आष्टा । आज अल सुबाह से आसमान में कोहरे जैसे बादल छाये हुए थे जो रात तक छाये हुए थे,रात होते होते ये छाये बादल बूंदा बांदी के रूप में बरसने शुरू हुए,किसानों की हार्दिक इच्छा है कि एक मावठा जम कर बरसे।
इन दिनों क्षेत्र में लगभग गेंहू,चने की बोवनी पूरी हो चुकी है। किसान पानी फेरने में जुटा है,कही खेतो में पानी पलेवा के रूप में फेरा जा रहा है,कही बोवनी के बाद खेतो में खड़ी फसल में पहला पानी फेरा जा रहा है।
किसान बड़ी ही आशा भरी निगाह से आसमान की ओर देख इंद्रदेवता से यही कामना कर रहा है कि एक मावठा गिरा दो ।
अगर एक मावठा गिर जाता है तो वो किसानों के लिये सोने में सुहागा वाली कहावत को चरितार्थ कर देगा। समाचार लिखे जाने तक बूंदा बांदी चल रही है,जिससे सड़के गीली हो गई है।