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भोपाल । मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर दिन की शुरुआत महिलाओं के साथ चाय पर चर्चा से की। चाय पर चर्चा में श्रीमती शशि, प्रभा, सरोज, शकुन बाई, ललिता देवी और उषा बाई शामिल रहीं। सुबह मुख्यमंत्री निवास से नेहरू नगर जाने के लिए रवाना होते समय उन्होंने महिला सुरक्षा अधिकारियों और कर्मचारियों से चर्चा कर महिला दिवस की बधाई दी। अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर मुख्यमंत्री श्री चौहान महिला सुरक्षाकर्मियों और महिला अधिकारियों के साथ कार से रवाना होकर नेहरू नगर चौराहे पर महिला सफाई कामगारों के बीच पहुँचे।

मुख्यमंत्री के वाहन चालक की भूमिका आरआई सुश्री इरशाद ने निभाई।
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने महिला स्वच्छता कर्मियों को सबसे पहले अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस की बधाई दी और उनके साथ चाय भी पी। बातचीत में मुख्यमंत्री ने उनकी समस्याओं को जाना। मुख्यमंत्री ने कहा कि महिलाएँ झाड़ू लगाने से लेकर अंतरिक्ष तक जा रही हैं। आज का दिन महिलाओं के लिए विशेष है। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने महिलाओं के कल्याण के लिए संचालित योजनाओं की जानकारी भी मुख्यमंत्री श्री चौहान ने महिला सफाई कामगारों को दी। महिला सफाई कर्मियों के कार्य को महत्वपूर्ण बताते हुए कहा कि आप लोग शहर को साफ-स्वच्छ रखती हैं। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने उनके साथ झाड़ू लगाकर स्वच्छता कार्य में हाथ बँटाया। मुख्यमंत्री ने महिला सशक्तिकरण के पहलुओं पर बातचीत की और महिलाओं का उत्साहवर्धन किया।

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा:-

?महिलाएँ सभी कार्य कर सकती हैं, कोई कार्य असंभव नहीं है।

?महिलाओं का सम्मान सुरक्षित करेंगे।

?महिलाओं की सुविधाओं और सम्मान के लिए सरकार निरंतर कार्य करेगी।

?मध्यप्रदेश में लाड़ली लक्ष्मी जैसी योजनाएँ लागू की हैं।

?पंचायत राज संस्थाओं और नगरीय निकायों में महिलाओं के लिए आरक्षण का प्रबंध किया गया।

?महिलाओं के लिए 50% आरक्षण की व्यवस्था की गई। सरकारी नौकरियों में भी महिलाओं का प्रतिशत निरंतर बढ़ रहा है।

?मुख्यमंत्री सुरक्षा में गाड़ी चलाने ,सुरक्षा ड्यूटी और ओएसडी के कार्य को भी महिलाएँ कर रही हैं।

?महिला स्वच्छता कर्मियों ने मुख्यमंत्री को दिया धन्यवाद
“चाय पर महिला स्वच्छता कर्मियों के साथ कि चर्चा”
मुख्यमंत्री श्री चौहान से चाय पर चर्चा के दौरान महिला स्वच्छता कर्मियों ने कहा कि यह बहुत खुशी की बात है कि महिला दिवस पर आप हमारे बीच आए हैं। प्रदेश में महिलाओं को बढ़ावा दिया जा रहा है, इसके लिए धन्यवाद। आपने बहुत सी महिलाओं को पार्षद और पंच-सरपंच बनने का अवसर देकर महिलाओं का सम्मान बढ़ाया है।


वाहन चालान, सुरक्षा, प्रशासन और प्रचार कार्य सहित सभी जगह महिला स्टाफ
अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर सिर्फ महिला पुलिस अधिकारियों और निरीक्षकों को मुख्यमंत्री सुरक्षा का दायित्व दिया गया। जिन महिला अधिकारी और उप निरीक्षक ने आज दायित्व निभाया, उनमें डी.एस.पी. बिट्टू शर्मा, उप निरीक्षक भावना शर्मा, टी.आई. योगिता सातनकर, रेनु मुराब, उप निरीक्षक निशा अहिरवार, कंचन राजपूत, रिचा त्रिपाठी, मेघा गोहिया, मोनिका, रूपा मिश्रा, अर्चना तिवारी, शैली थामस, सोनम शर्मा और गायत्री सिंह शामिल हैं। सीएम का वाहन आर.आई. सुश्री इरशाद ने ड्राइव किया। महिला कांस्टेबल सुश्री सपना और सीमा चंदावार के अलावा निवास पर सावित्री, बेबी चौरसिया, गीता दांगी और नगीना मालवीय ने ड्यूटी की। अन्य महिला पुलिस निरीक्षक में आकांक्षा शर्मा, पीएसओ अर्चना तिवारी मुख्यमंत्री के साथ दिन भर ड्यूटी पर रही।

वर्षा सिंह, अर्शिया सिद्दीकी, कल्पना गुर्जर और योगिता जैन एसआई भी ड्यूटी पर थीं। आर्म्स गार्ड में महिला कांस्टेबल मीरा सिंह और सोनल पाराशर को जिम्मेदारी दी गई। जनसंपर्क टीम में श्रीमती सुनीता दुबे और श्रीमती बबीता मिश्रा ने न्यूज कव्हरेज किया।
ड्यूटी पर ओएसडी भी महिला अधिकारी
मुख्यमंत्री श्री चौहान के नगर भ्रमण के समय एडीएम श्रीमती माया अवस्थी उपस्थित थीं। मुख्यमंत्री निवास कार्यालय में आज उप सचिव वंदना मेहरा ने ओएसडी की ड्यूटी की। मुख्यमंत्री श्री चौहान के दिन भर के कार्यक्रमों के लिए संबंधित विभागों के अधिकारियों से समन्वय कार्य किया।


“महिला पत्रकारो के साथ किया पौधरोपण”
मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर मीडिया संस्थानों की महिला प्रतिनिधियों, पत्रकारों और महिला जनसंपर्क अधिकारियों के साथ स्मार्ट उद्यान में चंदन, पारिजात, हरसिंगार आदि के पौधे लगाए। इस अवसर पर मुख्यमंत्री की धर्मपत्नी श्रीमती साधना चौहान भी उपस्थित थीं।


आज लगाए गए पौधे
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने रुद्राक्ष का भी पौधा लगाया। रुद्राक्ष के वृक्ष हिमालय और आस-पास के प्रदेशों में पाए जाते हैं। इसके अलावा असम, मध्यप्रदेश, उत्तराखंड, अरुणांचल और बंगाल के जंगलों में काफी रुद्राक्ष पाए जाते हैं। इसके अलावा दक्षिण भारत में नीलगिरि और मैसूर में तथा कर्नाटक में भी रुद्राक्ष के वृक्ष देखे जा सकते हैं। रामेश्वरम में भी रुद्राक्ष पाया जाता है। गंगोत्री और यमुनोत्री के क्षेत्र में भी रुद्राक्ष मिलते हैं।


मध्यप्रदेश की धरती पर भी रुद्राक्ष के पौधे की उपज अच्छी है। पारिजात या ‘हरसिंगार’ उन प्रमुख वृक्षों में से एक है, जिसके फूल ईश्वर की आराधना में महत्त्वपूर्ण स्थान रखते हैं। इसे प्राजक्ता, परिजात, हरसिंगार, शेफालिका, शेफाली, शिउली भी कहा जाता है। उर्दू में इसे गुलज़ाफ़री कहा जाता है। पारिजात का वृक्ष सुन्दर होता है, जिस पर आकर्षक और सुगन्धित फूल लगते हैं। इसके फूल, पत्ते और छाल का उपयोग विविध प्रकार की औषधि में भी किया जाता है। यह संपूर्ण भारत में पैदा होता है। ऐसी मान्यता है कि पारिजात के वृक्ष के स्पर्श से व्यक्ति की थकान मिट जाती है।


चंदन के पौधे भी लगाए गए
चंदन की लकड़ी का उपयोग मूर्तिकला, साज-सज्जा का सामान, अगरबत्ती, हवन सामग्री, और सुगंधित तेल के निर्माण में होता है। सुगंधित तेल आसवन द्वारा निकाला जाता है। प्रत्येक वर्ष लगभग 3 हजार मीट्रिक टन चंदन की लकड़ी से तेल निकाला जाता है।

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