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आष्टा । नगर के किला स्थित दिगम्बर जैन दिव्योदय तीर्थ पर पूज्य मुनि श्री मार्दव सागर जी महाराज ससंघ के पावन सानिध्य में अष्टान्हिकामहा पर्व के अवसर पर आठ दिवसीय नन्दीश्वर द्वीप महामण्डल विधान पूजन ध्वजारोहण के साथ प्रारम्भ हुआ । पूज्य मुनि श्री ने इस अवसर पर अपने उदभोदन में बताया कि नन्दीश्वर द्वीप जहां पर देव लोग आठो पहर, चौबीसों घण्टे अष्टानिका महापर्व में नन्दीश्वर द्वीप में विराजमान 52 जिन चैत्यालयों में विराजित जिनबिम्बो की पूजा आराधना कर अपने जीवन को धन्य करते है ।

हम मध्य लोक में विराजते है । हम वहां जा नही सकते क्योंकि हममे इतनी शक्ति नही की हम वहां जाकर पूजन कर सके इस लिए भावों से हम लोग यही पर नन्दीश्वर द्वीप की प्रतिकातमक रचना बना कर उन रत्नमयी जिंनबिम्बो की आराधना पूजा कर धर्म लाभ लेकर अर्जित करते है । अष्टान्हिका महा पर्व सभी पर्वो में सबसे बड़ा महान पर्व होते है जो कि वर्ष में तीन बार आकर हमे धर्म मार्ग से जोड़ते है ।

यहां पर बहुत ही सुंदर चतुर्मुख जिनेंद्र प्रतिमा विराजित कर आकर्षक विधान मांडना बना कर पूजन की जा रही है । आप सभी धन्य है इन दिवसों में श्रावक को सयंम अंगीकार कर अपने व्रतों का निरतिचार पालन करना चाहिए । सामायिक प्रतिक्रमण कर प्रभु की आराधना करना चाहिए ।
प्रति दिन प्रातः काल 7 बजे से जिनाभिषेक ,शन्तिधारा,के साथ नित्य पूजन व नन्दीश्वर विधान पूजन की जायेगी ।

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