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आष्टा । न्यायालय परिसर, आष्टा में राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण जबलपुर के आदेशानुसार दिनांक 09 मार्च 2024 को नेशनल लोक अदालत में सर्वप्रथम माॅ सरस्वती की प्रतिमा के समक्ष तहसील विधिक सेवा समिति, आष्टा के अध्यक्ष माननीय प्रथम जिला न्यायाधीश, श्री सुरेश कुमार चौबे तथा द्वितीय जिला न्यायाधीश श्री कंचन सक्सेना, न्यायाधीश श्रीमती वंदना त्रिपाठी, न्यायाधीश श्री एम.एन.एच. रजवी, न्यायाधीश श्रीमती ऋचा राजावत, न्यायाधीश सुश्री आयुषी गुप्ता,श्रीमती रिचा जैन, भारतीय स्टेट बैंक, आष्टा कन्नौद रोड, कन्नौद मिर्जी, कोठरी, जावर, के मुख्य शाखा प्रबंधक भगत सिंह एवं प्रबंधक जावर संदीप जैन प्रबंधक रजत जैन प्रबंधक हर्षिता सोलंकी, मोहन पांडेय प्रबंधक मध्यप्रदेश विद्युत वितरण कम्पनी लिमिटेड के उपमहाप्रबंधक अजय कुमार वाधवानी अधिवक्तागण एवं कर्मचारीगण ने माल्यार्पण एवं दीप प्रज्वलित कर नेशनल लोक अदालत का प्रारंभ किया गया।

लंबित प्रकरणों में प्रथम जिला न्यायाधीश श्री एस.के.चौबे के न्यायालय मे कुल 255 विद्युत प्रकरण निराकरण के लिए रखे गए थे। जिसमें से राजीनामा अनुसार कुल 237 प्रकरणों का निराकरण हुआ। जिसमें 1719218 रूपये राशि जमा करायी गयी, तथा अन्य लिटिगेशन प्रकरणों में जिसमे कुल 425 प्रकरण रखे गए थे जिनमें से 41 प्रकरणों में 82 पक्षकारो को 3781790 समझौता राशि दिये जाने के आदेश न्यायालय द्वारा किये गये। द्वितीय जिला न्यायाधीश कंचन सक्सेना के न्यायालय मे कुल 52 प्रकरण निराकरण हेतु रखे गये थे जिसमें से 17 प्रकरणों का निराकरण हुआ। जिसमें 62 पक्षकारगण को 4675937 रूपये का लाभ हुआ। न्यायिक मजि. प्रथम श्रेणी श्रीमती वंदना त्रिपाठी के न्यायालय में प्रीलिटिगेशन के सम्पत्तिकर/जलकर के कुल 160 प्रकरणों का निराकरण हुआ जिसमें 160 पक्षकारगण 573561 रूपये जमा कराये गये तथा अन्य 62 प्रकरण निराकरण हेतु रखे गए थे जिनमें 30 प्रकरणों में आपसी सहमति से प्रकरणों का निराकरण हुआ।

तथा 60 पक्षकारों को 2252000 रूपये का लाभ प्राप्त हुआ, इसी प्रकार श्री एम.एन.एच. रजवी के न्यायालय में बैंक प्रीलिटिगेशन के कुल 20 प्रकरण जिसमें से 10 का निराकरण हुआ और 10 पक्षकारगण को 1022644 रूपये राशि राजीनामा अनुसार जमा करायी गई कुल एवं अन्य 28 प्रकरण निराकरण हेतु रखे गए थे जिसमें ने 28 प्रकरणों का निराकरण हुआ जिसमें54 पक्षकार 2609652 रूपये लाभान्वित हुए। श्रीमती ऋचा राजावत के न्यायालय में 868 प्रकरण निराकरण हेतु रखे गए थे जिसमें से 26 प्रकरण निराकृत हुए तथा 57 पक्षकारगण को 6033623 रूपये का लाभ प्राप्त हुआ। सुश्री आयुषी गुप्ता के न्यायालय में 21 प्रकरण निराकरण हेतु रखे गए थे जिसमें से 21 प्रकरण निराकृत हुए तथा 47 पक्षकारगण को 582000 रूपये का लाभ प्राप्त हुआ। श्रीमती रिचा जैन के न्यायालय में 284 प्रकरण निराकरण हेतु रखे गए थे जिसमें से 23 प्रकरण निराकृत हुए तथा 46 पक्षकारगण को 1857104 रूपये का लाभ प्राप्त हुआ।

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