आष्टा। कुछ दिनों से टीकाकरण केंद्रों पर डोज कम प्राप्त होने एवं टीका लगवाने वालों की संख्या कई गुना अधिक पहुचने के कारण लगातार टीकाकरण केंद्रों पर अव्यवस्थाओं के कारण नागरिकों में नाराजगी के साथ आक्रोश देखा जा रहा था। कल सबसे अधिक अव्यवस्था आष्टा के टीकाकरण केंद्र पर देखने को मिली थी।
जहां पर महिलाओं के लिए तय किया गया टीकाकरण केंद्र पर पुरुषों की भीड़ एवं पुरुषों के लिए तय किए गए टीकाकरण केंद्र पर महिलाओं की भीड़, धक्का-मुक्की यहां तक कि एक केंद्र पर महिलाओं के बीच मारपीट तक हुई। इन अव्यवस्थाओं को आष्टा हेडलाइन ने कल प्रमुखता से उठाया तथा प्रश्न खड़ा किया था की “इन अव्यवस्थाओं को व्यवस्थित करने वाले जिम्मेदार कहां है”
खबर का असर हुआ आज आष्टा नगर के टीकाकरण केंद्रों पर बिगड़ी हुई व्यवस्था कुछ हद तक सुधरी हुई नजर आई। उत्कृष्ट विद्यालय में आज केवल पुरुष ही टीका लगवाने के लिए नजर आए,यहा आज पुलिस जवान भी लाइनों को व्यवस्तिथ करते दिखे,पानी का टैंकर भी पहुचा।
वही कम्युनिटी हाल में केवल महिलाएं ही टीकाकरण केंद्र पर नजर आई आज दोनों केंद्रों पर भीड़ लंबी लाइन जरूर नजर आई लेकिन कल जैसी धक्का-मुक्की नजर नही आई। यह जरूर है कि आज भी दोनों टीकाकरण केंद्रों पर काफी लंबी लंबी लाइन महिलाओं पुरुषों की लगी देखी गई।
दोनों केंद्रों पर आज प्रात लगभग 6:30 से 7:00 के बीच जब इस प्रतिनिधि ने जब भ्रमण किया तब पाया कि 6:00 बजे से ही महिलाएं एवं पुरुष दोनों टीकाकरण केंद्रों पर बड़ी संख्या में पहुंचकर टीकाकरण केंद्र खुलने टीका लगने का कार्य शुरू होने का इंतजार करते नजर आये।
अभी सभी टीकाकरण केंद्रों पर एक बड़ी आव्यवस्था के सुधार की ओर बड़ी दरकार है। वह दरकार पूरी होना निचले स्तर से संभव नहीं है। लेकिन उच्च स्तर पर शासन और प्रशासन को इस ओर ध्यान देना होगा कि जिस तेजी से टीका लगवाने वालों की रूचि टीकाकरण के लिये नजर आई है।
तथा टीका केंद्रों पर भारी भीड़ नजर आ रही है उस मान से आष्टा को टीके के डोज उपलब्ध नही कराये जा रहे है,जो नागरिको के लिये एवं व्यवस्था देखने वाले प्रशासन, स्वास्थ विभाग के लिये बड़ी परेशानी का कारण है।
जितनी बड़ी आष्टा तहसील है जितनी जनसंख्या है उस मान से आष्टा को ज्यादा से ज्यादा टीके के डोज जिले से आवंटित किये जाने चाहिये। ग्रामीण क्षेत्रो में भी काफी कम डोज दिये जाने से यह भी लोग केंद्रों से निराश लौटने को मजबूर हो जाते है,यह भी डोज की संख्या बढ़ाई जाना चाहिये।