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आष्टा । सीहोर जिले के मेहतवाड़ा स्थित सेल मेन्यूफेक्चरिंग कंपनी लिमिटेड (धागा फेक्ट्री) पर बिजली कंपनी का पांच करोड़ 13 लाख 98 हजार 409 रुपए अगस्त महीने का बिजली बिल बकाया है। बिजली कंपनी की तरफ से बकाया जमा कराने सेल कंपनी प्रबंधन को 13,20 और 29 सितंबर को पत्र भी लिखा, लेकिन प्रबंधन ने राशि जमा नहीं कराई । इसके चलते बिजली कंपनी ने 29 सितंबर की शाम सात बजकर 40 मिनट पर बिजली काट दी है।

आज 10 दिन बीत जाने के बाद भी राशि जमा नही हुई है,इससे अंदाज लगाया जा सकता है कि फेक्ट्री की आर्थिक स्तिथि क्या हो चुकी है.? बिजली कटने से सेल कंपनी में कामकाज पूरी तरह ठप होने से काम करने वाले 600 से ज्यादा कर्मचारियों की नौकरी पर संकट खड़ा हो गया है। यह कर्मचारी हर दिन कंपनी में काम प्रारंभ होने की उम्मीद लिए जाते पर परेशान होकर मायूस लौट रहे हैं। रात्रि में फेक्ट्री के गेट पर तैनात सुरक्षा गार्ड मोमबती के उजाले में ड्यूटी देने को मजबूर है।


बिजली कंपनी की माने तो सेल कंपनी का 132 केवी (एसटी) कनेक्शन है। जिसका हर महीने 10 से 12 तारीख तक बिजली बिल जमा होता है। बिजली कंपनी ने खपत के आधार पर अगस्त महीने में सेल कंपनी को 5 करोड़ 7 लाख 63 हजार रुपए का बिजली बिल जारी किया था। यह राशि पूरा सितंबर का महीना बीतने के बाद जमा नहीं कराई है। इससे 6 लाख 34 हजार 548 रुपए का सरचार्ज जुडकऱ बिल की राशि 5 करोड़ 13 लाख 98 हजार 409 रुपए हो गई है। सेल कंपनी आर्थिक स्थिति खराब होने की वजह से बिल की राशि जमा नहीं करा पा रही है। इस स्थिति में बिजली कंपनी ने सेल कंपनी का बिजली कनेक्शन काट दिया है। इधर अफसर कंपनी की आर्थिक स्थिति खराब होने की बात कहकर बिल जमा नहीं करा पा रहे हैं। कंपनी को सितंबर महीने का बिल तो मिला ही नहीं है।

“उत्पादन के साथ कम होते गए कर्मचारी”

13 साल पहले धागा फेक्ट्री चालू होने के बाद 2500 के आसपास कर्मचारी काम करते थे, जबकि 120 टन के करीब धागा बनता था। यह धागा पूरे देश के अलावा यूरोपीय देश में सप्लाई होता था। महंगाई बढऩे और लगातार माल की डिमांड कम होने से कंपनी की आर्थिक स्थिति गड़बडाती चली गई। वर्तमान में पिछले कुछ साल से 15 से 20 टन के करीब धागा बन रहा और कर्मचारी भी घटकर 600 के करीब ही रह गए हैं। जिनके सामने भी अब नौकरी जाने का संकट है। कर्मचारियों का कहना है कि घर, परिवार नौकरी के पैसे से ही चलता है पर अब पता नहीं आगे क्या होगा। कई कर्मचारी दूसरे काम की तलाश में जुट गए हैं।


“13 साल में तीन बार बंद हुआ काम”

सेल कंपनी के अधिकारियों की माने तो पिछले 13 साल में कोरोनाकाल की दस्तक के बाद तीन बार कंपनी में काम पूरी तरह से बंद होने की स्थिति बनी है। पहली बार कोरोना के समय लॉकडाउन लगने, दूसरी बार कच्चा मटेरियल नहीं मिलने और तीसरी बार माल के सप्लाई नहीं होने से फेक्ट्री बंद हुई है। अब भी पता नहीं कि कब बिजली कनेक्शन जुड़ेगा और काम चालू होगा।

“फेक्ट्री बंद हुई तो पड़ेगा असर”

धागा फेक्ट्री से स्थानीय के अलावा दूसरे राज्य से आने वाले कर्मचारियों को भी रोजगार मिला है। जावर शहर और मेहतवाड़ा गांव का बाजार भी इस पर काफी हद तक निर्भर है। वजह कंपनी में काम करने वाले लोग इन्हीं जगहों से खरीदी करते हैं। यदि फेक्ट्री बंद हुई तो क्या स्थिति बनेगी अंदाजा लगा सकते हैं। इससे व्यापारियों के चेहरे पर भी उदासी देखी जा रही है।

“सेल फेक्ट्री की स्थिति”

  • 300 एकड़ जमीन में बनी
  • 2010 में हुई चालू
  • 15 टन के करीब बनता है धागा
  • 600 के करीब काम करते हैं कर्मचारी

  • इनका कहना है..
    सेल कंपनी की तरफ से अगस्त महीना का बिल जमा नहीं कराया गया। इसे लेकर तीन बार पत्र लिखा गया, लेकिन फिर भी राशि जमा नहीं कराई। इसके चलते 29 सितंबर को कनेक्शन काट दिया है।
    डीपी मिश्रा, जेई बिजली कंपनी मेहतवाड़ा

अभी जितना माल बनकर तैयार होता है उसकी भी खपत नहीं हो रही है। इस वजह से कंपनी की आर्थिक स्थिति बहुत खराब होने के साथ घाटे में चल रही है। इससे बिल की राशि जमा नहीं हुई है। बिल जमा हो तो बिजली जुड़े,बिजली जुड़े तो काम शुरू हो। बिल जमा हो इसके उच्च स्तर पर प्रयास जारी है
प्रवीन तवर, जीएम (एचआर) सेल कंपनी मेहतवाड़ा

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