आष्टा। संयुक्त मोर्चा आशासकीय विद्यालय संगठन ने आज कई मांगो को लेकर मुख्यमंत्री के नाम एक ज्ञापन सौपा,जिसमें संगठन ने शासन के समक्ष अपनी मांगे रखी और शासन प्रशासन को चेतावनी दी कि समय सीमा में मांगो पर कार्यवाही नही की गई तो 12 जुलाई से समस्त प्रायवेट स्कूल संचालक अनिश्चित काल के लिये ऑफलाईन/ऑनलाईन अध्यापन कार्य पूर्ण रूप से बंद कर दिया गया है एवं 13 जुलाई से म.प्र. के सम्पूर्ण प्रायवेट स्कूल संचालक अपने संकुल स्तर पर बने व्हाट्एप ग्रुप से लेफ्ट होंगे ओर अपने विद्यालयों की चाबी जिला शिक्षा अधिकारी को सौंपेंगे।
इस अवसर पर ब्लॉक प्रायवेट स्कूल एसोसिएशन के अध्यक्ष अनिल नायर एवं सोपास ब्लॉक अध्यक्ष दिनेश सोनी के साथ आष्टा ब्लॉक के समस्त विद्यालयों के संचालक गण उपस्थित रहे। आज सौपे ज्ञापन में संगठन ने मांग रखी, जारी प्रेस विज्ञप्ति में बताया की 1.कोराना महामारी की वजह से सभी स्कूल लगातार बंद है। ऐसी स्थिति में शिक्षा विभाग द्वारा हाई स्कूल/हायर सेकेडरी मान्यता नवीनीकरण हेतु निरीक्षण परीक्षण करवाया जा रहा है। जबकि स्कूल बंद है। निरीक्षण का कार्य एवं अधिकारियों द्वारा स्कूल संचालकों को निरीक्षण के नाम पर परेशान करना उचित नहीं है। जिस प्रकार वर्ष 2020-21, वर्ष 2021-22 की मान्यता का नवीनीकरण विभाग द्वारा कर दिया गया है उसी प्रकार कक्षा पहली से बारहवी तक वर्ष 2022-23 से वर्ष 2024-25 तक की मान्यता का नवीनीकरण बिना किसी निरीक्षण परीक्षण के किया जावे (सी.बी.एस.ई. बोर्ड की तरह) साथ ही मान्यता एवं संबंद्धता शुल्क माफ किया जावे।
2. छात्रवृत्ति जॉंच के विषय में अभी भी संस्थाओं को परेशान किया जा रहा है। आपको पूर्व में भी दिनांक 29.06.2021 को पत्र के माध्यम से अवगत कराया गया था कि छात्रवृत्ति से संबंधित कोई भी कार्य स्कूल संचालकों द्वारा नही किया जाता है संकुल प्राचार्य एवं वरिष्ठ अधिकारियों के ऊपर कार्यवाही की जावे ना कि जानकारी के नाम पर स्कूल संचालकों को परेशान किया जावे।
3.विश्वस्त सूत्रों से यह भी जानकारी मिल रही है कि शासकीय शालाओं में बिना टी.सी. के प्रवेश दिया जा रहा है। प्राइवेट स्कूलों के ऐसे अनेक बच्चों को बिना टी.सी. के प्रवेश देना स्कूल संचालकों एवं पालकों के मध्य विवाद की स्थिति निर्मित होना है, क्योंकि अधिकांश पालकों द्वारा शाला की शुल्क जमा नहीं की गई है और शासकीय विद्यालयों में अपने बच्चों को प्रवेश दिला दिया गया है, बिना फीस जमा किये पालको ंद्वारा टी.सी. प्राप्त करने का दबाव बनाया जा रहा है एवं पालकों द्वारा उच्च अधिकारियों को शिकायत भी की जा रही है जिससे की जिला शिक्षा अधिकारियों द्वारा स्कूल संचालकों को नोटिस जारी किये जा रहे है कि आप टी.सी. प्रदान करे। अतः समस्त शासकीय एवं अशासकीय विद्यालयों में प्रवेश के संबंध में डीपीआई पत्र क्र./विद्या./पी./मान्यता/2020/2126, दिनांक 20.12.2020 का पालन समस्त जिला शिक्षा अधिकारियों से करवाया जावे।
4.अनिवार्य एवं निःशुल्क शिक्षा अधिकार अधिनियम के अन्तर्गत प्रायवेट स्कूलों में निःशुल्क प्रवेशित छात्रों की वर्ष 2011-12 से लेकर वर्ष 2020-21 तक की फीस प्रतिपूर्ती अभी तक नहीं हो पाई है। वर्ष 2011-12 से 2015-16 तक की शुल्क का भुगतान हेतु राज्य शिक्षा केन्द्र से अनेक आदेश दिये गये, किन्तु डीपीसी द्वारा भुगतान नहीं किया गया। संस्थाओं के आवेदन डीपीसी कार्यालय में जमा है। अतः फीस प्रतिपूर्ती करवाने का कष्ट करें एवं आर.टी.ईपोर्टल बंद कर दिया गया है जिससे की स्कूल संचालकों द्वारा वर्ष 2016-17 से 2018-19 तक फीस प्रतिपूर्ती हेतु आवेदन नही कर पा रहे है। पोर्टल को तत्काल खुलवाने का कष्ट करें।
5.कोरोना महामारी की वजह से लगातार स्कूल बंद है ऐसी स्थिति में स्कूल संचालकां को भारी आर्थिक स्थिति से गुजरना पड़ रहा है। अतः स्कूल संचालकों को अन्य राज्यों की तरह आर्थिक मदद देने के साथ ही संपूर्ण प्रकार के टेक्स, बिजली बिल, बैंक की किस्तों आदि को माफ करवाया जावें।
6.म.प्र. शासन के निर्देशानुसार विद्यालयों को यह आदेश दिया गया है कि आप लोग सिर्फ शिक्षण शुल्क ही वसूल सकते है किन्तु जिला शिक्षा अधिकारी ने स्काउड, रेडक्रास, क्रीड़ा शुल्क, क्रीड़ा पंजीयन शुल्क के आदेश सभी संकुल प्राचार्यो को दिये है जब उनसे बोला गया तो उन्होने कहा कि यह आदेश म.प्र. शासन की ओर से जारी हुआ है। आप इस पर भी उचित कार्यवाही सुनिश्चित करे।
7.गत वर्ष की तरह कोरोना गाइडलाईन्स के तहत कोचिंग खोलने का आदेश म.प्र. शासन द्वारा दिया गया था उसके बाद भी कोचिंगो मे कक्षा का आकार न्यूनतम रहा जबकि बैठने वाले विद्यार्थीयों की संख्या अधिकतम रही। आप इस पर भी ध्यान देवे यदि कोचिंगो संचालन की अनुमति मिलती है तो विद्यालयों को संचालन की अनुमति भी प्रदान की जाये। बच्चें अकेले व अपने पालकों के साथ बाजार, मॉल, शादी, पिकनिक, भ्रमण इत्यादि पर जा रहे है परन्तु इनके बच्चों के स्कूल जाने पर रोक लगाई गई है। हाल ही में मुख्यमंत्री द्वारा कोरोना की तीसरी लहर के चलते विद्यालयों को बन्द रखने की घोषणा की गई है। जबकि अन्य राज्य एक के बाद एक स्कूल खोलने की घोषणा कर रहे है। सरकार के इस पक्षपात पूर्ण रवैये से सभी व्यथित है इसलिये कोरोना गाईडलाईन के तहत विद्यालय खोलने की अनुमति प्रदान करे।
8.माध्यमिक शिक्षा मण्डल म.प्र. भोपाल द्वारा कक्षा 10वीं एवं 12वीं मे प्रवेश की स्थिति अधिकतम 10 प्रतिशत विद्यार्थीयों का प्रवेश किया जा सकता है किन्तु शासकीय स्कूलों आष्टा एवं जिलें के सभी ब्लॉकों मे इस गाईडलाईन्स का उल्लंघन किया जा रहा है और 10वीं एवं 12वीं कक्षाओं मे प्रवेश दिया जा रहा है। न तो शासकीय विद्यालयों मे बैठने की व्यवस्था है न शिक्षकों की पर्याप्त उपलब्धता है यह बच्चे प्रवेश लेकर पूरी तरह से कोंचिंगो पर आश्रित हो जाते है और शासकीय विद्यालय अपना वार्षिक रिजल्ट बनाने के चक्कर मे उन विद्यार्थीयों को स्वाध्यायी कर देते है जिससे उनका रिजल्ट भी खराब नही होता है आप इस पर भी विशेष ध्यान दे कि माध्यमिक शिक्षा मण्डल के प्रवेश संबंधित नियमों का पालन हो।यदि उपरोक्त समस्याओं का अविलंब समाधान नहीं किया जाता है तो आज 12 जुलाई से संपूर्ण म.प्र. के समस्त प्रायवेट स्कूल संचालक अनिश्चित काल के लिए ऑफलाईन/ऑनलाईन अध्यापन कार्य पूर्ण रूप से बंद कर दिया गया है एवं जिलों में कलेक्टर/एसडीएम के माध्यम से मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपे गये है। अब 13 जुलाई को म.प्र. के संपूर्ण प्रायवेट स्कूल संचालक अपने संकुल स्तर पर बने वाट्सअप ग्रुप से लेफ्ट होगे एवं विद्यालयों की चॉबी सभी जिलों में जिला शिक्षा अधिकारियो को तथा भोपाल में आयुक्त, लोक शिक्षण संचालनालय को सौपेंगे, जिसकी संपूर्ण जबावदारी शासन तथा प्रशासन की होगी।
ज्ञापन के दौरान संगठन के अनिल नायर,सर्वेश उपाध्याय,विनीत त्रिवेदी,सुदीप जायसवाल, भोलूसिंह ठाकुर,रामनरेश यादव,नवीन शर्मा,वर्गीस जी,मनीष सोनी,जितेंद्र ठाकुर,किशोरी कुशवाह,अजय जैन,सोनू शर्मा,जीतमल परमाल,एलम परमार,हेमन्त शर्मा,विजेंद्र सर, सहित अन्य प्राइवेट स्कूल संचालक उपस्तिथ थे।