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सीहोर। सफलता और संतोष दो अलग-अलग चीजें है। आप अपनी मेहनत से सफलता तो प्राप्त कर सकते है, लेकिन संतोष प्राप्त करने के लिए आपको कठिनाईयों का सामना करना पड़ेगा। भगवान भोले की भक्ति करने के बाद भी आपको सफलता प्राप्त होगी। आशुतोष का अर्थ शीघ्र प्रसन्न होने वाला होता है।

देवों के साथ सभी दानवों ने भी भगवान शिव की स्तुति की है, सभी युगों में दानवों ने कभी भगवान शिव से दुश्मनी नहीं की न ही भगवान शिव ने दानवों सहित किसी प्राणी के साथ कभी विपरीत भाव रखा। इसलिए भगवान शिव सभी प्राणियों के लिए प्रिय एवं पूजनीय हैं, इसलिए भगवान शिव आशुतोष कहलाए।

उक्त विचार जिला मुख्यालय के समीपस्थ चितावलिया हेमा स्थित निर्माणाधीन मुरली मनोहर एवं कुबेरेश्वर महादेव मंदिर में जारी सात दिवसीय रुद्राक्ष महोत्सव के दौरान शिव महापुराण में शामिल हुए लाखों श्रद्धालुओं को संबोधित करते हुए अंतर्राष्ट्रीय कथावाचक पंडित प्रदीप मिश्रा ने कहे। कथा के दौरान पूर्व सीएम शिवराज सिंह चौहान, प्रदेश के मंत्री विश्वास सारंग, विधायक सुदेश राय, नगर पालिका अध्यक्ष प्रिंस राठौर,सन्नी महाजन आदि जनप्रतिनिधि भी पहुंचे थे।


उन्होंने कहा कि अगर कोई व्यक्ति भगवान शिव के आशुतोष स्वरूप का स्मरण कर भगवान शिव की अर्चना करता है तो उस व्यक्ति के सारे मन के द्वेष समाप्त हो जाते हैं। आज जगत के सभी प्राणियों को भी भगवान शिव के आशुतोष स्वरूप का अनुसरण करना चाहिए। जीवन में जब उलझन पैदा हो रही हो, जीवन मिलने के बाद भी उलझनों में वृद्धि हो रही हो तो मनुष्य को भगवान शिव के आशुतोष नाम का उच्चारण एवं स्मरण करना चाहिए।

हर मनुष्य को भगवान को उनके स्वरूप को अपने दिनचर्या में शामिल करना चाहिए। अपने व्यवसाय, दिनचर्या में जब सेवा एवं सहयोग को जोड़ देंगे तो भगवान शिव जो आपको देंगे उसकी कल्पना आप नहीं कर पाएंगे। आज शिव की दयालुता के कारण यह संसार शिवमय हो गया है। अब तो विदेशों में भी भगवान के मंदिरों का तेजी से निर्माण हो रहा है।

हमारे देश के प्रधानमंत्री ने विदेश जाकर भगवान के मंदिर पहुंचकर स्थापना की थी। शुक्रवार को महाशिवरात्रि के महत्व का वर्णन करते हुए शिकारी और अन्य पुराणों में वर्णित विचारों का विस्तार से वर्णन करते हुए भगवान शंकर की शिवरात्रि का महत्व बताया कि उन्होंने आगे कहा कि आशु का अर्थ होता है शीघ्र और तोश का अर्थ होता है तुष्ट होने वाला, प्रसन्न होने वाला।

भगवान अपने भक्तों की प्रार्थना से तुरंत प्रसन्न हो जाते हैं, इसलिए उन्हें आशुतोष कहा जाता है। वे मात्र जल से अभिषेक कर देने से ही तुष्ट हो जाते हैं, अधिक कुछ करने की आवश्यकता ही नहीं पड़ती।

सफलता और संतोष के बारे में विस्तार से चर्चा करते हुए अपने समय को ईश्वर की भक्ति में लगाने का आह्वान लाखों श्रद्धालुओं से किया। घड़ी हम बांधते हैं पर समय को हम नहीं बदल सकते पर व्यक्ति के अच्छे बोल अच्छे विचार, अच्छा कर्म भगवान के प्रति श्रद्धा आपके समय को बदल देता है।


आस्थावान श्रद्धालुअ जहां पर भी स्थान मिल रहा कथा का श्रवण कर रहे है। शिव महापुराण को लेकर आस्थावान श्रद्धालु लाखों की संख्या में पंडाल में दो दिन पहले से डेरा जमाए हुए है। पंडाल समय से पहले ही पैक हो गए है। लोगों ने धूप में छतरी और साड़ी डालकर कथा सुनी।

50 एकड़ के ग्राउंड में श्रद्धालु जमे हुए है। पिछले वर्ष से दुगनी संख्या में पहुंचे श्रद्धालु, समिति और प्रशासन सक्रिय विठलेश सेवा समिति के मीडिया प्रभारी प्रियांशु दीक्षित ने बताया कि इस बार पिछले वर्ष से दुगनी संख्या में श्रद्धालु भगवान शंकर की पवित्र शिव महापुराण की कथा का श्रवण करने के लिए कुबेरेश्वरधाम पर पहुंचे है,

इस वर्ष समिति, क्षेत्रवासियों और जिला प्रशासन की सक्रियता के कारण हाईवे आदि पर जाम नहीं लग रहा है, आने वाले श्रद्धालुओं के लिए सहायता केन्द्र, स्वास्थ्य के शिविरों के अलावा अनेक स्थानों पर पेयजल, भोजन की व्यवस्था की गई है।


महाशिवरात्रि पर टैंकरों के द्वारा वितरित की ठंडाई
इधर पनीर फैक्ट्री के संचालक राजेन्द्र प्रसाद मोदी, किशन मोदी और प्रबंधक डीसी बघेल की टीम ने यहां पर आने वाले श्रद्धालुओं के लिए ठंडाई का वितरण किया जा रहा है। करीब 12 हजार लीटर से अधिक छाछ आदि का वितरण किया जा रहा है। आगे भी यह क्रम जारी रहेगा। इसके अलावा समिति ने अनेक स्थानों पर भोजन-पेयजल की व्यवस्था की है।

“कुबेरेश्वर धाम की व्यवस्था से संतुष्ट नजर आए श्रद्धालु , व्यवस्थाओं की सराहना की”

कुबेरेश्वर धाम में आने वाले श्रद्धालुओं के लिए सभी आवश्यक व्यवस्था की गई है । इन व्यवस्थाओं के सुचारू संचालन के लिए पर्याप्त संख्या में अधिकारी कर्मचारी की ड्यूटी लगाई गई है । ड्यूटी में लगे सभी अधिकारी कर्मचारी पूरे सेवा भाव से लगातार अपने दायित्व का निर्वहन कर रहे हैं जिसके चलते सभी व्यवस्थाएं बेहतर ढंग से संचालित हो रही है ।

कुबेरेश्वर धाम में आने वाले श्रद्धालु प्रशासन द्वारा की गई व्यवस्थाओं से न केवल संतुष्ट नजर आए बल्कि उन्होंने इसकी सराहना भी की । कुबेरेश्वर धाम में भरतपुर से आई श्रीमती पुनम बंसल ने बताया कि प्रशासन की व्यवस्थाएं बहुत अच्छी है उन्होंने कहा कि हमें पानी के लिए परेशान नहीं होना पड़ रहा है ।

कथा स्थल पर लगाए गए पंडाल तक आसानी से पहुंच गए कहीं कोई दिक्कत नहीं हुई । इसी प्रकार गुजरात से आए श्री मोहन ने बताया कि खाने की व्यवस्था बहुत अच्छी की गई है । भरपेट भोजन मिल रहा है । बिहार से आई रानू ने कहा कि उनका बच्चा उन से बिछड़ गया था, लेकिन कुछ ही देर में खोया पाया केंद्र की मदद से उनके बच्चा उनको वापस मिल गया ।

उत्तरप्रदेश से आए श्री धनराज ने बताया कि उनकी तबीयत खराब हो गई थी। कुबेरेश्वर धाम में लगाए गए हेल्थ कैंप में उनको इलाज हो गया जिससे उनकी तबीयत पूरी तरह ठीक हो गई है । गुजरात से बस से आए श्री जयेश ने बताया कि यहां पर पार्किंग की बहुत अच्छी व्यवस्था की गई जिससे बस पार्किेंग के लिए उनको कोई परेशानी का सामना नहीं करना पड़ रहा है ।

“कुबेरेश्वर धाम में कंट्रोल रूम के सुचारू संचालन के लिए अधिकारी-कर्मचारियों की लगाई गई ड्यूटी”

महाशिवरात्रि पर्व को दृष्टिगत रखते हुए कुबेरेश्वर धाम में कंट्रोल रूम पर व्यवस्था के सुचारू रूप से संचालन के लिए उपयंत्रियों एवं उनके अधीनस्थ कर्मचारियों की 05 से 13 मार्च तक ड्यूटी लगाई गई है ।


व्यवस्था के संचालन के लिए अनुविभागीय अधिकारी श्री पीएस ठाकुर मो 8109391253, उपयंत्री श्री राजेश कुमार गुप्ता मो. 9424485693, स्थलसहायक श्री नर्मदा प्रसाद राय मो. 9827513650 की ड्यूटी प्रात: 6.00 से 12 बजे तक लगाई गई है ।

इसी प्रकार अनुविभागीय अधिकारी श्री अन्वेष प्रताप सिंह, मो. 8085210148, उपयंत्री श्री जितेन्द्र कुमार श्रीवास्तव मो. 8463013736, प्र.उपयंत्री श्री देवराम वर्मा मो. 9993631157 की ड्यूटी 12.00 से सायं 6.00 तक लगाई गई है । उपयंत्री श्री सुधीर कुमार सक्सेना मो. 9893303067, स्थल सहायक श्री मो० मन्सूर मो. 7747894191 की ड्यूटी सायं 6.00 से रात्रि 12.00 बजे तक लगाई गई है ।

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