आष्टा। चोर मचाये शोर फ़िल्म देखी,चोर को शोर मचाते सुना लेकिन ऐसा पहली बार सुनने में आ रहा है की दूसरे जिले के सटोरिये हमारे जिले में आ कर घुंघरू बजा रहे है.! इसी लिए हमेशा एक बड़ी कहावत सुनी जाती रही है”घर का जोगी जोगड़ा-बहार का सिद्द”। जिले में जुआ सट्टा का होना कोई नई बात नही है,पिछले दिनों जो बड़े जुए की फड़, सटोरिये पकड़ाये वो इस बात के साक्षी है।
पुलिस दावा तो दमदारी से करती है,जुए सट्टे पर लगाम लगी है,भले ही वो लगाम ढीली पड़ी हो। पूरे जिले में जुआ ओर सट्टा अमर बेल की तरह फलता फूलता फैलता जा रहा है। शायद ये सटोरियों के लिये काफी सेफ,सुरंक्षित स्थान लग रहा है,अगर ऐसा नही होता तो क्या हमारे पड़ोसी जिले के सटोरियों का आष्टा में मंगल प्रवेश हो पाता,जगाह सेफ है,सुरंक्षित है तभी तो पड़ोसी जिले के सटोरियों का धूमधाम से आष्टा नगर प्रवेश हो गया और पुलिस को इस सामाजिक बुराई के भव्य मंगल प्रवेश की शायद कानो कान खबर नही लगी है.? पड़ोसी जिले के सटोरियों के मंगल प्रवेश के घुंघरू हमे तो सुनाई दे गये है क्योंकि हमारे घुंघरू ऐसे है जो बजते नही है पर सुनाई देते है।
पड़ोसी जिले के सटोरियों ने पहले मंगल प्रवेश किया,फिर जाल फैलाने के लिये शिकारियों (सट्टा लिखने वालों को) को खोजा वे मिल भी गये,मिलते भी क्यो नही कोरोना के प्रथम ओर दूसरी लहर ने सबकी कमर जो तोड़ रखी थी,बेरोजगारी उनके सामने भी मुह फाड़े खड़ी थी। स्थानीय सटोरियों का पड़ोसी जिले के आये आकाओं ने फिक्स पाइंटो पर तैनाती कर काम काज शुरू हो गया। जिन पाइंटो पर सटोरियों की तैनाती हुई खबर है वे पाइंट बायपास,इंदौर नाका, अलीपुर,शब्जी मंडी,कसाईपुरा,भोपाल नाका, कन्नौद रोड आदि बताये गये है। यह भी खबर है अगर काम काज जम जाता है तो कुछ पाइंट बढ़ाने की भी इनकी बड़ी योजना है।
अब आप सोच रहे होंगे घुंघरू वाले के घुंघरू जब बजते नही है,तो इनको सुनाई कैसे दे गये तो हमेशा ध्यान रखने योग्य एक बड़ी बात है,दुश्मन को खोजने की जरूरत नही होती है वो खुद चल कर आ जाते है, अर्थात हर क्षेत्र में जब किसी की लाइन बड़ी होती है और उसके कारण बड़ी लाइन वाले की लाइन जब छोटी होती है बस घुंघरू की आवाज भी यही से शुरू हो जाती है..! लेकिन धिक्कार है स्थानीय सटोरियों को जो आज उनके क्षेत्र में,उनकी ही छाती पर,उनके ही लोगो से पड़ोसी जिले के सटोरियों ने मूंग दलवा दिये…!