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आष्टा । आज मिसाइल मेन, भारत रत्न,पूर्व राष्ट्रपति डॉ एपीजे अब्दुल कलाम की पुण्यतिथि पर शास्त्री विद्यालय में उन्हें श्रद्धा सुमन अर्पित किए। युवा पीढ़ी को नई दिशा देने वाले वैज्ञानिक एवं भारत रत्न से सम्मानित डॉ एपीजे अब्दुल कलाम को आज हम सब उनकी पुण्यतिथि पर श्रद्धा सुमन अर्पित करते हैं। जैसा कि आप जानते हैं 27 जुलाई 2015 को आईआईटी गुवाहाटी में संबोधन के दौरान डॉ एपीजे अब्दुल कलाम का देहांत हो गया था। दुनिया से चले जाने के बाद भी उनके किए गए काम उनकी सोच और उनका संपूर्ण जीवन देश के लिए प्रेरणा स्त्रोत है।

समाज के सभी वर्गों के लिए सोचने वाले डॉक्टर अब्दुल कलाम एक वैज्ञानिक और एक राष्ट्रपति के रूप में अपना अतुल्य योगदान देकर देश की सेवा की । आज उनकी पुण्यतिथि पर ऐसे मिसाइल मेन को याद करते हुए हम अपने आपको गौरवान्वित महसूस कर रहे हैं । उनकी एक बात हम सबको याद रखना चाहिए कि सपने वो नहीं होते जो नींद में देखे जाते हैं सपने वह होते हैं जो हमें सोने ही ना दे। उक्त बातें संस्था प्राचार्य सुनील शर्मा द्वारा डॉक्टर अब्दुल कलाम की पुण्यतिथि के अवसर पर विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए कहे।


इस अवसर पर संस्था के छात्र महत्व मालवीय ने जो कि कक्षा दसवीं मे प्रदेश टॉपर रहे ने कलाम साहब के जीवन चरित्र का वर्णन किया जिसमें उन्होंने उनके जन्म से लेकर मृत्यु तक के उपरांत जो विशेष बातें थी वह अपने सहपाठियों को बताई । मुख्य रूप से कहा गया कि डॉक्टर अब्दुल कलाम का संपूर्ण जीवन काफी संघर्षशील रहा क्योंकि वह एक गरीब परिवार से संबंध रखते थे।

और यही कारण है कि उन्होंने कड़ी मेहनत लगन कर जो सपने सजाए थे वह साकार कीये। संस्था के शिक्षक संजीव दीक्षित ने बच्चों को कलाम साहब के बारे में बताते हुए कहा कि हमारे भारत देश के महापुरुष ही है जो हमें निरंतर संघर्ष रहते हुए लक्ष्य तक पहुंचने की प्रेरणा देते हैं। आज हम ऐसे महापुरुष की पुण्यतिथि मना कर अपने आपको धन्य महसूस समझते हैं।

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