रारंभ होना चाहिए, आप लोगों को जो परेशानी व समस्या आ रही है ,उसका निदान करने के लिए मैं आज पूरे समय तक मंडी परिसर में ही रहूंगी।
बैठक में व्यापारी संघ अध्यक्ष रुपेश राठौर, संतोष झंवर सहित अन्य व्यापारियों ने भी अपनी समस्या बताई। उन्होंने बताया की समस्याओं साफ्टवेयर संशोधन, किसान डबल नीलाम कराता है, कर्मचारी की कमी , गार्ड ई पर्ची बना रहे हैं तथा जिन किसानों ने नीलामी के माध्यम से व्यापारीयों को ई नीलामी के माध्यम से उपज विक्रय की थी, लेकिन व्यापारी के प्रतिष्ठान पर नई तुलवाई उससे अधिक दाम पर कहीं विक्रय कर दी, इस समस्या को लेकर मंडी सचिव को कई बार अवगत कराया लेकिन कोई निराकरण नहीं किया। व्यापारियों की बातों को एसडीएम श्रीमती उपाध्याय ने गंभीरता से सुना और निराकरण कराने की बात कही तथा कहा कि मंडी में किसी प्रकार की परेशानी ना आवें, ऐसा प्रयास किया जाएगा। एसडीएम से चर्चा के पश्चात व्यापारियों ने नीलामी का कार्य प्रारंभ किया। काफी देर तक नीलामी बंद करने से किसानों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ा।
“बिना सूचना के नीलामी बंद करना गलत है यह मनमानी है व्यापारीयों की-पूर्व मंडी अध्यक्ष”
10 दिनो के अवकाश के बाद खुली मंडी को बिना सूचना के नीलामी बंद होने से किसान घंटों तक परेशान रहा। इसको लेकर पूर्व मंडी अध्यक्ष धरम सिंह आर्य ने मंडी सचिव से मोबाईल पर चर्चा कर कहा की किसानो को बिना सूचना दिए नीलामी बंद करना गलत है ।
ई नीलामी भारत सरकार का उपक्रम है ,इसे तो चलाना है ।इससे किसानों को फायदा है ।सरकार ने पारदर्शिता के लिए ही तो ई मंडी संचालन पर जोर दिया है। यह गलत तरीका है कोई समस्या है तो मंडी के सब पक्ष को मिल कर हल करना चाहिये ।
मीडिया पर ठीकरा फोडना बन्द करे व्यापारी,इससे गलतियां नही छुपेगी – कांग्रेस
आज इस मामले पर आष्टा कांग्रेस के ब्लाक अध्यक्ष जितेंद्र सिंह ठाकुर शोभाखेड़ी ने भी पत्रकारो को कहा की आए दिन समाचार पत्रों में पढ़ने को मिलता है की मंडी में अवस्थाओं के कारण,कभी मंडी बन्द,कभी,गेट के ताले लटके,कभी ई पर्ची बनाने के लिये परेशानी हो रही है।
मंडी के सभी पक्षो को निश्चित रूप से मंडी व्यापारी, मंडी प्रशासन को ध्यान देना चाहिए । अपनी मंडी का नाम प्रदेश में बहुत अच्छा है, इसलिए जो भी गलत हो रहा है उसे सुधार कर हमारे किसानो का विश्वास बना रहें ,ऐसा कार्य हमारे व्यापारियों को करना चाहिए।
जो भी समस्या हो उसका हल करो,हल खोजो,मीडिया पर ठीकरा मत फोड़ो
जब भी मंडी में कोई समस्या खड़ी होती है,कोई विवाद होता है, तब मीडिया अपनी कलम ओर कैमरा चलाता है। जब कलम चलती है,कैमरा ऑन होता है तो इसके पीछे उद्देश्य यही होता है जो समस्या आई है उसका समाधान हो। लेकिन कुछ व्यापारी गलतियों को छुपाने के लिए उल्टा मीडिया पर ठीकरा फोड़ कर मीडिया को निशाने पर लेते है । इस तरह अपनी कमियों को सुधारें, मिडिया के साथियों पर ठीकरा ना फोड़े ओर मिडिया को बदनाम ना करे।
देवास पोर्टल की कमियों को दूर करे,व्यापारी कभी ई मंडी के खिलाफ नही है-रूपेश राठौर
ई मंडी के मुद्दे पर व्यापारियों का कोई विरोध नही है,हमने मंडी सचिव को कई बार शिकायत की है की अभी जिस देवास पोर्टल पर कार्य हो रहा है,उसमे जो कमियां हमने बताई उन कमियों को दूर किया जाये। लेकिन नही हुई। कई व्यापारियों की एक से अधिक फर्म है एक ही कम्प्यूटर पर एक ही फर्म का कार्य होने से व्यापारी अलग अलग फर्म के लिये अलग अलग कितने कम्प्यूटर लगाये कितने मुनीम रखे ये संभव नही है।
लेकिन हमारी बात को नजर अंदाज किया जा रहा है। कल रात्रि में नीलामी तो पूरी कराई गई। जब रात्रि में मंडी सचिव से बिल सत्यापित करने का निवेदन किया तो मना कर दिया कहा सुबाह किया जायेगा। रात्रि में भरे ट्रक मंडी से बहार नही निकले व्यापारियों को उन ट्रकों को नाइट हाल्ट का पैसा भुगतना पड़ा व्यापारियों को हजारों की चपत लगी है। मंडी व्यापारी संघ के अध्यक्ष रूपेश राठौर में कहा हुए नुकसान की जिम्मेदारी कौन लेगा।