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आष्टा। चना और मसूर की ‌‌5100 रुपए क्विंटल समर्थन मूल्य पर आज से खरीदी शुरू हुई। मंडी में 4700 रुपए प्रति क्विंटल तक चने का रेट रहा। प्रथम दिन 27 मार्च को विभाग द्वारा किसानों को जो मैसेज चना ,मसूर तुलवाने हेतु भेजे गए थे, उनमें प्रत्येक खरीदी केंद्र पर 20 किसान को मैसेज भेजे थे ।

आश्चर्य की बात यह है कि किसी किसान को 4 किलो तो किसी को 14,17, 22 एवं 28 किलो चना ,मसूर तुलवाने हेतु मैसेज दिए थे। उसी का परिणाम यह रहा कि सिर्फ मार्केटिंग सोसायटी के 2 खरीदी केंद्र पर 59 क्विंटल चना 2 किसानों का तुला है। बाकी खरीदी केंद्रों पर एक भी किसान अपनी उपज विक्रय करने के लिए नहीं पहुंचा।

हालांकि खरीदी केंद्रों पर प्रभारी एसडीएम तहसीलदार रघुवीर सिंह मरावी, सहकारिता निरीक्षक आरके रायचूर, आपूर्ति निरीक्षक तृप्ति माला मिश्रा पहुंचे और वहां पर मार्केटिंग के प्रबंधक रमेश चंद मेवाड़ा ने पुष्पहारों से स्वागत किया ।उनके खरीदी केंद्र पर उपज लाने वाले प्रथम किसान का स्वागत व सम्मान भी किया गया। “9 में से 8 खरीदी केंद्रों पर एक भी किसान अपनी उपज तुलवाने के लिए नहीं पहुंचा, बिना सोचे समझे भेजें मैसेज” प्राप्त जानकारी के अनुसार ग्राम धनाना के मोहन सिंह परशुराम को 4 किलो चना राम सिंह भंवर जी को ,14 किलो मसूर रामसिंह भंवर जी,लक्ष्मण हेमराज को 17 किलो मसूर खरीदी केंद्र पर तुलवाने हेतु मैसेज भेजे थे। आखिर ये मेसेज किसने भेजे,कैसे ये मेसेज फारवर्ड हुए,जिन्होंने ये मेसेज भेजे उन्हें शर्म तो आना थी की क्या किसान 4,14,17 किलो अनाज बेचने ग्राम से उपार्जन केंद्र आयेगा.? इस प्रकार आज जो उपज विक्रय करने के लिए किसानों को मैसेज भेजे थे ,उसमें सबसे कम 4 किलो चना और सबसे अधिक 88 किलो मसूर के मैसेज दिए थे।जिले में चना खरीदी में देरी होने से किसान परेशान थे। इसकी तारीख पहले 15 मार्च की थी। फिर बढ़ाकर 22 मार्च कर दी गई, लेकिन बारिश को देखते हुए 22 मार्च से खरीदी शुरू नहीं हो पाई। अब तीसरी बार 27 मार्च घोषित की। इस दिन सभी 9 खरीदी केंद्रों पर समर्थन मूल्य पर किसान अपने चने की उपज बेच पाएंगे।

प्रत्येक खरीदी केंद्र से संबंधित 20-20 किसानों को पहले दिन के लिए एनआईसी से मैसेज भी भेजे, जिन किसानों को मैसेज मिल चुके है, वे किसान पंजीयन का दस्तावेज लेकर खरीदी केंद्र पर चने के तुलाई करा सकते हैं। हालांकि, पहले राउंड में लघु एवं सीमांत किसानों को ही चने तुलवाने को मौका दिया जा रहा है, फिर बड़े किसानों के चने की तुलाई शुरू हो पाएगी। इन केंद्रों पर चने की तुलाई कराने पर किसानों को एमएसपी यानि की 5100 रुपए प्रति क्विंटल का भाव मिल पाएगा। एमएसपी पर चना बेचने के लिए 9445  किसानों ने अपना पंजीयन कराया है।

“गेहूं के लिए 19 केंद्र”

आष्टा में एमएसपी पर गेहूं बेचने के लिए किसानों के पंजीयन हुए हैं। इन किसानों से गेहूं की खरीदी 1 अप्रैल से की जाएगी। इसके लिए केंद्र बनाने का काम शुरू हो गया, जो कलेक्टर के अनुमोदन के बाद तय हो जाएंगे।

27 से खरीदी के लिए मैसेज भेजे गए हैं

 जिले में समर्थन मूल्य पर 45 केंद्रों पर चने की तुलाई शुरू हो जाएगी। अभी 20-20 किसानों को इसके लिए मैसेज भेजे गए हैं। गेहूं की खरीदी कवर्ड गोडाउन में ही होगी। वहां आवश्यक व्यवस्थाएं कराई गईं हैं। -आर के रायचूर सहकारिता निरीक्षक

 सीधा लाभ किसानों को — धारासिंह पटेल जनपद प्रधान

सरकारी स्तर पर चना खरीदी का सीधा लाभ किसानों को मिलेगा। ऐसा इसलिए कि खरीदी शुरू होने के पहले तक किसान कृषि उपज मंडियों में आकर चना बेच रहे थे। यहां एमएसपी भी नहीं मिल पा रही थी। चने के लिए 5100 रुपए प्रति क्विंटल के रेट पर एमएसपी तय है। जबकि कृषि उपज मंडियों में 4500 से 4700 रुपए प्रति क्विंटल तक ही चने का रेट किसानों को मिल पा रहा था।यह बात जनपद प्रधान धारा सिंह पटेल ने कही।इस तरह से किसानों को वहां चने की नीलामी कराने से 400 से लेकर 600 रुपए प्रति क्विंटल के हिसाब से नुकसान उठाना पड़ रहा था।

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