आष्टा। शहीद भगत सिंह शासकीय स्नातक महाविद्यालय आष्टा में राष्ट्रीय सेवा योजना इकाई द्वारा दिनांक 16 नवम्बर से 22 तक बाल संरक्षण सप्ताह के अन्तर्गत आज दिनांक 20 नवम्बर को सात दिन सात मुद्दे के अन्तर्गज आज पाँचवे दिन बाल-तस्करी यानि बालक का किसी प्रयोजन हेतु क्रय-विक्रय करना। इस विषय पर आज महाविद्यालय में एक व्याख्यान कार्यक्रम का आयोजन किया गया। महाविद्यालय में बाल-संरक्षण क्लब के कई छात्र-छात्राओं ने बाल-तस्करी किन-किन कारणों से की जाती है। उस पर अपने विचारों को प्रस्तुत किया तथा इस अवसर पर शपथ ली कि हमारे आस-पास अगर किन्ही भी बच्चे के साथ कुछ गलत होता है तो उसकी सूचना हम निर्धारित नम्बर 1098 पर देंगे ताकि उस बच्चे का संरक्षण हो सके।इस अवसर पर कार्यक्रम प्रभारी डॉ.ललिता राय ने बताया कि राष्ट्रीय सेवा योजना स्वयंसेवकों के साथ मिलकर बाल-संरक्षण के लिये भी कार्य कर रहा है। बाल संरक्षण सप्ताह 16 से 22 नवम्बर तक महाविद्यालय में विभिन्न कार्यक्रमों के माध्यम से लोगो को जागरुक करने का प्रयास किया जा रहा है।
जिसमें बालकों के प्रति समाज में जो अपराध होते है उनमें कमी लायी जाये। मध्यप्रदेश में प्रतिदिन 30 बच्चें गायब होते है। मध्यप्रदेश में पिछले 6 वर्षों में लगभग 52000 बच्चे गायब हुए। इन बच्चों को अगुवाह करके इनको तो बेच दिया जाता है और इनसे देह व्यापार, भिक्षावृत्ति या कारखानों में काम करवाया जाता है। सरकार बाल संरक्षण के लिये विभिन्न प्रयास कर रही है। लेकिन इसमें हमारी भी महत्वपूर्ण भूमिका होना चाहिये ताकि हमारे देश के भविष्य छोटे-छोटे बच्चे सुरक्षित रहे। बाल तस्करी के मामलों में मध्यप्रदेश का भारत में तीसरा और अपहरण के मामलें में दूसरा स्थान है।
हमें हमारे देश के हमारे राज्य के बच्चों को सुरक्षित रखना है तो हमें आगे आना होगा। बालकों के प्रति हो रहे अपराधों के संबंध में जागरुक होना व करना होगा समाज के लोगो को। तभी बालकों का संरक्षण हम कर पायेंगे। इस अवसर पर कार्यक्रम प्रभारी विनोद पाटीदार, डॉ.बेला सुराना व डॉ.सीमा त्रिवेदी राष्ट्रीय सेवा योजना स्वयंसेवक श्रोणिका मल्होत्रा, हेमलता चोरसिया, पंकज उज्जवल, रोहित मालवीय, फैजान खान, शकील खान, सपना बिर्गोदिया, दीपक, धर्मेन्द्र प्रजापति, भूपेन्द्र बागवान, ज्योति आदि स्वयंसेवक उपस्थित थे।