आष्टा। न्यायालय द्धितिय अपर सत्र न्यायधीश श्री कंचन सक्सेना आष्टा के न्यायलय द्वारा आरोपी नारायणसिंह पिता भेरूसिंह निवासी ग्राम रूपेटा तहसील आष्टा को भारतीय दंड विधान की धारा 325 में दोषी पाते हुए तीन वर्ष का साश्रम कारावास एवं दो हजार रूपयें के अर्थदंड से दंडित किया गया।
अपरलोक अभियोजक विजेन्द्रसिंह ठाकुर ने बताया कि फरियादी जीवनसिंह पिता कोदरसिंह जाति सेंधव निवासी ग्राम रूपेटा ने घटना दिनांक 29 मई 2021 को अपने भांजे लोकेन्द्र के साथ आष्टा के थाना पार्वती में रिर्पोट लेख कराई कि मैं सुबह सात-आठ बजें के लगभग अपने खेत पर बने टापरी के पास मवेशी बांधने गया था, तभी मेरे चाचा भेरूसिंह अपने हाथ में कुल्हाडी लेकर
ओर उसका लडका नारायण अपने हाथ में लोहे का पाईप व अम्बाराम के हाथ में बांस की लकडी लेकर मुझे मां-बहन की गंदी गंदी गालिया देकर बोले तु इधर से मवेशी क्यो निकाल रहा है, मैने गाली देने से मना किया तो मुझे तीनो मारने दौडे, तभी मेरा भाई जयसिंह मुझे बचाने आया।
तो नारायणसिंह ने अपने हाथ मे रखे लोहे के पाईप से मेरे भाई के जयसिंह के सिर में मारा,चोट लगने से जयसिंह नीचे गिर गया,भेरूसिंह ने अपने हाथ मे रखी कुल्हाडी से जयसिंह के पैर मे मारा व अम्बाराम लकडी से सीधे हाथ में मारा,मैं बचाने दोडा तो तीनो जाते जाते बोले आईदा इधर से मवेशी लाया तो जान से खत्म कर दुंगा।
तभी दुर्गेश व नारायण का भानेज भुपेन्द्र अपने हाथो में लकडी लेकर मुझे व मेरे भाई दोनो को गंदी गंदी गालिया देते हुए जयसिंह के साथ मारपीट करने लगे। तभी मेरे जीजा ज्ञानसिंह व भानेज कुलदीप एवं अन्य आसपास के लोग आ गये, जिन्होंने घटना देखी व बीचबचाव भी किया। जयसिंह को इलाज हेतु आष्टा अस्पताल लाये, गंभीर स्थिति होने के कारण इन्दौर जीबीएल हास्पिटल में इलाज कराया। घटना की रिर्पोट फरियादी द्वारा पार्वती थाना में कराई।
पुलिस द्वारा आरोपीगण नारायणसिंह, भेरूसिंह, अम्बाराम निवासी रूपेटा के खिलाफ प्रकारण धारा 294,324,506़/34 इजाफा धारा 307 में प्रकरण पंजीबद्ध कर प्रकरण में विवेचना प्रारंभ की गई। प्रकरण अनुसंधान के उपरांत अभियोग पत्र न्यायालय में पेश किया। विचारण न्यायालय ने अभियोजन की ओर से साक्ष्य कराई गई, दोनो पक्षो की बहस सुनने के उपरांत सेशन न्यायधीश श्री कंचन सक्सेना के द्वारा आरोपी नारायणसिंह को दोषी पाते हुए धारा 325 में तीन वर्ष की सजा एवं दो हजार रूपयें के अर्थदंड से दंडित किया। शासन की ओर से पेरवी अपरलोक अभियोजक विजेन्द्रसिंह ठाकुर के द्वारा की गई।