“महावीर भवन स्थानक में जिनवाणी श्रवण करा रही है साध्वी मधुबाला जी,मैना के पार्श्वनाथ दिगंबर मंदिर में रत्नात्रय विधान मुनिश्री निष्कंप सागर महाराज एवं निष्काम सागर महाराज के सानिध्य में
माता-पिता और गुरु भगवान की सेवा करोंगे तो भाग्यवान से भगवान बनोंगे — पूज्य मधुबाला जी”
नगर के महावीर भवन स्थानक में विराजित पूज्य मधुबाला जी महाराज साहब आदि ठाणा छः में से नित्य सुबह दो साध्वी भगवंतों के द्वारा जिनवाणी श्रवण कराई जा रही है। वहीं समीपस्थ मैना ग्राम के श्री पार्श्वनाथ दिगंबर जैन मंदिर में मुनिश्री निष्कंप सागर महाराज एवं मुनिश्री निष्काम सागर महाराज के परम सानिध्य में विधानाचार्य अभिषेक भैय्या गढ़ी द्वारा तीन दिवसीय रत्नात्रय विधान प्रारंभ कराया गया। जिसमें आष्टा के काफी संख्या में श्रावक -श्राविकाओं ने शामिल होकर पुण्य अर्जन किया।
महावीर भवन स्थानक में पूज्य मधुबाला जी ने आशीष वचन देते हुए कहा कि दुनिया में भाग्यशाली माता- पिता की सेवा करने वाले, त्याग तपस्या करने वाले भगवान बन सकते हैं ।माता-पिता की सेवा और गुरु भगवान की सेवा करोगे तो भाग्यवान से भगवान बनोंगे। आपको भगवान बनना है या भाग्यवान बनना है ,माता-पिता की सेवा करने वाला भाग्यवान बनता है ।गुरु भगवंतों की सेवा करने वाला भगवान बनता है ।जो व्यक्ति भाग्यवान होता है ,उसे थोड़ी सी ही मेहनत में ज्यादा सुख मिलता है।जिसमें सहनशीलता होती है,वही बड़ों की सेवा करता है और भाग्यवान बनता है ।
भाग्यवान बनने के लिए सभी समर्थ रहते हैं ,लेकिन भगवान बनने के लिए हर कोई समर्थ नहीं होता है ।भाग्यवान आत्मा एक देशना सुनकर भगवान बन जाती है। हम सभी सोचते हैं कि हमारी आत्मा सुखी बने, लेकिन हम लोग पड़ोसी को देखकर ही दुखी होते हैं।
पूज्य मधुबाला जी ने कहा कि भगवान बनने के लिए बैर, पाप और अभिमान तीनों छोड़ने पड़ते हैं। इन तीनों को बढ़ाने का काम करोगे तो समझो जीवन में जिनवाणी हमारे अंदर कभी नहीं उतरी। जिनवाणी सुनकर जिसको पकड़ना है,उसको पकड़े और जिसको छोड़ना है उसको छोड़ें ।लेकिन आजकल व्यक्ति जिसको पकड़ना है उसको छोड़ रहा है और जिसको छोड़ना है उसको पकड़ रहा है ।
पूज्य मधुबाला जी ने कहा जिस प्रकार व्यक्ति अपने पिताजी, दादा एवं परदादा के झगड़े याद रखना है,लेकिन यदि अपने पिता ,दादा और परदादा दान देते थे उसको भूल जाते हैं। आप अपने जीवन को बदलें ,तन को तो बहुत बार बदल चुके हैं।अंतर जीवन को बदलना, स्वयं को बदल कर भाग्यवान से भगवान बनाना है।
यदि आपको भगवान बनना है तो संसार की सब बातें छोड़ना चाहिए। परम पूज्य मल्याश्री जी महाराज साहब ने आशीष वचन में कहा कि यह जीव संसार में सुख मान रहा है जो शास्वत नहीं है ।संसार में केवल क्षणिक सुख है ।एक सुख के पीछे कहीं दुखों की कतार लगी हुई है ।एक चिंता खत्म नहीं होती है और दूसरी चिंता चालू हो जाती है ।यह संसार केवल चिंताओं से ही घीरा हुआ है ।
“धन में सुख नहीं धर्म में सुख है — पूज्य मल्याश्री”
पूज्य मल्याश्री जी ने कहा कि स्वयं के गुण स्थान को देखोगे तो परिवर्तन होगा। धन में सुख नहीं है, धर्म में सुख है।अपने जीवन को धर्ममय बनाना है। भगवान के वचनों पर श्रद्धा करोंगे तो जीव आगे बढ़ेगा। व्यक्ति घर और शरीर की सफाई करता है लेकिन आत्मा की सफाई करना भूल जाता है ।
शरीर को सुंदर बनाने के लिए व्यक्ति फेशियल करता है, लेकिन अपनी आत्मा का फेशियल करो। आप भी ज्ञान ,दर्शन, चरित्र का पालन करोगे तो चेहरे पर निखार आएगा ।आपको ब्यूटी पार्लर जाने की जरूरत नहीं पड़ेगी। इस शरीर की साथ सजा के लिए बहुत समय गंवाया, अब अपनी आत्मा के लिए समय निकालो।
“ध्वजारोहण के साथ रत्नात्रय विधान प्रारंभ”
मैना में मुनिश्री निष्कंप सागर महाराज एवं निष्काम सागर महाराज के परम सानिध्य में तीन दिवसीय रत्नात्रय विधान प्रारंभ हुआ। नगर की रुपश्री देवी, विपिन कुमार ,महेंद्र कुमार ,अरुण कुमार, राजेश, धर्मेंद्र, यतेंद्र, अमित श्रीमोड़ ने ध्वजारोहण किया। रत्नात्रय आराधना विधान के दौरान अभिषेक, शांतिधारा कर ध्वजारोहण से हुआ आगाज।
मुनिश्री निष्कंप सागर महाराज ने कहा कि रत्नात्रय की आराधना करने से पापों का क्षय होता है। धर्म वृद्धि के साथ गुणों में भी वृद्धि होती है ।आज प्रथम दिन श्रीमोड़ परिवार ने ध्वजारोहण कर विधान शुरू किया ।श्री रत्नात्रय महा आराधना इस विधान का मैना ग्राम में होने का एक मात्र उद्देश्य है विश्व शांति। मुनिश्री ने कहा समय पर वर्षा एवं ग्रामवासी की सुख शांति समृद्धि की कामना की जा रही है।
“ग्राम मानाखेड़ी में प्रभु प्रेमी संघ का मासिक सत्संग आयोजित”
जुनापीठाधीश्वर आचार्य महामण्डलेश्वर स्वामी श्री अवधेशानन्द गिरी जी महाराज द्वारा संस्थापित प्रभु प्रेमी संघ कोठरी का मासिक सत्संग 1 दिसम्बर 2024, रविवार को ग्राम मानाखेड़ी में आयोजित किया गया।
पटेल बलदेव प्रसाद, अर्जुनसिंह पटेल एवं उनके परिवारजन के द्वारा बड़े ही श्रद्धा और भक्ति भाव से संपन्न हुआ। कार्यक्रम में श्रद्धालुओं ने आध्यात्मिक साधना करते हुए जप, तप, ध्यान के साथ-साथ महा मृत्युंजय मंत्र, ओंकार नाद, मौन गुरुमंत्र जाप और गायत्री मंत्र का सामूहिक जाप किया। सत्संग के दौरान हनुमान चालीसा का पाठ भी किया गया, जिससे पूरे क्षेत्र में भक्ति और अध्यात्म का दिव्य वातावरण उत्पन्न हुआ।
कार्यक्रम के अंत में महाआरती का आयोजन किया गया, जिसमें सभी श्रद्धालुओं ने उत्साहपूर्वक भाग लिया। आरती के पश्चात सभी उपस्थित भक्तों को प्रसाद वितरित किया गया।
इस अवसर पर प्रभु प्रेमी संघ के पदाधिकारी, गुरु भक्त और बड़ी संख्या में श्रद्धालु उपस्थित रहे। आयोजक अर्जुन सिंह पटेल ने बताया कि ऐसे सत्संग कार्यक्रम समाज में शांति और समर्पण का संदेश देने के लिए निरंतर आयोजित किए जाएंगे। कार्यक्रम का संचालन अर्जुनसिंह पटेल मानाखेड़ी ने किया