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आष्टा । सीहोर जिला जिसे सोयाबीन-गेंहू उत्पादक जिला माना जाता है। यहा का किसान आमतौर पर दो फसलें पैदा करता है। जहाँ पर्याप्त मात्रा में पानी है वे किसान प्याज,मूंग,लहसुन,अदरक,शब्जिया,फूल आदि की तीसरी फसल भी पैदा करते है। इस बार किसानों की सोयाबीन की फसल पर इंद्रदेवता खफा रहे। उसका परिणाम सोयाबीन की फसल खराब होने के रूप में सबके सामने है।

शासन के पास प्रशासन कृषि विभाग की जो सर्वे रिपोर्ट पहुची है ,जो रिपोर्ट आ रही है उससे भी लगा कि इस बार किसान बिगड़ी सोयाबीन की फसल,कम उत्पादन,लागत भी नही निकलने उल्टे लगाई लागत,कटाई,निकलाई को जोड़ा जाये तो इस बार औसतन किसान नतीजे में शून्य है। जो किसान की चिंता,पीड़ा,दुख का कारण है।

अब किसान इसकी भरपाई को लेकर शासन की ओर मुआवजे के रूप में एवं पीएम फसल बीमा कम्पनी की ओर टकटकी लगा कर देख रहा है। इन दोनों पर किसान को बड़ा भरोसा भी है,लेकिन भरोसा,विश्वास परिणाम कब देगा इसका अन्नदाता को इंतजार है।

सोयाबीन की फसल खराब होने से किसान के सामने सबसे बड़ी समस्या अब यह है कि वो अगली गेंहू,चने की फसल की बोनी के लिए खाद,बीज,डीजल,की व्यवस्था कैसे कहा से करे.? । इसको भी समझने की जरूरत है। क्षेत्र में लगभग 80% सोयाबीन की खड़ी फसल कट चुकी है,थ्रेसिंग का कार्य भी हो चुका है थ्रेसिंग के बाद किसान की चिंता उत्पादन देख कर ओर बढ़ गई है।

मिली जानकारी अनुसार एक एकड़ में कम से कम डेढ से 2 कुंटल ओर कही कही 3 से 4 कुंटल सोयाबीन का उत्पादन होना माना जा रहा है । 3 से 4 कुंटल जिन किसानों का उत्पादन हुआ ऐसे किसान बिरले ही है। वही डेढ़ से 2 कुंटल उत्पादन होने वाले किसानों की संख्या अधिक बताई जा रही है।


कृषि विभाग से प्राप्त जानकारी अनुसार इस वर्ष आष्टा अनुविभाग में करीब 95 हजार एकड़ में सोयाबीन की बुवाई हुई थी। शुरुआत से लेकर चर्मोत्कर्ष तक फसल की स्तिथि काफी संतोषजनक नजर आ रही थी,लेकिन अंतिम चरण में इंद्रदेवता के प्रकोप से फसलों का पूरा यौवन बिगड़ गया और परिणाम सबके सामने है।

जब फसलों की स्तिथि खराब हुई किसानों की ओर से आवाज उठी तब सभी का जनप्रतिनिधि होने के नाते विधायक श्री गोपालसिंह इंजीनियर सबसे पहले खेतो पर पहुचे,किसानों के साथ सोयाबीन की फसल देखी,उनकी पीड़ा सुनी और कलेक्टर सीहोर को पत्र लिख कर अवगत कराया कि अतिवर्षा से फसलों की स्तिथि ठीक नही है,सर्वे कराया जाये।

उसके बाद राजस्व मंत्री के जावर आगमन पर भी यही मांग रखी तब राजस्व मंत्री श्री करणसिंह वर्मा ने घोषणा की की कल से ही सर्वे शुरू होगा। सर्वे पूर्ण हो गया । राजस्व,कृषि,बीमा कम्पनी के प्रतिनिधि के संयुक्त दल ने सर्वे किया,क्रॉप कटिंग का पहला चरण पूर्ण हो गया। दूसरा चरण का कार्य भी अंतिम चरण में है।


अब किसान को उस बीमा कम्पनी से बीमा मिलने का इंतजार है जिस कम्पनी से उसने बीमा कराया था। शासन को चाहिये वो बीमा कम्पनी को निर्देश दे कि किसानों को जल्द से जल्द बीमा मिले

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