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आष्टा । भोपाल भोपाली ने कई दिनों तक सीहोर आष्टा के पत्रकारो को मेल पर प्रेस विज्ञप्ति,शिकायत पत्र भेजा,आरोप लगाये की जिला पंचायत के एक अधिकारी ने एक संविदा कर्मी की मिली भगत से 4 करोड़ का चूना लगाया है,भोपाली जी उठाई जिबान तालवे चिपकाने से कुछ नही होता,अगर हिम्मत हो,आरोपो में सच्चाई हो,पुख्ता सबूत हो तो आओ मैदान में,ऐसे विज्ञप्ति भेजने से ना तुम कुछ कर पाओगे और ना ही जिनपे आरोप लगा रहे हो उनका कुछ बिगाड़ पाओगे क्योकि तुम्हारे आरोपो के हिसाब से जो मप्र के इस पावर फूल जिले में अगर 4 करोड़ डकार सकता है तो अंदाजा लगा लो वो कितना ताकतवर होगा.! वैसे जिला पंचायत के एक अधिकारी ने सोशल मीडिया पर जिला पुलिस को इस भोपाल भोपाली नाम से आये मेल की,इसको भेजने वाले की जांच खुलासा करने का निवेदन किया है,जो मात्र रस्मअदायगी लगता है,होना तो ये था की अगर जिला पंचायत दूध की धुली,पूरी तरह से पाक साफ है तो बाकायदा लिखित में जिला पुलिस अधीक्षक को जिला पंचायत की ओर से लेटर भेज इन आरोप लगाने वाले का चेहरा उजागर कर उस पर कार्यवाही की मांग क्यो नही करती है.!


ये तो हुई 4 करोड़ के आरोपो की बात। अब बात करते है आष्टा के एक अधिकारी द्वारा एक बड़े भुगतान के बदले 5% कमीशन मांगने की सीएम हेल्पलाइन में हुई शिकायत की। उक्त शिकायत हुई,हलचल मची,मामला प्रथम पायदान पर ही निपट जाये के प्रयास हुए,सफलता भी मिल गई,शिकायतकर्ता ने भुगतान का भरोसा मिलने पर शिकायत वापस ले ली,181 पर समस्या हल होने की जानकारी देने पर शिकायत बन्द हो गई। शिकायत हुई,फिर प्रयासों के बाद समझौता हुआ,शिकायत वापस हो गई,खबर है की जिस बड़े भुगतान के बदले 5% की मांग की गई थी,उसमे से करीब 10 से 12 लाख का भुगतान भी हो गया है। कहावत है की पोठा गिरा है तो बिना धूल लिये तो उठेगा नही,ऐसा ही हुआ भी है,बस शिकायत का ये असर हुआ की पोठा कम धूल लेकर उठा। उक्त अधिकारी आज शान से बिना मूंछ के भी मूंछ पर ताव देते है। क्योंकि पोर्टल जैसे माध्यम पर 5%कमीशन मांगने की खुले रूप में हुई शिकायत के बाद भी वो आज भी आष्टा में शान से पदस्थ है,ओर सिस्टम को जीभ बता कर चिड़ा रहा है.! 4 करोड़ के आरोप मामले में भोपाल भोपाली ने तो प्रेस को भी नही छोड़ा उस पर भी गम्भीर आरोप लगा दिये है,तिलमिलाई सीहोर प्रेस के कुछ साथियों ने भी इस मामले में एसपी सीहोर को ज्ञापन सौपा है,मांग की है की पुलिस जांच करें की ये भोपाल भोपाली कौन है,अगर उसके पास लगाये आरोपो के पुख्ता सबूत,तथ्य हो तो पेश करे,उसकी जांच हो,ओर अगर लगाये आरोप बेबुनियाद,तथ्यहीन,फेक हो तो उस भोपाल भोपाली पर ऐसी ठोस कार्यवाही की जाये की फिर कोई ऐसी झूठी शिकायत ना करे।


ये तो वो मामले है जो पर्दे के सामने मैदान में आ कर चर्चा का केंद्र बन गये। ऐसे कई अनगिनत मामले भी है जो डर से,डराने से,या अन्य कारणों से पर्दे के बहार नही आते है,ओर निपट जाते है। कल जिस तरह भाजपा के जिम्मेदार पदों पर बैठे पदाधिकारियों ने गगनभेदी नारो के साथ एक नही कई विभागों पर उनके जिम्मेदारों पर आरोप लगाये उस पर कोई कार्यवाही हो इसकी उम्मीद कम ही नही शून्य है,इसके पीछे ठोस कारण भी है की जब भोपाल भोपाली की 4 करोड़ मामले में कार्यवाही तो दूर पत्ता भी नही हिल सका,5% कमीशन की शिकायत 181 के पोर्टल पर दिखने के बाद भी उस अधिकारी का कोई बाल बांका नही कर सका,तो गगनभेदी आवाज में 18 का घासलेट 40 में बेचने जैसे आरोपो,उसके आरोपियों का कोई क्या बिगाड़ लेगा..!
कुछ भी हो हाई प्रोफाइल सीहोर जिला प्रदेश में चर्चा में तो बना हुआ है।

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