आष्टा । लम्बे समय से अज्ञात जिम्मेदारों के संरक्षण से सीहोर जिले में स्वास्थ की जो लूट की दुकानें संचालित थी,दिन रात संरक्षण के कारण दोनों खुले हाथों से जो अवैध क्लिनिक,अस्पताल,झोलाछाप डॉक्टर,बिना पैथी के इलाज करने के नाम पर लूट मचा रखी थी विगत दो तीन दिन से कलेक्टर श्री प्रवीण सिंह के निर्देशानुसार जिले में संचालित ऐसे अवैध हेल्थ क्लीनिक एवं झोलाछाप डॉक्टरों के विरूद्ध स्वास्थ्य विभाग के अलग-अलग दलों द्वारा जिलेभर में छापामार कार्रवाई की गई।
कार्यवाही के दौरान अवैध रूप से संचालित क्लीनिक संचालकों को क्लीनिक बंद करने के नोटिस जारी किए गए। जिन क्लीनिक संचालकों के दस्तावेज अपूर्ण थे उन्हें एक माह के भीतर दस्तावेज पूर्ण करने के निर्देश दिए गए। कार्यवाही के दौरान कई क्लीनिक संचालकों ने छापे की खबर लगते ही लूट की दुकान के रूप में संचालित क्लीनिक बंद कर भाग गये, कई नेताओं,दलालों के पास चरण वंदन कर बचाने में जुट गये,कई भूमिगत हो गये ओर कई किये पापों को धोने तीर्थ यात्रा पर चले गये। कई अवैध संचालकों की क्लीनिक सील करने के निर्देश दिए गए।
कुछ झोलाछाप डॉक्टर जो घर पर ही क्लीनिक संचालित कर रहे थे ऐसे डॉक्टरों के क्लीनिक बंद करने के निर्देश दिए गए। बगैर किसी डिग्री के अवैध रूप से संचालित क्लीनिक को सील करने की कार्रवाई की गई। कुछ क्लीनिक संचालक ऐसे थे जो पंजीयन के अलावा किसी अन्य पैथी से उपचार कर रहे थे। ऐसे व्यक्तियों की क्लीनिक सील करने के निर्देश दिए गए। छापामार कार्यवाही आज भी आष्टा में दमदारी से जारी रही।
आज छापामार टीम के सदस्य डॉ गंभीर पटेल, चिकित्सा विशेषज्ञ,डॉ अवदेश परमार, चिकित्सा अधिकारी,मोहन श्रीवास्तव, बीईई, प्रमोद परमार फार्मासिस्ट, राजेंद्र नागर सुपरवाइज़र, पुलिस हेड कांस्टेबल ने सिद्दीकगंज एवं आष्टा के पुराना थाना भवन मार्ग पर संचालित शिफा हेल्थ केयर सेंटर की जांच के बाद उसे सील किया गया।
शिफा क्लिनिक पर यहा डॉ मोहम्मद रिजवान, टीम को लोगो का ईलाज करते मिले,जिस वक्त टीम पहुची क्लिनिक पर मरीजों की भीड़ लगी हुई थी। जब टीम ने डॉ रिजवान से उनकी डिग्री मांगी दस्तावेज मांगे तो वो कुछ भी नही दिखा पाये,यहा डॉ रिजवान एलोपैथी पद्दति से इलाज करते पाये गये। क्लिनिक में अंग्रेजी दवाई भरी पड़ी थी।
जब टीम इस केयर सेंटर पर पहुची तो यहा 7 से 8 बच्चे,व कई अन्य मरीज ईलाज हेतु आये हुए थे और अपना नम्बर आने का इंतजार कर रहे थे। जब डॉ रिजवान से टीम के डॉ गम्भीर पटेल को अपनी कोई सी भी डिग्री,क्लिनिक के दस्तावेज मांगने पर नही बता पाये तब उनका उक्त फर्जी क्लिनिक सील किया गया। आष्टा से उक्त टीम सिद्दीकगंज पहुची यहा छापामार उक्त टीम ने सिद्दीकगंज में संचालित वीसी हॉस्पिटल में छापा मारा छापे के दौरान अस्पताल में एक भी डॉक्टर किसी भी डिग्री का नही मिला यहा जो कर्मी जिसे नर्सिंग स्टॉफ कहा गया, इलाज करते पाये गये उनके पास भी कोई डिग्री,दस्तावेज नही मिले जब इनसे शिक्षा पूछी तो ये 10 वी 12 वी पास है बताया और बस वे इलाज कर रहे थे।
जब टीम ने मरीजों का भर्ती रजिस्टर चैक किया तब यह ऐसा लगा की जहरीला पदार्थ खाने वाले काफी मरीज ज्यादा आते है लेकिन इस अस्पताल से कभी इस तरह का पदार्थ सेवन करने वाले मरीज कि मौत हुई हो इसकी कभी भी ना तो सिविल अस्पताल को ओर ना ही सिद्दीकगंज थाने को सूचना की, जानकारी देने की कोई जानकारी मिली। जब टीम ने पूछा तब बताया कि कोई मरा ही नही । मतलब जो भी यहा जहरीला पदार्थ खा कर आया वो ठीक होकर ही गया मतलब ये अस्पताल नही भगवान का घर की तरह है.? इस दावे की पोल खुल सकती है बस स्वास्थ विभाग की टीम को इतना करना है की इस अस्पताल में एक साल में जहरीला पदार्थ खा कर आने वालों की सूची प्राप्त कर उनके घरों पर पहुच जाये और जानकारी ले कि आपका जो मरीज इस कारण से भर्ती हुआ था वो ठीक हो कर ही घर लौटाथा..?
टीम के डॉक्टर गम्भीर पटेल ने जानकारी देते हुए बताया कि सिद्दीकगंज के उक्त अस्पताल में बच्चेदानी,हर्निया आदि की सर्जरी की जाती है,ऑपरेशन से डिलेवरी कराई जाती है आज जांच के दौरान एक पुरुष मरीज हर्निया के ऑपरेशन के लिये भर्ती मिला जिसे बॉटल चढ़ रही थी। उसे डिसचार्ज कर इलाज हेतु आष्टा सिविल अस्पताल आने को कहा गया। एक महिला जो टाइफाइड की मरीज थी उसे ग्राम के सरकारी अस्पताल में शिफ्ट कर अस्पताल एवं अस्पताल में ही चल रही दवा की दुकान को सील किया गया एवं एक सूचना चस्पा की गई। जांच के दौरन यहा एक्सपायरी दवाये भी जांच टीम को मिली है। इस अस्पताल में जो ओटी नजर आई उसकी स्तिथि,वहां रखे ऑपरेशन के औजार देखने बाद ऐसा लगा की क्या ये अस्पताल ही है.?
जांच टीम ने बताया कि इस अस्पताल का संचालक नॉन मेडिकल व्यक्ति है। वही आज एक बड़ा प्रश्न यह भी खड़ा हुआ की जो कमियां,हालात अस्पताल के आज मिले उसकी आज पे पहले जांच क्यो नही हुई.? इस अस्पताल को लाइसेंस देने के पहले नियम शर्तो,सुविधाओ की जांच क्यो नही की गई.? क्या इस सबके पीछे सेवा और मेवा कारण रहा होगा.? खेर बीत गई बातों को छोड़ो अब तो सब कुछ सामने है,अब तो ठोस कार्यवाही होना चाहिये।
वही कल छापामार टीम ने सिविल अस्पताल के पीछे चल रहे एक हेल्थ केयर क्लिनिक की जांच की जिसकी सीएम हेल्प लाइन एवं एसडीएम के यहा पीड़ित ने शिकायत की थी।
जब टीम यहा पहुची ओर मौके पर उपस्तिथ डॉ अकील खान से उनकी डिग्री मांगी नही बताई वे अपने यह बच्चों का एलोपैथी पद्दति से इलाज करते मिले,उनके पास कोई डिग्री,दस्तावेज नही थे,जांच के वक्त कई पालक अपने बच्चों के साथ बच्चों का इलाज के लिये ले कर आये हुए थे। ऐसा बताया गया कि बिना डिग्री धारी इस क्लिनिक का डॉक्टर अकील खान ने गेट पर बच्चों के इस तरह पोस्टर लगा रखे थे जैसे वो शिशु रोग विशेषज्ञ हो,इसकी आड़ में ये फर्जी डॉक्टर अकील खान बच्चों की सेहत के साथ खिलवाड़ करता था,जिसकी सीएम हेल्प लाइन में तथा एसडीएम के समक्ष शिकायते भी हुई है। जांच टीम को जब डॉक्टर के पास डिग्री आदि कुछ नही मिला तब उक्त हेल्थ केयर क्लिनिक को भी सील कर दिया गया । खबर है अब ये फर्जी डॉक्टर,संचालक चांदी का जूता लिये घूम रहे है..?
इनका कहना है…
वरिष्ठ अधिकारियों के निर्देश पर जांच टीम ने आज आष्टा के शिफा हेल्थ केयर सेंटर एवं सिद्दीकगंज के वीसी हॉस्पिटल की जांच की दोनों स्थानों पर बड़ी भारी कमियां मिली,सिद्दीकगंज अस्पताल में तो की डॉक्टर ही नही था नर्सिंग स्टॉफ इलाज करते मिला,एक्सपायरी दवाएं मिली,इसके पूर्व अस्पताल के पीछे हेल्थ केयर क्लिनिक की भी जांच की थी डॉक्टर के पास कोई डिग्री नही मिली,सभी जगाह गम्भीर अनियमितताए मिली तीनो सील कर दिये है। जांच प्रतिवेदन कलेक्टर,सीएमएचओ,एसडीएम के समक्ष प्रस्तुत किये जायेंगे-डॉ गम्भीर पटेल जांच टीम प्रमुख