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सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय भारत सरकार द्वारा सीहोर में मीडिया कार्यशाला का आयोजन आज

पत्र सूचना कार्यालय , सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा 2 मार्च 2024 को सीहोर में पत्रकारों की रचनात्मक, सकारात्मक और विकास परक पत्रकारिता को बढ़ावा देने के लिए मीडिया कार्यशाला “वार्तालाप” का आयोजन किया गया है । कार्यशाला में सहभागिता करने वाले पत्रकारों को सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय , भारत सरकार द्वारा प्रमाण-पत्र प्रदान किया जाएगा ।

कार्यशाला 2 मार्च 2024 को सुबह 11:00 बजे कुइंया गार्डन, उद्योग केंद्र के सामने सीहोर में आयोजित की गई है । इस कार्यशाला में पीआईबी, सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा जिले के पत्रकारों को आमंत्रित किया गया है ।

“प्रदेश की 1.29 करोड़ लाड़ली बहनों को 1576 करोड़ रुपए की राशि का अंतरण,लाड़ली लक्ष्मी योजना’ अंतर्गत 2.45 लाख से अधिक बेटियों को 85 करोड़ रुपए की राशि का अंतरण,जिले की 247557 लाड़ली बहनों के खाते में 30 करोड़ 27 लाख 89 हजार 850 रुपए की राशि का अंतरण,जिले की 5876 छात्राओं को लाड़ली लक्ष्मी योजनांतर्गत 1 करोड़ 90 लाख 52 हजार छात्रवृति की राशि अंतरित की गई”

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने उज्जैन में आयोजित कार्यक्रम में सहभागिता कर ‘उज्जयिनी विक्रम व्यापार मेला’ एवं ‘विक्रमोत्सव’ का शुभारंभ किया । इस अवसर पर मुख्यमंत्री द्वारा ‘मुख्यमंत्री लाड़ली बहना योजना’ अंतर्गत प्रदेश की 1.29 करोड़ लाड़ली बहनों को 1576 करोड़ रुपए की राशि एवं ‘लाड़ली लक्ष्मी योजना’ अंतर्गत 2.45 लाख से अधिक बेटियों को 85 करोड़ रुपए की राशि का अंतरण किया गया । मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कार्यक्रम में ‘विक्रम पंचांग 2081’ का लोकार्पण करने के साथ ही ‘आर्ष भारत’ पुस्तक का विमोचन और वीर भारत: संकल्प न्यास की भी विशेष सौगात दी ।


जिला मुख्यालय में कलेक्टर कार्यालय स्थित एनआईसी कक्ष एवं नगर पालिका में कार्यक्रम आयोजित किया गया । एनआईसी कक्ष में महिला बाल विकास अधिकारी श्री प्रफुल्ल खत्री सहित लाड़ली बहनें उपस्थित रहीं । मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव द्वारा सीहोर जिले की 247557 लाड़ली बहनों को 30 करोड़ 27 लाख 89 हजार 850 रुपए की राशि अंतरित की गई । इसके साथ ही 5876 छात्राओं को लाड़ली लक्ष्मी योजनांतर्गत 1 करोड़ 90 लाख 52 हजार छात्रवृति की राशि अंतरित की गई ।

“साइबर तहसील द्वारा बिना आवेदन दिए, पेपरलेस, फेसलेस और ऑनलाइन पद्धति से नामांतरण और भू-अभिलेख अद्यतन किया जायेगा”

प्रदेश में बिना आवेदन क्रय-विक्रय नामांतरण की व्यवस्था जून, 2022 से लागू की गई है। इसे साइबर तहसील का नाम दिया गया है। इसमें रजिस्ट्री उपरांत, क्रेता के पक्ष में अविवादित नामांतरण, एक फेसलेस, पेपरलेस तरीके से आनलाइन प्रक्रिया के द्वारा निर्धारित की गई समयावधि में बिना आवेदन के और बिना तहसील के चक्कर लगाए स्वतः हो जाता है और खसरे तथा नक्शे में भी क्रेता के नाम का अमल हो जाता है।

मध्य प्रदेश में सबसे पहले दतिया एवं सीहोर दो जिले में पायलट प्रोजेक्ट के तहत 27 मई 2022 को साइबर तहसील लागू की गई थी। इसके बाद 6 अक्टूबर 2022 को इंदौर, हरदा, डिंडौरी एवं सागर जिले में साइबर तहसील लागू की गई। 10 अगस्त 2023 को साइबर तहसील आगर मालवा, बैतूल, उमरिया, श्योपुर, विदिशा एवं ग्वालियर छह जिलों में प्रभावशील की गई। इस तरह डेढ़ साल में साइबर तहसील 12 जिलों में ही प्रभावशील थी। अब यह साइबर तहसील शेष जिलों में भी 29 फरवरी 2024 से लागू की जानी है। इसके माध्यम से अब तक 16 हजार से अधिक प्रकरणों का निराकरण किया जा चुका है। साइबर तहसील के द्वारा क्रय-विक्रय के नामांतरण की सेवा को Single Window के माध्यम से प्रदाय करते हुए निम्न लाभ उपलब्ध करवाए जाने का उद्देश्य है।

आवेदक द्वारा पूर्ण सर्वे क्रमांक के क्रय पंजीयन के साथ ही ऑनलाइन नामांतरण तथा विज्ञप्ति के प्रकाशन की पारदर्शी प्रक्रिया। विज्ञप्ति समयावधि में आपति प्राप्त नहीं होने पर आदेश की प्रति एवं भू अभिलेख में आदेश अमल की सूचना रियल टाइम में प्रदान करना। भौतिक संपर्क को कम से कम कर पेपरलेस, फेसलेस सेवा न्यूनतम समय में प्रदाय करना। डिजिटल लैंड रिकॉर्ड डाटाबेस का समुचित उपयोग कर भू अभिलेख को रियल टाइम में अद्यतन करना। समयावधि में प्रकरण का निराकरण करना। Maximum governanace तथा minimum government की दिशा में अपनी तरह का अनूठा व अभिनव कदम है।

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