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आष्टा । जिस आष्टा की ए क्लास मंडी की पहचान दूर-दूर तक नगद भुगतान, अच्छी तोल, आने वाले किसानों को अच्छी सुविधाएं मिलने तथा कई अच्छे कार्यों के कारण पूरे देश के कई स्थानों पर आष्टा मंडी की पहचान हुआ करती थी ।

आज उस ही कृषि उपज मंडी की जगह-जगह अधिक तोल,अवैध हम्माली वसूली, बड़े कांटे की जगह छोटे कांटे पर तोल करना, किसानों द्वारा कृषि उपज पलटाने के बाद भी हम्माली काटना जैसी एक नहीं अनेकों अव्यवस्थाओं के कारण धीरे-धीरे आष्टा की कृषि उपज मंडी बदनाम होती जा रही है ।

इसमें बहुत बड़ा दोष मंडी प्रशासन के साथ साथ आष्टा कृषि उपज मंडी सचिव श्रीमती प्रवीण चौधरी की लापरवाही अनदेखी एवं कई मामलों में उनकी मनमानी के कारण मंडी लगातार बदनाम हो रही है ।

आज एक बार फिर आष्टा कृषि उपज मंडी में अधिक तोल एवं किसान से अवैध रूप से हम्माली वसूली को लेकर हुए विवाद के कारण काफी देर तक मंडी में नीलामी कार्य बंद रहा । इस मामले को लेकर मंडी के व्यापारी और किसान कृषि उपज मंडी कार्यालय में मंडी सचिव श्रीमती प्रवीण चौधरी के पास पहुंचे ।

इछावर क्षेत्र के दमदार किसान शंकरलाल जायसवाल ने अपनी पूरी पीड़ा मंडी सचिव के सामने रखी । किसान की पीड़ा को पहले तो मंडी सचिव प्रवीण चौधरी ने काफी हल्के में लिया । लेकिन जैसे ही पीड़ित किसान शंकरलाल ने आष्टा मंडी में अधिक तोल, अवैध रूप से हम्माली बसूली की शिकायत कृषि मंत्री श्री कंसाना के यहा की शिकायत के बाद तुरंत बाद मंत्री जी के कार्यालय से मंडी सचिव के पास फोन पहुंचा ओर कड़ी फटकार लगते ही मंडी सचिव के हाथ पैर फूल गए । तथा जिस किसान की शिकायत और पीड़ा को मंडी सचिव हल्के में ले रही थी ।

तत्काल कुछ ही देर में किसान को लिखित में आश्वासन देना पड़ा तथा ली गई अवैध रूप से बसूली गई 250/-रुपये की की गई अवैध बसूली वापस कराई गई । इसके पूर्व भी इस ही किसान से 15 दिन पूर्व बड़े कांटे पर गेहूं की तुलाई होने के बाद भी उससे प्रति कुंटल 300 ग्राम अधिक उपज ली गई थी,जो बाद में वापस हुई थी। आज सूचना मिलते ही आष्टा के पत्रकार मंडी पहुंचे ।

मंडी में पीड़ित किसान शंकर लाल जायसवाल ने पत्रकारों को बताया कि 15 दिन पूर्व कृषि उपज लेकर आष्टा आए थे तथा बड़े कांटे पर कृषि उपज गेंहू की ट्राली तुली उसके बाद भी व्यापारी ने 300 ग्राम प्रति कुंटल पर अधिक उपज अवैध रूप से ली थी।

तब भी मंडी में आकर इसकी शिकायत की थी लेकिन उस वक्त भी मंडी सचिव ने शिकायत को गंभीरता से नहीं लिया आज पुनः वह जब आज गेहूं लेकर आए तब पूरा गेहूं किसान के द्वारा पलटा गया जब खरीदी करने वाली फर्म ने बिल बनाया तब व्यापारी ने किसान से बिल में 250 रुपये हम्माली के काटे ।

जब अवैध रूप से हम्माली के ढाई सौ रुपए कटे तब किसान शंकर लाल जायसवाल कृषि उपज मंडी में पहुंचे और इसकी शिकायत की । लेकिन शिकायत को मंडी सचिव ने हल्के में लिया । तब मध्यप्रदेश शासन के कृषि मंत्री के यहां इसकी शिकायत की

तब मंत्री कार्यालय से मंडी सचिव कड़ी फटकार लगी तथा किसान के साथ हुआ अन्य को गंभीरता से लेने के निर्देश मिलने पर मंडी सचिव ने व्यापारियों को बुलाकर किसान और व्यापारी के बीच में यह तय किया कि आप जब बडे कांटे पर किसान की कृषि उपज मिलेगी तब कोई भी 300 ग्राम अधिक नहीं लिया जाएगा

तथा कृषि उपज अगर किसान पलटे गा तब उससे हम्माली नहीं काटी जाएगी। देखना है आज मिली कड़ी फटकार के बाद अब आष्टा कृषि उपज मंडी में कुछ बदलाव होता है या वही धारा चलता । वैसे दबी जुबान में आज यह चर्चा सुनी गई कि जब तक मंडी सचिव को इस मंडी से नही हटाया गया मंडी के हालात नही सुधर सकते है..?

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