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आष्टा । कहावत है जलने के बाद व्यक्ति छाछ भी फूंक फूंक कर पीता है। ये कहावत एक बड़ा संदेश सतर्क होने,संभलने का देती है। लेकिन शायद कांग्रेस को ऐसी प्रेरणादायी कहावतों से कोई लेना देना नही लगता है। सही भी है,जब कांग्रेस वर्षो से पराजय के बाद नही सुधरी तो हाल ही में करारी पराजय के बाद वो कैसे सुधर सकती है।

हाल ही में सम्पन्न हुए विधानसभा के चुनाव में करारी हार का दुख कांग्रेस भूली भी नही है वही आज नव नियुक्त प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष जीतू पटवारी इंदौर से भोपाल पदभार ग्रहण करने रवाना हुए। पूरे रास्ते भर उनका स्वागत हुआ। आष्टा में भी कांग्रेस ने उनका स्वागत रखा उम्मीद की जा रही थी कि करारी हार से कांग्रेसियों ने सबक लिया होगा और आज एक ही स्थान पर उनका सभी मिल कर स्वागत करेंगे पर ये आष्टा है और आष्टा की कांग्रेस में ऐसा हो नही सकता है।

हुआ भी यही एक ही स्थान पर बायपास चौपाटी पर चंद कदमो की दूरी पर कांग्रेस के दो गुटों ने अपने अपने मंच अलग अलग बनाये ओर अलग अलग स्वागत किया। बायपास पर एक मंच कांग्रेस के प्रत्याशी रहे कमलसिंह चौहान ने अपना अलग मंच बनाया और जीतू पटवारी का स्वागत किया। कमलसिंह के मंच पर सुनील सेठी,विनीत सिंगी,सोभालसिंह ठाकुर मुगली,डॉ मीना सिंगी,देवराज परमार,चंदरसिंह ठाकुर,इदरीश मंसूरी आदि उपस्तिथ थे।

यही पर चंद कदमो की दूरी पर ब्लॉक कांग्रेस ने अपना स्वागत मंच अलग बनाया और यहा अलग से हरपाल ठाकुर,जितेन्द्र शोभाखेड़ी,जाहिद गुड्डू,महेश मुंदीखेड़ी आदि ने जीतू पटवारी का स्वागत किया। वही यहा से रवाना होंने पर प्रदेश कांग्रेस के महामंत्री कैलाश परमार ने किलेरामा में अपनी ओर से अलग से स्वागत कार्यक्रम का मंच बना कर उन्होंने वहा स्वागत किया।

किलेरामा में प्रदीप प्रगति,नरेन्द्र कुशवाह,राजेन्द्र ठाकुर आदि उपस्तिथ थे।
अगर कांग्रेस के सब नेता चाहते तो एक ही मंच बना कर सभी एक ही स्थान पर से जीतू पटवारी का स्वागत करते तो एक बड़ा संदेश जरूर जाता लेकिन शायद कांग्रेस ऐसा शायद चाहती नही है.!

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