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आष्टा । “आगम ने जब आकार लिया,
गुरु राम उसे तब नाम दिया।”

ऐसे
परमागम रहस्य ज्ञाता, परमपूज्य आचार्य भगवन् 1008 श्री रामलाल जी म.सा के स्वर्णिम संयम यात्रा के 50 वें वर्ष का भव्य सुवर्ण दीक्षा महामहोत्सव महत्तम महोत्सव के शिखर वर्ष के रूप में मनाने का आज से शुभारम्भ हुआ। आष्टा संघ को भी यह सौभाग्य प्राप्त हुआ है ।

इस स्वर्णिम दिवस के उपलक्ष्य में आज श्री महावीर भवन स्थानक में प्रातः 9 बजे से 10 बजे तक नवकार महामंत्र के जाप एवं गुणानुवाद सभा सम्पन्न हुई। गुणानुवाद सभा मे सुश्राविक कु अणुश्री रुनवाल ने आचार्य श्री रामलाल जी महाराज साहब के 50 वाँ वर्ष संयमी जीवन के

पर जन्म से लेकर आज तक का उनके सांसारिक एवं उसके बाद संयमी जीवन यात्रा को लेकर विस्तार से जानकारी दी। सुमधुर भजनों के माध्यम से भी उनके गुणों का बखान किया गया। उपस्तिथ सभी श्रावक श्राविकाओं ने रमेश चालीसा की स्तुति कर आचार्यश्री को परोक्ष वंदन किया। इस शिखर वर्ष को पूरे देश मे श्री अखिल भारतीय साधुमार्गी संघ तपस्या की लड़ी के साथ मना रहा है ।

आष्टा में भी तपस्या की लड़ी में अभी तक लगभग 47 तपस्वियों ने अपने नाम लिखाये हैं। श्री वर्धमान स्थानकवासी जैन श्रावक संघ,श्री अखिल भारतीय साधुमार्गी संघ एवं महत्तम महोत्सव आयोजन समिति आष्टा ने सभी श्रावक श्राविकाओं से अपील की है कि

आप भी आज से शुरू हुई तप की इस लड़ी में जुड़ें,जोड़ें एवं धर्म की प्रभावना करें। आयोजित कार्यक्रम में आज बड़ी संख्या में श्रावक श्राविकाएं शामिल हुए। कार्यक्रम समापन पर श्री अखिल भारतीय साधुमार्गी संघ शाखा आष्टा की ओर से प्रभावना वितरित की गई।

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