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आष्टा। कोरोना का प्रथम चरण और अब वापस आई जानलेवा दूसरी लहर के पहले आष्टा के पत्रकारो के पास,समाचार पत्रों के कार्यालय में,राजनीतिक दलों,छोटे बड़े नेताओं के द्वारा आयोजित कार्यक्रमो,आयोजनों की जो प्रेस विज्ञप्ति भेजी गई उन विज्ञप्तियों में नेताओ द्वारा अपने यस मेनो,अर्थ सहयोगियों,नेताओ के कहने पर जिंदाबाद-मुर्दाबाद के नारे लगाने वाले अपने समर्थकों के नाम भेजी विज्ञप्तियों में भेजे जाते उन नामो के आगे उन्हें चढ़ाने के उद्देश्य से तरह तरह के विशेषण लगा कर उनके नाम विज्ञप्तियों में भेजे जाते थे,भेजे जा रहे है। जिन नमो के आगे उन्हें चढ़ाने के उद्देश्य से जो विशेषण लगाये जाते रहे है,वे है जैसे युवा तुर्क,युवा समाजसेवी,वरिष्ठ समाजसेवी,युवा दानदाता,युवा हृदय सम्राट,युवा नेता,जन जन के नेता,गरीबो के मसीहा,दुखी, पीड़ित,शोषितों की आवाज,गरीबो की आवाज जैसे ऐसे,ऐसे विशेषण वाले लोग कोरोना की खतरनाक दूसरी लहर में कही नजर नही आ रहे है की उन्होंने अपने नाम के आगे लगे विशेषणों के अनुरूप संकट की इस विकट घड़ी में कही नजर आये हो,या आ रहे है.? ऐसा भी नही है की नाम के आगे लगे विशेषण वाले कोई भी लोग नजर नही आ रहे है।

ये घुंघरू जो बजते नही,पर सुनाई देते है………..

आज भी कुछ लोग ऐसे है,जिनके नाम के आगे कोई विशेषण नही लगा है लेकिन वे उन लोगो से ज्यादा ऐसा ऐसा कार्य,सेवा करते है जिसकी कल्पना भी नही की जा सकती है। आज पूरे जिले में कोरोना की दूसरी लहर कहर बरपा रही है,इस महामारी से जो सम्पन्न है वे तो जहा भी हो,जैसा भी हो इलाज करा रहे है,गरीब,मध्यमवर्गीय तो सरकारी इलाज के भरोसे है,सरकारी अस्पतालों की अपनी ही विकट बड़ी समस्याएं है। जन सहयोग की भी अपेक्षा इन अस्पतालों ने की है,ऐसा नही है,आज भी ऐसे एक नही कई समाजसेवी,दानदाता है जो कुछ अच्छा करने का अगर मौका आता है तो वे चूकते नही है। सीहोर में तीन प्रतिष्ठानों ने 80 से अधिक ऑक्सीजन सिलेंडर जिला अस्पताल को दिये, आष्टा सिविल अस्पताल को कल स्वर्णकार समाज ने 5 सिलेंडर कपड़ा एवं रेडीमेड व्यापारी संघ ने 1 ऑक्सीजन सिलेंडर दान में दिया,जल्द ही कुछ और व्यापारी संगठन की ओर से अस्पताल को सहयोग की योजना है। मेडिकल एसोशिएशन ने पंखे,गीतांजलि मोबाइल्स ने जरूरी उपकरण दान किये जिसकी जितनी प्रशंसा की जाये कम है। वही कई लोग ऐसे भी है जो संकट की इस घड़ी में कोई तन से,कोई मन से,कोई सेवा से,कोई धन से सेवा कर रहे है,उनकी सेवा की भी भुलाया नही जा सकता है। अब तो इंतजार है उन लोगो के सामने आते देखने की जिनके नामो के आगे कई विशेषण लगे सुनने में आता है।

कुछ नासमझ लोग हमारी इस खबर को ऐसा भी मान सकते है की हम उन पर निशाना साध रहे है। हम निशाना नही साध रहे हम तो याद दिला रहे है कि आपके नाम के आगे जो तरह तरह के विशेषण लगे है उसके अनुरूप आज आपकी सेवा की जरूरत है। क्योंकि दुखी पीड़ित गरीब बीमार को आज आपके नाम के आगे समय समय पर जो विशेषण लगे उन विशेषणों को आज सिद्द करने का सुअवसर आ गया है।
देखना है विशेषण लगे कितने लोग संकट की इस घड़ी में आगे सेवा कार्य के लिए,दान के लिये आगे आते है….!

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