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आष्टा। प्रथम अपर सत्र न्यायधीश सुरेश कुमार चौबे आष्टा के न्यायालय ने आरोपी प्रेमनाथ पिता हीरा उर्फ बापुनाथ निवासी पटारिया गोयल एवं राजु नाथ पिता रामसिंह नाथ निवासी नौगांव आष्टा जिला सीहोर को भारतीय दंड सहिता की धारा 326/34 के अंतर्गत दोषी पाते हुए 5-5 वर्ष का साश्रम कारावास एवं 2500-2500 रूपयें के अर्थदंड से दंडित किया गया। अपरलोक अभियोजक विजेन्द्रसिंह ठाकुर ने एक प्रेस विज्ञप्ति जारी कर बताया की 29 जुलाई 2020 को फरियादी रेशम बाई पत्नी प्रेमबाई निवासी नौंगांव ने रिर्पोट की कि उसकी शादी करीब 20-22 साल पहले पटारिया गोयल के प्रेमनाथ के साथ हुई थी। उसका पति उसके चरित्र पर संदेह कर उसके साथ मारपीट करता रहता है।

उसका पति घटना के तीन दिन पहले उसे लेने के लिए उसके माॅयके नौगांव आया था लेकिन फरियादी रेशम बाई ने उसके साथ जाने से मना कर दिया। वह उसे जान से मारने की धमकी देकर चला गया था। घटना की पूर्व संध्या को उसके भतीजे राजु नाथ पिता रामसिंह जो कि आष्टा सेमनरी रोड पर रिजवान अली की खेतबाडी में हाली का काम करता है ने उसे फोन करके बोला कि भुआ मेरी तबीयत खराब है इलाज के लिए आष्टा आ जाओ, तो उसके भरोसे में आकर सुबह 9 बजें अपने भतीजे राजुनाथ रिजवान अली के खेत पर बनी टापरी सेमनरी रोड आष्टा आई थी, पर जैसे ही में भीतर पहुंची तो वहा उसे भतीजा राजु नाथ एवं उसका पति प्रेमनाथ अपने हाथो में कुल्हाडी लिए मिले। दोनो उसे देखते ही गंदी गंदी गाली देते हुए टापरी के अंदर ही उसे अपने हाथ में लिए कुल्हाडी से मारने के लिए झपटे। उसका पति उसे जान से खत्म करने की नियत से सिर पर कुल्हाडी से मारनेे का प्रयास किया, वह खुद को बचाने के लिए गिर पडी, उसके पति ने बाये पैर की पिंडली व टक में तीन चार कुल्हाडी मारी जिससे चोट लगकर खुन बहने लगा।

दाहिनी पैरे के पंजे व अंगुठे पर कुल्हाडी से चोटे पहुंचाई, जिससे उसकी अंगुठे के बगल वाली उंगली कटकर खुन निकलने लगा, वही भतीजे राजुनाथ ने भी कुल्हाडी से फरियादी पर हमला कर चोटे पहुंचाई थी। जब वह चिल्लाने लगी तो आसपास के लोग आये जिन्हें  देखकर आरोपी लोग भाग गये। फरियादी की रिर्पोट पर से थाना आष्टा में अभियुक्त गण के विरूद्ध धारा 307/34, 326/34, 294 मे प्रकरण पंजीबद्ध किया गया। प्रकरण में विवेचना के उपरांत न्यायालय में अभियोक पत्र प्रस्तुत किया गया। अभियोजन की ओर से साक्ष्य कराई गई, दोनो पक्षों की बहस सुनने के उपरांत प्रकरण में आई साक्ष्य के आधार पर न्यायाधीश सुरेश चौबे द्वारा दोनो आरोपीगण को भादवी की धारा 326/34 में दोषी पाते हुए 5-5 वर्ष का साश्रम कारावास एवं अर्थदंड से दंडित किया गया। शासन की ओर से पेरवी अपरलोक अभियोजक विजेन्द्रसिंह ठाकुर द्वारा की गई।

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