आष्टा। पचोर में स्थानीय एक पत्रकार जब वैक्सीन लगवाने गए,तब पत्रकार को वैक्सीन न लगाने पर मुख्यमंत्री हेल्पलाइन पर शिकायत के साथ खबर लिखने से बौखलाए चिकित्सक ने हड़ताल का दबाव बनाकर एट्रोसिटी एक्ट में झूठी शिकायत कर दी। घटना की जानकारी मिलते ही सीहोर जिले की आष्टा तहसील में पत्रकार संगठन सक्रिय हुए। शुक्रवार को एमपी वर्किंग जर्नलिस्ट यूनियन के पत्रकारों द्वारा आष्टा तहसीलदार रघुवीरसिंह मरावी को मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंप कर इस मामले की सीआईडी जांच की मांग और उक्त मामला खारिज करने की मांग की गई। पूरे मामले की जानकारी देते हुए संगठन के अध्यक्ष कमल पांचाल ने बताया की राजगढ़ जिले के पचोर में स्वतंत्र पत्रकार माखन विजयवर्गीय को 15 मार्च को वैक्सीन का पहला डोज लगाने के बाद वो जब दूसरा डोज लगवाने पहुंचे तो आधार एवं मोबाइल नम्बर देने के बाद सिविल अस्पताल पचोर के चिकित्सक ने कम्प्यूटर में डाटा उपलब्ध नहीं होने का कहकर पुनः पहला डोज लगाने को कहा।
ऐसे में विजयवर्गीय ने अस्पताल से वापस आकर सीएम हेल्पलाइन पर इसकी शिकायत कर दी। शिकायत को खत्म करवाने के लिए पहले तो अस्पताल कर्मचारी ने फोन लगाकर कहा कि वैक्सीन लगवा जाइये, लेकिन दूसरे डोज का सर्टिफिकेट 84 दिन बाद मिलेगा। विजयवर्गीय के नहीं मानने पर मेडिकल आफिसर धर्मराज पच्चीसीया झूठी शिकायत दर्ज करवाने पर अड़ गए। तथ्य नहीं होने पर पुलिस ने मना किया तो 14 जून को पचोर में पदस्थ 8 चिकित्सकों सहित लगभग 40 अन्य स्टाफ कर्मचारी हड़ताल पर चले गए। प्रशासनिक अधिकारी, एसडीएम, तहसीलदार एवं थाना प्रभारी के समझाने के बाद भी डॉक्टर अपनी जिद पर अड़े रहे एवं अंत में जिला स्तरीय हड़ताल की धमकी दे दी। इसपर पुलिस ने बयानों के आधार पर भादवि 294, 506, एट्रोसिटी एक्ट, सहित शासकीय कार्य मे बाधा एवं मेडिकल प्रोटेक्शन एक्ट के तहत मामला दर्ज कर दिया गया।
जिसके बाद प्रदेश भर के पत्रकारों आक्रोश में है और ज्ञापन सोप कर पूरे मामले की निष्पक्ष जांच की मांग कर एफआईआर को खारिज करने की मांग कर रहे है। आज इसी कड़ी में आष्टा के पत्रकार संगठन एमपी वर्किंग जर्नलिस्ट यूनियन के अध्यक्ष कमल पांचाल के नेतृत्व में आष्टा तहसीलदार रघुवीर मरावी को मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सोप कर निष्पक्ष जांच की मांग की । इस दौरान पत्रकार सैय्यद अबरार अली, किरण रांका,
सतीश सैन,अहद सिद्धिकी, प्रवेश शर्मा, महेश मेवाड़ा, धनंजय जाट सहित कई पत्रकार मौजूद थे।