Spread the love

आष्टा। कोरोना संक्रमण के दौर में आज सिस्टम में कई कमियां है,उजागर भी हो रही है,कमियों को दूर करने के प्रयास दिल्ली से आष्टा तक लगातार हो रहे है,कोरोना के मरीजो का इलाज में लगे कोरोना योद्धा भी अपनी जान जोखिम में डाल सेवा कर रहे है,जो लोग कोरोना के मरीजो के इलाज में कमियां,लापरवाही तो देख लेते है क्या कभी उन्होंने ये देखा की हमारे कोरोना योद्धा भीषण गर्मी में उस पीपीई किट पहन कर जिसमे हवा तक जाना मुश्किल होता है,उसे पहन घण्टो ड्यूटी कर मरीजो की सेवा करते है। जहा हम कमियां खोजते है वहा कुछ अच्छी खबर भी होती है,उन पर भी फोकस होना चाहिये।
आज हम आपको आष्टा के शासकीय कालेज में बने कोविड सेंटर मे कोरोना का इलाज हेतु भर्ती आष्टा के युवक विकास श्रीवास्तव ने कोविड सेंटर की व्यवस्थाओं,ईलाज सुविधा को लेकर जो जानकारी भेजी उसे जरूर पड़े की वह व्यवस्थाए कैसी है।

विकास श्रीवास्तव के दिल से निकले शब्द…..


मै विकास श्रीवास्तव वार्ड नं. 10 निवासी आष्टा पिछले दिनों अपने काम के सिलसिले में ग्वालियर गया था । शायद वही से में कोरोना वायरस की चपेट में आ गया । जब में वापस घर लौटा तो मुझे रात में बहुत तेज तापमान के साथ ठंड लगकर बुखार आ गया । अगले दिन मेने सोचा कि आष्टा में वायरल फीवर चल रहा है , इस कारण तबीयत खराब हुई है और मैने पास में ही डॉ. से 3 दिन का डोज ले लिया । लेकिन तीसरे दिन मुझे रात को खाँसी के साथ सरदर्द ओर शरीर मे अकड़न के साथ तबियत ओर बिगड़ गई । फिर में अगले दिन शासकीय अस्पताल में जाकर कोविड की जांच करवाई जो पाजेटिव आई । तब वहां मुझे घर पर अकेले रहने की बात कहते हुवे कोरोना का डोज दिया गया । लेकिन दूसरे दिन में काफी परेशान हो गया था मेरी तबीयत में सुधार नही लग रहा था । खासी के साथ बुख़ार होने से खाना भी नही खा पा रहा था । तब अस्पताल से मुझे कॉल आया और मेरी तबियत के बारे में पूछा गया । जब मैने मेरी स्थिति से अवगत कराया तो उन्होंने वहां से एक टीम भेजी ओर मेरा चेकअप किया ।

इसके बाद मेने सिटी इस्केन करवाया जिसमे इंफेक्शन बताया गया । फिर चिकित्सक नेहा अरोरा की सलाह पर मुझे आष्टा शासकीय महाविद्यालय परिसर में कोविड सेंटर पर लाया गया । में ओर मेरा परिवार काफी घबराया हुआ था क्योंकि आसपास के सभी लोग वहां ना जाने की बात कर रहे थे । में भी लोगो की बात सुनकर डरा हुआ था । लेकिन वहाँ जाने के बाद मेरी मुलाकात वहा की टीम से हुई जिन्होंने मुझे काफी हद तक एक हिम्मत दी और डॉ. आमीन खान जी ने कहा कि आप घबराइए मत आपको लन्स में इन्फेक्शन है जो दवाइयों से आसानी से ठीक हो जाएगा और आपका ऑक्सीजन लेबल भी अच्छा है । उनकी इस बात ने मुझे एक बल मिला और 3 दिनों में अपने आप को स्वस्थ और खतरे से बाहर महसुस करने लगा । आज में स्वस्थ हु । लोगो द्वारा शासकीय सेवाओ के प्रति जो भ्रांतियां फैलाई गई थी वो दूर हुई ।

आष्टा हैडलाइन की अपील”दवाई भी ओर कड़ाई भी”

कोविड सेंटर पर रहने खाने और दवाईयो की उत्तम व्यवस्था के साथ ही यहाँ जो टीम कार्य कर रही है वो ग्रसित व्यक्ति का मनोबल बढ़ाते है जिससे कोविड से लड़ाई ओर आसान दिखाई पड़ती है। इसलिए में अपने साथियों से यही कहूंगा कि यदि आपको अपने अंदर कोविड के लक्षण लगते है तो जांच जरूर करवाये । क्योंकि हम जाने अनजाने में इस वायरस को अपने ही लोगो मे बाँटने का काम कर रहे है । और मन से ये भ्रांति मिटाये की अस्पताल में जाने से खतरा है । क्योंकि यदि हमारे इलाज घर पर संभव है तो डॉ. हमे घर पर करन्टीन करते है और बराबर टेलीफोनिक मॉनिटरिंग करते है यदि हम अस्पताल की या कोविड सेंटर की जरूरत लगती है तो ही वहा लाया जाता है अन्यथा नही ।
ओर में पूरे कोविड टीम को धन्यवाद देना चाहता हु जो अपनी ड्यूटी को अपना फर्ज समझ कर निभा रहे है ।
जय हिंद
विकास श्रीवास्तव
(जैसा उन्होंने भेजा वैसा ही यहा प्रस्तुत किया)

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!