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आष्टा । यू तो सीहोर जिले के कई ग्रामो,कस्बों में भीषण गर्मी,जल स्तर काफी नीचे चले जाने के कारण कही गम्भीर तो कही थोड़ा कम जल संकट का सामना नागरिक कर रहे है।

ऐसा ही एक कस्बा है आष्टा तहसील का कोठरी जो अभी वीआईटी में चल रहे गम्भीर जल संकट,विद्यार्थियों द्वारा आधी रात को बूंद बूंद पानी को तरसने के कारण आंदोलन के कारण राष्ट्रीय स्तर पर एक तरह से बदनाम हो चुका है। इससे भी बदतर हालात कोठरी कस्बे के पानी के गम्भीर जल संकट को लेकर है।

करीब 10 से 12 हजार की आबादी का ये कस्बा आज निकाय के जिम्मेदारों की लापरवाही कहे या चेन की बंशी बजा कर सुनने की कहावत कहे के तहत वार्डो के रहवासी पानी को लेकर परेशान है। जो चित्र इस कोठरी कस्बे से आये है वो चीख चीख कर कह रहे है शासन,प्रशासन, जनप्रतिनिध हमारी भी सुनो।

आज नगर परिषद जिन जल स्त्रोतों से जल वितरण कर रही है वे भी अब हांफने लगे है। खबर है कुछ प्राइवेट बोर वाले पानी वीआईटी को बेच रहे है। अगर ऐसा हो रहा है तो नगर परिषद मौन क्यो है.?,सरकारी जमीन में लगे बोर का उपयोग अगर कोई दबंग कर रहा है तो प्रशासन को इस मामले में हस्तक्षेप कर उनेह अपने अधीन कर कोठरी की जनता को पानी उपलब्ध कराये।

खबर है कोठरी ने किसी ठेकेदार को वार्डो में जल संकट में टैंकरों से जल वितरण का ठेका दिया है,उस ठेकेदार ने किसी पेटी कांट्रेक्टर को ठेका परना दिया है वो पेटी कांट्रेक्ट जल वितरण में मनमानी,पक्षपात कर रहा है। अगर ऐसा हो रहा है तो नगर परिषद अध्यक्ष सीएमओ मौन क्यो है..? क्या ये हालात बिगड़ने के बाद जागेंगे। वही गर्मी का जैसे जैसे पारा चढ़ रहा है कोठरी में जल संकट के हालात बद से बदतर होते जा रहे है।

कोठरी में जल संकट को लेकर कलेक्टर सीहोर,पीएचई के वरिष्ठ अधिकारियों को संज्ञान लेना होगा। इस संबंध में जब आज सीएमओ से चर्चा करना चाही तो उन्होंने मोबाइल ही नही उठाया। जब अध्यक्ष नगीना राधेश्याम दलपति से चर्चा की तो दलपति ने स्वीकार किया कि इसमें कोई दो राय नही है कि हम जल संकट का सामना कर रहे है। इससे निपटने हमने ग्राम के 10/ 12 बोर अधिग्रहण किये थे वे भी अब बोल गये है।

15 वार्डो में इससे निपटने 1करीब 15 टंकी रखी है,उसमे फायEरबिग्रेड से पानी भराया जा रहा है। नप से लगातार 5 टैंकर चल रहे है,जो पार्षद या जनता मांग कर रही है वहा पानी भेजा जा रहा है। हमारा पूरा प्रयास है कि संकट की इस घड़ी में जनता को पर्याप्त पानी पिलाये।


कोठरी में हर वर्ष गर्मी में जो जल संकट पैदा होता है,वर्तमान परिषद को चाहिये कि वो इस समस्या के स्थाई हल के लिये कार्य योजना बनाएं, क्या कोठरी तक नर्मदा का जल नही आ सकता है,आ सकता है तो इसको लेकर कार्य योजना बनना चाहिये ये समस्या का स्थाई हल हो सकता है।

इनका कहना है..
जल संकट तो है लेकिन कुछ लोग जितना बता रहे है उतना नही है,नप के कर्मी सुबह 6 बजे से रात 8 बजे तक मुस्तेदी से इस समस्या के समाधान में लगे रहते है,हमने परिवहन की स्वीकृति मांगी थी मिल गई,दिन भर में 25 से 30 टैंकर पानी सप्लाय किया जा रहा है,फायरब्रिगेड भी हमारी इस कार्य मे लगी है,समस्या पानी के साथ यह है कि हर व्यक्ति चाहता है टैंकर उसके घर के सामने लगे,जो सम्भव नही है,बस अब बारिश का इंतजार है– नरेन्द्र जाटव सीएमओ नप कोठरी

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