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आष्टा । किसी को सपने में भी उम्मीद नही थी की डॉ मोहन यादव को मप्र का मुख्यमंत्री बनाया जा सकता है,लेकिन बना दिया क्योकि ये मोदी-शाह की रणनीति का ही एक अंग था। मोदी-शाह की जोड़ी कब क्या निर्णय कर दे इस बात की थाह पाना मुमकिन नही है ये बात तीनो प्रदेशो के बनाये सीएम के नामो से अंदाजा लगाया जा सकता है। अब मुख्यमंत्री,उप मुख्यमंत्री तो बन गये, ये चैप्टर समाप्त भी हो गया।

नव नियुक्त मुख्यमंत्री-उप मुख्यमंत्री

अब चर्चा शुरू हो गई है मुख्यमंत्री मोहन यादव के मंत्रिमंडल के गठन की। यादव मंत्रिमंडल में कौन कौन आ सकते है। इसी को लेकर अब लम्बे समय के बाद सीहोर जिले से मंत्रिमंडल में कौन शामिल हो सकता है,की चर्चा उसी दिन से शुरू हो गई है,जैसे ही मुख्यमंत्री के लिये मामा जी के स्थान पर यादव जी के नाम की आश्चर्यजनक रूप से हुई घोषणा ने पूरे प्रदेश को चौका दिया था।

मामा जी इस बार नही बन पाये सीएम,जलवा है बरकरार..

पूर्व में मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान जो कि सीहोर जिले से होने के कारण उनके मंत्रिमंडल में मंत्री के रूप में किसी को स्थान नही मिल पाया था। अब मुख्यमंत्री सीहोर जिले के बदले उज्जैन जिले से है। इसलिये अब यादव मंत्रिमंडल में सीहोर जिले को जरूर प्रतिनिधित्व मिलेगा किसे मिलेगा इसको लेकर कोई भी दावे से नही कह सकता कि इन्हें ही शामिल किया जायेगा। क्योकि सब सीएम के नाम की घोषणा को देख चुके है। प्रश्न अब यह की अगर सीहोर जिले को प्रतिनिधित्व मिला तो किसे शामिल किया जा सकता है।

सुदेश राय,सबसे ऊपर चर्चा में है ये नाम…

इसको लेकर सबसे ऊपर सीहोर के विधायक सुदेश राय का नाम सबसे ऊपर है। वे लगातार सीहोर से तीसरी बार विधायक चुने गये है। युवा है,सीहोर जिले में समाजसेवा के क्षेत्र में इस परिवार का अपना एक बड़ा स्थान है।उनकी तीसरी जीत उनकी लोकप्रियता को दर्शाती है। उनके कार्यकाल में सीहोर ने विकास के झंडे गाड़े है । सुदेश राय की सबसे बड़ी सशक्त दावेदारी इस बार है। दूसरा नाम इछावर विधायक करणसिंह वर्मा का भी है ।

करणसिंह वर्मा,चर्चा है,पर उम्र सबसे बड़ा बन सकता है रोड़ा

वे जिले के सीनियर विधायक है एक ही विधानसभा से 8 बार मप्र की विधानसभा में पहुचे है,पूर्व में वे शिव मंत्रिमंडल में राजस्व मंत्री भी रह चुके है। लेकिन उनकी उम्र मंत्री बनने में सबसे बड़ी रुकावट के रूप में उनके सामने रोड़ा बन सकती है। वही अब यह भी चर्चा है की जब मुख्यमंत्री के लिये आश्चर्यजनक रूप से मोहन यादव का नाम आ सकता है ।

गोपालसिंह इंजीनियर,ये भाजपा है,कुछ भी हो सकता है…

तो फिर इस बार मंत्रिमंडल में आष्टा से पहली बार विधानसभा पहुचने वाले गोपालसिंह इंजीनियर का नाम क्यो नही मंत्री के रूप में आ सकता है,जो यह कह रहे है,मान रहे है उनका कहना मानना कही से गलत नही है। क्योंकि जब राजस्थान में पहली बार विधायक बने भजनलाल शर्मा का नाम मुख्यमंत्री के लिये पर्ची में लिखा आ सकता है तो मप्र में यादव मंत्रिमंडल में आष्टा के गोपालसिंह इंजीनियर के नाम से भी इंकार नही किया जा सकता है। चर्चा कुछ भी हो,लेकिन पूरी उम्मीद है की यादव मंत्रिमंडल में इस बार सीहोर जिले को जरूर प्रतिनिधित्व मिलेगा..!

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