आष्टा। इन दिनों जिले के ग्रामीण क्षेत्रो में रहने वाले भोले भाले ग्रामीणों को बताये प्राइवेट अस्पतालों में इलाज के नाम पर उन्हें उनका हेल्थकार्ड बनाने के नाम पर 50 से 100 रुपये की अवैध वसूली कर रहे है। खबर है की जो लोग ग्रामो में जा रहे है वे भोले भाले ग्रामीणों को इस कार्ड का नाम आयुष्मान कार्ड बताते है,मतलब केंद्र सरकार की जो गरीबो के मुफ्त इलाज की योजना है,जिनके आयुष्मान कार्ड बने है भोले भाले ग्रामीणों को आयुष्मान कार्ड का कह कर उसकी आड़ में प्राइवेट अस्पतालों के ये लोग हेल्थकार्ड बना कर उस अस्पताल को गरीबो को लूटने का साधन उपलब्ध करा रहे है। लेकिन ऐसा नही है ग्रामो में भी जागरूकता है,योजनाओं की जानकारियां भी है,यही कारण रहा कि कल जब 5 लडकिया,2 लड़के एक कार में लूट के इस हेल्थकार्ड मिशन पर ग्राम अरनियाराम पहुचे ओर अपना अभियान शुरू किया तो ग्राम के जागरूक युवक अर्जुन ठाकुर ने पहले तो उनसे उनकी पूरी जानकारी,उनका परिचयपत्र मांगे,इन लोगो ने अपना परिचय में बताया की वे इस एनजीओ के सदस्य है, लोगो के हेल्थकार्ड बना रहे है,ये जब उक्त अस्पताल जायेंगे तो गम्भीर बीमारियों के इलाज में इन्हें आयुष्मान योजना का लाभ मिलेगा,इतने का मुफ्त इलाज होगा आदि आदि।
जब मामला समझ मे नही आया,कुछ गड़बड़ लगा तब अर्जुन ने आष्टा तहसीलदार श्री रघुवीर सिंह मरावी को इसकी जानकारी दी,आष्टा पुलिस,100 डायल को सूचना दी,ये थाने पहुचे। जो लोग हेल्थकार्ड बनाने ग्राम ग्राम जा रहे है इनके पास जिला एवं ब्लाक स्वास्थ विभाग की किसी तरह की कोई परमिशन भी नही है,ये भी जांच का विषय है की जो लोग हेल्थकार्ड बनाने जा रहे है,वे अपने को एनजीओ बता रहे है,क्या इनको इस तरह के हेल्थकार्ड बनाने का अधिकार है.? ये भी जांच का विषय है।
इस मामले में आष्टा टीआई श्री सिद्दार्थ प्रियदर्शन से जब इस मामले को लेकर चर्चा हुई तो उन्होंने बताया की ये लोग प्राइवेट अस्पताल के हेल्थकार्ड बना रहे थे,शिकायत पर थाने पहुचे है,इनसे पूरी जानकारी,नाम पते आदि की जानकारी ले कर इन्हें निर्देश दिये कि अब ग्रामो में तभी जाये जब आपके पास स्वास्थ विभाग के सक्षम अधिकारी की परमिशन हो,जाने के पहले तहसील एवं थाने को भी परमिशन की प्रति एवं सूचना दे। आष्टा पुलिस को भी इन लोगो की जानकारी एकत्रित करना चाहिये अगर ये फर्जी है तो इन पर मामला तो बनता है,बनना भी चाहिये ताकि दुसरो को सबक मिले।