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आष्टा–दिगम्बर जैन समाज के सन्त आचार्य श्री 108 विद्यासागर जी के परम प्रभावक शिष्य आष्टा नगर में चातुरमासार्थ विराजित पूज्य मुनि श्री 108 अजित सागर जी महाराज ऐलकद्वय श्री 105 दया सागर जी महाराज,श्री 105 विवेकानंद सागर जी महाराज का पिक्छिका परिवर्तन समारोह दिनाक 8 नवम्बर रविवार को दोपहर 1 बजे से श्री दिगम्बर जैन दिव्योदय तीर्थ किला आष्टा पर आयोजित किया गया है।
सयंम महोत्सव के अंतर्गत पाठशाला के नन्हे बच्चो द्वारा नृत्य नाटिका,आचार्य श्री की संगीतमय पूजन, गुरु पाद प्रक्षालन, शास्त्र भेट , मुनि संघ आशीर्वचन,ततपश्चात पिक्छिका परिवर्तन होगा।

यहां गौरतलब है कि जैन मुनि उपकरण के रुप में जीवो की विराधना से बचने एवं अहिंसा धर्म पालन करने हेतु अपने साथ एक मोर पंख से बनी पिक्छि रखते है जिसे वर्ष भर में एक बार बदल कर पुरानी पिक्छिका सयंम धारण करने वाले श्रावक को प्रदान करते है एवं नई पिक्छिका ऐसे ही श्रावको के हाथों से ग्रहण करते है। पुरानी पिक्छि लेने हेतू समाज के कई युवा दम्पत्तिगणों ने मुनि श्री द्वारा दिये गए नियमो एवं निर्देशो का पालन करने एवं आजीवन सयंम धारण करने का आग्रह किया है।
जिनका पुण्य जाग्रत होगा नवीन पिक्छिका वे ही भेंट करेंगे।


सयंम महोत्सव को लेकर श्री दिगम्बर जैन पँचायत समिति एवं श्री दिग.जैन मुनि सेवा समिति द्वारा भव्य तैयारियां की गई है। दिगम्बर जैन समाज के अध्यक्ष यतेंद जैन महामंत्री कैलाश जैन, जैन मुनि सेवा समिति के अध्यक्ष आनंद जैन आदि ने समाज जनों से समस्त कार्यक्रमो में पधारकर वर्तमान में चल रहे कोविड 19 के सभी नियमो का पालन कर सोश्यल डिस्टेंस के साथ कार्यक्रम को सफल बनाने की अपील की है।

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