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आष्टा । लोकतंत्र के चौथे स्तम्भ की आवाज दबाने को लेकर महाराष्ट्र सरकार ने अब प्रेस को अपना निशाना बनाना शुरू कर दिया है,आर भारत के प्रमुख वरिष्ठ पत्रकार अर्नब गोस्वामी की गिरफ्तारी इसका जीता जागता उदाहरण है। स्मरण रहे सुशांत राजपूत की मौत,ड्रग माफिया गेंग,साधुओं की हत्या आदि मामलों के मामले में जिस तरह से कुछ दिनों से अर्नब महाराष्ट्र सरकार की पोल खोल रहे थे,तभी से वे महाराष्ट्र सरकार,मुंबई पुलिस के निशाने पर आ गये थे,ओर उनकी कल हुई गिरफ्तारी इस ही कड़ी का एक हिस्सा है। अर्नब गोस्वामी की गिरफ्तारी को लेकर पूरे देश की तरह आज अर्नब के समर्थन में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद खुल कर मैदान में आई आज कन्नोद रोड पर महाराष्ट्र सरकार का पुतला दहन किया।

गिरफ्तारी का ये तरीका क्या उचित है.?


अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद का कहना है कि महाराष्ट्र सरकार की तानाशाही एवं लोकतंत्र के चौथे स्तंभ पत्रकारिता (मिडिया) पर दोहरे रवैये के विरोध में ये पुतला दहन किया गया है,और आगे भी ऐसे ही आंदोलन हो सकते है,
अर्नब गोस्वामी के साथ महाराष्ट्र सरकार द्वारा जो अभद्र व्यवहार किया,गिरफ्तारी का जो तरीका पुलिस ने अपनाया वो निंदनीय है। महाराष्ट्र सरकार का पुतला दहन कार्यक्रम में विद्यार्थी परिषद के नगर अध्यक्ष अखिलेश राजपूत ने कहा की ऐसा लगता है जैसे महाराष्ट्र में अघोषित आपातकाल लगा हुआ है,कोई भी सरकार के खिलाफ बोल नही सकता है मीडिया भी नही।

क्या सवाल पूछना गुनाह है..?


आज महाराष्ट्र में सत्य बोलने,सत्य दिखाने वाले पत्रकार अर्नब गोस्वामी की आवाज को दबाने उन्हें परेशान किया जा रहा है।
पत्रकार अर्नब गोस्वामी की गिरफ्तारी से महाराष्ट्र में लोकतंत्र का चौथा स्तंभ खतरे में नजर आ रहा है।
परिषद ने कहा हम लोकतांत्रिक मूल्यों को बनाए रखने के लिए खडें हैं,अगर लोकतंत्र व अभिव्यक्ति की आजादी का हनन हुआ तो विद्यार्थी परिषद नहीं सहेगा और उग्र आंदोलन के लिए बाध्य रहेगा।
अर्नब गोस्वामी एक सच्चा,राष्ट्र भक्त,निडर,निर्भीक पत्रकार है उनके समर्थन में उतरे परिषद के कार्यकताओं द्वारा महाराष्ट्र सरकार का विरोध कर पूतला दहन किया।


पुतला दहन कार्यक्रम में भाग संयोजक नरेन्द्र ठाकुर, नगर मंत्री अनिकेत घेंघट, अनमोल भुतिया, मनीष प्रजापति, आनंद जाट, रवि मालवीय , विकास डाबी , नरेन्द्र ठाकुर , गोलू ठाकुर , महेन्द्र ठाकुर , रितिक दुबे, आदि कार्यकर्ता उपस्थित थे।

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