आष्टा। सीहोर जिले में आष्टा एक ऐसा स्थान है जहां होली का पर्व एक अलग ही ढंग से मनाया जाता है। अधिकांश स्थानों पर पांच दिवसीय होली पर्व पर मात्र 2 दिन होली का पर्व मनाया जाता है,सीहोर में 3 दिन रंग पर्व मानता है, लेकिन आष्टा एक ऐसा स्थान है जहां पर होलीका दहन के साथ ही पांच दिवसीय रंग पर शुरू हो जाता है।
आष्टा में वर्षो से चली आ रही 5 दिनों तक रंग खेलने की परंपरा आज भी कायम है। धुलेंडी से लेकर रंगपंचमी तक पांचों दिन रंग खेला जाता है। आष्टा की रंग पंचमी देखने लायक होती है। पूरे शहर में इस दिन केसरिया रंग घोला जाता है,ओर सभी नागरिक सभी मोहल्लों में जुलूस के रूप में पहुच कर रंग खेलते है,टेंकरो में भी रंग घोला जाता है,कुछ वर्षों से रंगपंचमी पर कपडे फाड़ने की बिक्रति ने डेरा डाल दिया है। आष्टा नगर में होली का उत्सव को लेकर उत्साह और उमंग का माहौल दो दिन पहले गल्ला मंडी से ही बन जाता है।
इस वर्ष होली के उत्साह और उमंग के माहौल में कोरोनावायरस संक्रमण के द्वितीय चरण में जिस तरह से लगातार अपना संक्रमण क्षेत्र बढ़ाता जा रहा है उससे होली के उत्साह उमंग पर भय एवं डर का माहौल भी बना दिया है। इस बार पांच दिवसीय होली पर्व पर निश्चित रूप से कोरोनावायरस संक्रमण का असर जरूर नजर आएगा।
वही शासन और प्रशासन भी नागरिकों से लगातार अपील कर रहा है कि इस बार होली घर पर ही मनाए घर वालों के साथ ही मनाएं। अब देखना है शासन और प्रशासन के इस आव्हान का कितना असर आष्टा की पांच दिवसीय होली पर नजर आता है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार आष्टा नगर में लगभग 60 से अधिक स्थानों पर होलिका दहन होगा वही पार्वती थाना क्षेत्र अलीपुर में 15 से अधिक स्थानों पर होलिका दहन के साथ ही धुलेंडी का पर्व मनाया जाएगा। हर वर्ष की तरह इस वर्ष भी स्थानीय मोक्षधाम शमशान घाट समिति ने गमी वाले 204 परिवारों की सूची जारी की है,जहा गमी की होली होगी।
धुलेंडी पर नगर के सभी प्रमुख समाजों एवं मोहल्लों की रंगारंग गैर निकलती है, गैर में शामिल लोग ढोल,ढोलक के साथ होली का फाग गाते हुए गमी वाले परिवारों के बीच पहुंचते है तथा रंग गुलाल कर उन्हें अपने साथ होली के रंग में रंगते है।
इस बार आष्टा नगर में लगभग 204 स्थानों पर गमी की होली मनाई जाएगी आष्टा में एक अनोखी यह भी परंपरा है जिसमे स्थानीय मोक्षधाम श्मशान घाट समिति द्वारा गमी वाले परिवारों की सूची जारी की जाती है इस सूची के अनुसार ही विभिन्न समाजों एवं मोहल्लों की जो गैर निकलती है वह गमी वाले परिवारों में पहुंचती है।
इस बार आष्टा श्मशान घाट पर 204 मृतकों का अंतिम संस्कार हुआ है जिस की सूची मोक्ष धाम शमशान घाट समिति ने जारी की है।
नगर के 18 वार्डों में से वार्ड क्रमांक 1 में 15, वार्ड क्रमांक 2 में 9, वार्ड क्रमांक 3 में 6, वार्ड क्रमांक 4 में 2, वार्ड क्रमांक 5 में 4, वार्ड क्रमांक 7 में 7, वार्ड क्रमांक 8 में 1, वार्ड क्रमांक 10 में 1, वार्ड क्रमांक 11 में 4, वार्ड क्रमांक 12 में 11, वार्ड क्रमांक 13 में 10, वार्ड क्रमांक 14 में 6, वार्ड क्रमांक 15 में 42, वार्ड क्रमांक 16 में 41, वार्ड क्रमांक 17 में 14, वार्ड क्रमांक 18 में 10, एवं अन्य 21 परिवारों में पूरे वर्ष में(होली से होली तक) गमी हुई है।
इस तरह कुल 204 गमी के परिवार की सूची मोक्ष धाम शमशान घाट समिति ने जारी की है। कई गमी के परिवारों में गमी के बाद मांगलिक कार्यक्रम हो जाने के कारण उन परिवारों में गमी की होली नहीं मनाई जाती है। कल धुलेंडी के पश्चात शाम को गल की जतरा भी भराती है,जो इस वर्ष कोरोना संक्रमण के कारण छोटे स्वरूप में नजर आ सकती है।
धुलेंडी की शाम को जल चौराहा पर बाबा रामदेव मंदिर पर विशेष कार्यक्रम आरती आदि आयोजित होते है।
इस तरह कल से पांच दिवसीय होली पर शुरू हो जाएगा।
चतुर्थी के दिन नगर के उस पार अलीपुर में रंग पंचमी का त्यौहार मनाया जाएगा वही संपूर्ण नगर में पंचमी के दिन रंग पंचमी का पर्व मनाया जाएगा।
होली का उत्सव को लेकर स्थानीय प्रशासन ने भी सुरक्षा एवं अन्य व्यवस्थाओं के लिए पुख्ता इंतजाम किए हैं।
नगर पालिका द्वारा सभी होलिका दहन स्थलों पर विशेष साफ सफाई कर विद्युत सज्जा की गई है इसी तरह पुलिस विभाग ने भी सभी होलिका दहन स्थलों पर सुरक्षाकर्मी तैनात किए हैं।
पांचों दिन भी फिक्स पाइंट पर बल तैनात रहेगा। वही लगातार स्थानीय प्रशासन बढ़ते कोरोना संक्रमण को देखकर जो नई गाइडलाइन आई है उसका प्रचार प्रसार भी नगर में किया जा रहा है। नागरिकों से अपील की जा रही है की इस बार की होली अपने घरों में ही मनाए घर के सदस्यों के साथ ही होली मनाए।