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“लगातार बारिश से खराब हुई फसलें, कराये सर्वे,खाचरौद के किसानों ने सौपा ज्ञापन”

लगातार हो रही बारिश से खेतों में खड़ी सोयाबीन सहित अन्य जिंस की फसलों की स्तिथि ठीक नही है,खराब हो रही इन फसलों का सर्वे कराने, मुआवजा एवं बीमा दिलवाने की मांग को लेकर आज खाचरौद सेक्टर के कई ग्रामो के किसान हाथों में खराब हुए सोयाबीन को लेकर आष्टा तहसील पहुचे,प्रदर्शन कर एक ज्ञापन नायब तहसीलदार मुकेश सांवले को सौपा।

अपनी पीड़ा और मांग को लेकर आज सोमवार को खाचरोद सहित आस पास ग्रामो के किसान बाइक रैली निकालकर आष्टा पहुचे । उन्होंने तहसील कार्यालय मे ज्ञापन सौंपा । इसमें उन्होंने अधिक वर्षा की वजह से फसलों का ख़राब होने की बात बताई,खराब हुई फसलों का सर्वे कराने मुआवजा की मांग की ।

गांव के किसान नेता नरेंद्र डूडी ने बताया की इस वर्ष सोयाबीन मे पीला मोजक के कारण सोयाबीन फसल को नुकसान हुआ है । मौजूद किसान शंकर पटेल भुजराम जाट,बलराम जाट, प्रकाश जाट, मुकेश जाट,

गोविन्द जाट,शुभम पादौड़ा,आनंद जाट, सोभाल सेंधव, रत्न सिंह, वाहिद अली, शंकर जाट, आदि किसान उपस्थित थे । आज ग्राम खाचरोद, पिरानाखेड़ी, बढ़लिया, झिकड़ी, नौगांव, उदयपुर आदि ग्राम के किसान उपस्थित थे।

“समाजसेवी गुलाबचंद सुराणा का निधन,हुआ अंतिम संस्कार”

हसमुख एवं मिलनसार व्यक्तित्व के धनी एवं श्री श्वेतांबर जैन श्रीसंघ के वरिष्ठ सदस्य,किराना व्यापारी गुलाबचंद सुराणा का बीमारी के चलते निधन हो गया। उनका अंतिम संस्कार स्थानीय शमशान घाट पर किया गया। उनके छोटे भाई दिनेश सुराणा, उमेश सुराणा एवं पुत्र सौरभ सुराणा ने उन्हे अंतिम मुखाग्नी दी। उनके निधन पर पूर्व नगरपालिका अध्यक्ष कैलाश परमार, विजय देशलहरा, प्रदीप प्रगति,शैलेष राठौर, गोपाल सोनी, सुनिल प्रगति, पं. लखनलाल शर्मा, नरेन्द्र पोरवाल, पूर्व पार्षद नरेन्द्र कुशवाह, संजय सुराणा, नितेश सुराना, स्थानकवासी श्रावक संघ अध्यक्ष लोकेन्द्र बनवट,

गंज मंदिर अध्यक्ष नगीन वोहरा, अभिषेक सुराना, सी.के. जैन, मनोज तिवारी ने श्रृदांजली दी। उनके अंतिम संस्कार में पत्रकार सुशील संचेती, श्वेताम्बर श्री संघ के अध्यक्ष पवन सुराणा,रूपेश राठौर, सुरेश सुराना, शेषनारायण मुकाती, अशोक रांका, निर्मल राकां, राजा पारख, निर्मल देशलहरा, प्रदीप धारीवाल, आलोक बोहरा,विशाल चौरसिया,रवि शर्मा,सत्यनारायण कामरिया, देवकरण पहलवान, पियुष देशलहरा, दिनेश कोठारी, अभय देशलहरा, प्रदीप सिंगी,पंकज नाकोडा,विपिन सिंगी,राजू बनवट, जितेंद्र जैन, सहित बड़ी संख्या में नागरिक शामिल हुए एवं श्रद्धांजलि अर्पित की।

“माहेश्वरी महिला मंडल की स्मिता मूंदड़ा अध्यक्ष चुनी गई, समाज जनों ने किया स्वागत
सभी के सहयोग से सामाजिक कार्य करेंगे — स्मिता मूंदड़ा”

धाकड़ माहेश्वरी महिला मंडल की बैठक अध्यक्ष श्रीमती कल्पना पुरुषोत्तम बाहेती की अध्यक्षता में संपन्न हुई। जिसमें सर्वसम्मति से समाज की श्रीमती स्मिता अमित मूंदड़ा को अध्यक्ष चुना गया।इस अवसर पर नवनिर्वाचित माहेश्वरी महिला मंडल की अध्यक्ष श्रीमती स्मिता अमित मूंदड़ा ने कहा कि समाज के सभी कार्यक्रम सभी के सहयोग और मार्गदर्शन में किए जाएंगे। धाकड़ माहेश्वरी समाज की नवनिर्वाचित अध्यक्ष श्रीमती स्मिता अमित मूंदड़ा एवं समिति के नवनिर्वाचित सभी पदाधिकारियों का स्वागत श्री अन्नपूर्णा रेस्टोरेंट पर समाज के वरिष्ठ सम्मानीय पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री ललित नागौरी एवं उपाध्यक्ष श्रीमती सीमा ललित नागौरी ,श्रीमती नम्रता कमलेश मूंदड़ा ,श्रीमती चंदा महेश मूंदड़ा,

श्रीमती श्वेता अजय मूंदड़ा,श्रीमती नेहा अंकित मूंदड़ा द्वारा साफा पहनाकर एवं पुष्पहार से किया गया।इस अवसर पर श्रीमती ममता आमोद बजाज उपाध्यक्ष,श्रीमती वर्षा संजय धारवां सचिव,श्रीमती संगीता संतोष झंवर कोषाध्यक्ष, श्रीमती प्रीति लोकेंद्र धारवां कोषाध्यक्ष, श्रीमती कल्पना मुकेश आर्य विशेष सलाहकार,श्रीमती कविता मनीष धारवां विशेष सहयोगी,श्रीमती उपलब्धि लव नागोरी विशेष सहयोगी, श्रीमती विश्रांति राजेश गुप्ता, श्रीमती आयुषी सोनू गुप्ता मीडिया प्रभारी आदि उपस्थित रही।

“मिथ्यात्व को बढ़ावा देने वाली परम्पराओं को छोड़ें– मुनिश्री निष्कम्प सागर महाराज”

जो उपसर्ग विजेता पार्श्वनाथ भगवान है उनकी भक्ति करने से समस्या, उपसर्ग, विध्न आते हैं तो आप भगवान पार्श्वनाथ की भक्ति करें। दुष्ट कमठ ने उपसर्ग किया तो भगवान पार्श्वनाथ का कुछ नहीं बिगड़ा लेकिन कमठ का ही बिगड़ा। भगवान की कभी भी अकाल मृत्यु नहीं होती है। जिनेंद्र भगवान के सच्चे भक्त का भी कोई बाल बांका नहीं कर सकते हैं। मिथ्यात्व को बढ़ावा देने वाली परम्पराओं को छोड़ें। कर्मों ने तीर्थंकरों को भी नहीं छोड़ा।आप,हम को भी कर्मों के फल भोगना ही पड़ेगा।जब भी जीवन में आप पर विपत्ति, संकट आए तो जिनेंद्र भगवान की भक्ति पर संदेह मत करना।संशय और मिथ्यात्व कूट -कूट कर भरा हुआ है।

उक्त बातें नगर के श्री पार्श्वनाथ दिगंबर जैन दिव्योदय अतिशय तीर्थ क्षेत्र किला मंदिर पर चातुर्मास हेतु विराजित पूज्य गुरुदेव मुनिश्री निष्कम्प सागर महाराज ने आशीष वचन देते हुए कहीं।भारत के सम्राट की पगड़ी है,वह किसी के सामने नहीं झुकती है।नौकर को भारत के सम्राट ने अपनी पगड़ी दी, उसने दूसरे देश के राजा के यहां नौकरी की तो उसने पगड़ी उतारकर राजा को नमस्कार किया। मिथ्यात्व का पालन कर रहे हो, जिनेंद्र भगवान और दिगंबर संतों के भक्त बनों। आपके एक ही जिनेंद्र भगवान,एक ही गुरु दिगंबर मुनि और एक ही जिनवाणी मां है। जो कर्म किए हैं वह उदय में अवश्य आएंगे।

भगवान महावीर स्वामी का दीपावली के दिन निर्वाण हुआ था। समाज में अच्छी परम्पराओं को आगे लाएं। दीपावली के दिन अगर कोई शांत होता है तो उसकी मृत्यु को शौक में नहीं उत्सव के रूप में मनाएं। धर्म साथ नहीं छोड़ता, बाकी सभी साथ छोड़ देते हैं। नमक की डल्ली से अधिक कठोर आपका ह्रदय है।नमक की डल्ली पर एक बूंद पानी गिरने से वह नमक पानी -पानी हो जाता है।न जाने कितनी जिनवाणी सुन ली, फिर भी असर नहीं।जो रागी द्वेषी है उन्हें आप मान रहे हैं,यह गलत है। अठारह दोषों से रहित जिनेंद्र भगवान है। पुरानी पाषाण मूर्ति में बहुत ऊर्जा रहती है। भगवान के सामने खूब भक्ति करों। जैन के आचरण करें, अपने संस्कार और संस्कृति को सुरक्षित रखें। साधु के वचनों पर श्रद्धान रखें। बहुत अच्छा धर्म मिला है, अपने जीवन को सफल बनाएं।

“गुरु शरण में जाकर ही जीवन सार्थक किया जा सकता है–मुनि श्री विनंद सागर महाराज”

अवतरण दिवस पर अरिहंत पुरम अलीपुर श्री चंद्र प्रभ मंदिर में आशीष वचन देते हुए मुनि श्री विनंद सागर जी महाराज ने कहा कि जन्मदिवस तभी सफल होता है जब हम अपना जीवन गुरु को समर्पित करते हैं। मनुष्य जन्म में लेने के बाद यदि हम राग द्वेष कषाय आदि करते रहें तो यह जीवन निष्प्रयोजन हो जाता है।

हम जीवन को सार्थक करने के लिए क्या कर रहे हैं या चिंतन करना चाहिए ।जितना जीवन हमने संयम से जिया है बस वही जीवन का सार्थक समय है अपने जीवन को उन्नत बनाने के लिए गुरु को समर्पण भाव स्वयं को संपूर्ण रूप से सौंप देना ही एक उपाय है ।यह भक्ति ,यह समर्पण केवल उन गुणों की आराधना है जो हम प्राप्त करना चाहते हैं ।जीवन में माता-पिता अमूल्य योगदान होता है, गर्भ के संस्कार ही निर्णय कर देते हैं कि हमारा जीवन कैसा होगा।

माता जिस तरह के भाव अपने गर्भ में नौ माह में रखती है वैसे ही संस्कार उसके पुत्र में आ जाते हैं। अतः माता को बच्चे की प्रथम पाठशाला कहा गया है। दूसरा जन्म गुरु देते हैं जो हमें गढ़ते हैं, जिस प्रकार छैनी और हथौड़ी से पत्थर को प्रतिमा रूप देकर उसे पूज्य बना दिया जाता है ,उसी प्रकार गुरु हमारे जीवन को उस मुक्ति पथ की धारा में व्यवस्थित कर देते हैं।

जिस प्रकार कुंभकार मिट्टी को घड़ा बनाकर उस मिट्टी को मूल्यवान बना देता है ,उसी प्रकार गुरु संगति ही हमें जीवन में संस्कारों का अनमोल रत्न प्रदान करती है ।इस संसार में कोई भी हमारा सगा नहीं है, कहां है थमते ही इन सांसों का संसार बदल जाएगा । अपने परिजन बदलेंगे घर द्वार बदल जाएगा।

“त्रिदिवसीय गुणानुवृद्धि महामहोत्सव का आज समापन”

त्रिदिवसीय गुणानुवृद्धि महामहोत्सव 29 सितंबर से प्रारंभ हुआ। पहले दिन रविवार को मुनिश्री विनंद सागर महाराज का 31 वां अवतरण दिवस उत्साह पूर्वक मनाया गया। सोमवार 30 सितंबर को अभिषेक, शांति धारा के साथ ही शाम को श्री भक्तांबर पाठ का आयोजन किया गया । वहीं मंगलवार 1 अक्टूबर को आचार्य विनम्र सागर महाराज का 62 वां अवतरण दिवस और मुनिश्री विनंद सागर महाराज

का आठवां दीक्षा दिवस पर सुबह 6 बजे अभिषेक,शांति धारा,7 बजे 51 मंडलीय श्री भक्तांबर महामंडल विधान एवं विश्व शांति महायज्ञ,9 बजे गुरु उपकार दिवस पर मुनिश्री के मंगल प्रवचन,10 बजे आहारचर्या, साढ़े ग्यारह बजे श्रीजी की भव्यातिभव्य शोभायात्रा, दोपहर 2 बजे आचार्यश्री की पूजन एवं दीक्षा दिवस समारोह,शाम 7 बजे 151 दीपों से 51 परिवार द्वारा महाआरती व सांस्कृतिक कार्यक्रम मुनिश्री की गौरव गाथा होगी।


भक्तांबर महाकाव्य का 48 वे छंद की आराधना श्रीमती आभा ,आश्रय , खुशी, रिंकू ,बबिता जैन समस्त परिवार एवं विशेष छंदों की आराधना सोमश्री ,महेंद्र जैन अनिता जैन निर्मल अर्पिता जैन लक्ष्पति परिवार द्वारा की गई ।श्रेष्ठी परिवारों ने शास्त्र भेंट कर मुनिश्री से आशीर्वाद प्राप्त किया।48 वे छंद का भावार्थ बताते हुए मुनिश्री ने कहा की यह मोक्ष लक्ष्मी प्रदायक छंद का फल है

जिसको जो चाहिए वह उसके पीछे पड़ता है गृह लक्ष्मी, धन लक्ष्मी इनके पीछे पड़ना सब संसार में भटकने के कारण है। हम जिसको चाहते हैं उसकी ओर दौड़ते हैं। हमे परमतत्व को प्राप्त करना है। सुख के लिए दुख सहन करना बहुत सरल है, किंतु शांति के लिए सुख छोड़ देना बहुत कठिन है। शांति हमारे अंदर ही है उसको पाने के लिए परिग्रह ,घर परिवार सब छोड़ना पड़ेगा।

हम परिवार को पालने के लिए दौड़ धूप करते हैं, मेहनत करते हैं लेकिन शांति के लिए शांत बैठना स्वीकार नहीं होता ।जैसी भक्ति आचार्य गुरुवर मानतुंगाचार्य ने की है वैसी भक्ति हमें करना चाहिए ।गुण के प्रति अनुराग ही भक्ति है ।हम भगवान के गुण को पाने का प्रयास करते हैं वही भक्ति है। संगीत पर नृत्य भक्ति नहीं बिना संगीत के हम अपने भाव प्रकट करते हैं और हमें भगवान ही दिखाई देते हैं वास्तव में वही भक्ति है।

मुनि श्री के अवतरण दिवस पर अर्पिता प्रमोद जैन, धर्मेंद्र जैन अमलाह,सोनिका अमित जैन, राहुल जैन, प्रिया मोहित जैन के साथ अजय जैन अंगोत्री ने काव्य पाठ के माध्यम से अपनी भावनाएं विन्यांजलि के रूप में प्रेषित की | 48 दिवसीय भक्तांबर महामंडल विधान का प्रतिनिधित्व करने के लिए सौधर्म इंद्र का सौभाग्य श्री वीरेंद्र जैन सदासुखी परिवार को प्राप्त हुआ।

ये भी खबर है….

सूत्रों से मिली जानकारी अनुसार 4 अक्टूबर को मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव कोठरी वीआईटी यूनिवर्सिटी के किसी कार्यक्रम में आने की हलचल नजर आ रही है ।

कल सीहोर कलेक्टर एसपी के भी कोठरी आने की खबर है। वही आज रास्ते को लेकर एक बार फिर पीड़ित किसानो ने वीआईटी के खिलाफ मोर्चा खोला है।

किसानों ने सोशल मीडिया पर अपनी पीड़ा के वीडियो भी वायरल कर अपना पक्ष एवं मांग रखी है। इसके जवाब में खबर लिखे जाने तक वीआईटी की ओर से कोई स्पष्टीकरण नही आया है ।

वही नप कोठरी ने भी वीआईटी को जो पूर्व ने नोटिश जारी किये थे,उसका निराकरण भी होना बाकी है.!

क्या इन सबके चलते सीएम आयेंगे ये एक चर्चा का विषय बना है..? सूत्र बताते है की वैसे वीआईटी में सीएम के आने को लेकर युध्द स्तर पर तैयारियां चल रही है। कोठरी के पीड़ित किसानों की समस्या का निराकरण होना चाहिये ।

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