सीहोर। दस दिवसीय पर्यूषण पर्व महाधिराज के पावनअवसर आज दस लक्षण धर्म के आठवें अध्याय उत्तम त्याग धर्म कि पूजा अर्चना कर शास्त्र वाचन करते हुए ब्रहमचारी बहन सविता दीदी ने श्रावक श्राविकाओ को संबोधित करते हुए उत्तम त्याग धर्म पर विस्तार से बताया कि
जिनेन्द्र भगवान् ने कहा है कि जो जीव सारे परद्रव्यों के मोह को छोड़कर संसार, देह और भोगों से उदासीन परिणाम रखता है, उसके त्याग धर्म होता है। उत्तम त्याग की बात है। दान और त्याग-ये दो शब्द आते हैं।
दोनों में थोड़ा सा अन्तर है। रागद्वेष से अपने को छुड़ाने का नाम ‘त्याग” है। वस्तुओं के प्रति रागद्वेष के अभाव को ‘त्याग’ कहा गया है। दान में भी रागभाव हटाया जाता है किन्तु जिस वस्तु का दान किया जाता है, उसके साथ किसी दूसरे के लिए देने का भाव भी रहता है। दान पर के निमित्त को लेकर किया जाता है किन्तु त्याग में पर की कोई अपेक्षा नहीं रहती। किसी को देना नहीं है, मात्र छोड़ देना है। त्याग ‘स्व” को निमित्त बनाकर किया जाता है।
शास्त्र वाचन करते हुए संत शिरोमणि आचार्य गुरूवर 108श्री विद्या सागरजी महाराज साहब के प्रवचन का उल्लेख करते हुए ब्रहमचारी बहन सविता दीदी ने श्रावक श्राविकाओ को संबोधित करते हुए बताया कि
त्याग और दान का सही-सही प्रयोजन तो तभी सिद्ध होता है, जब हम जिस चीज का त्याग कर रहे हैं या दान कर रहे हैं, उसके प्रति हमारे मन में किसी प्रकार का मोह या मान-सम्मान पाने का लोभ न हो।
क्योंकि जिस वस्तु के प्रति मोह के सद्भाव में कर्मों का बंध होता है, वही वस्तु मोह के अभाव में निर्जरा का कारण बन जाती है। बंधन से मुक्ति की ओर जाने की सरलतम उपाय यदि कोई है तो वह यही त्याग धर्म और दान है। दस दिवसीय पर्यूषण पर्व महाधिराज के पावन आठवें दिवस श्री पार्श्वनाथ दिगम्बर जैन मंदिर में प्रातः श्री जी के अभिषेक, शांति धारा, उत्तम त्याग धर्म विधान की पूजा-अर्चना ब्रह्मचारी बहन सविता दीदी के सानिंध्य में श्रावक श्राविकाओ ने धार्मिक अनुष्ठान संपन्न कर धर्म लाभ अर्जित किया ।
प्रथम तीर्थंकर भगवान आदिनाथ का जन्मोत्सव मनाया। संध्या को आरती शास्त्रवाचन पश्चात
प्रथम तीर्थंकर भगवानआदिनाथ का जनमकलयाणक कथा पर आधारित नादय रूपान्तर ब्रह्मचारी बहनसविता दीदी के निर्देशन मे स्थानीय युवक युवतियों की शानदार प्रस्तुति पर उपस्थित जन समुदाय ने पात्रों का करतल ध्वनि से उत्साह वर्धन किया।
इस अवसर पर भगवान के जन्मोत्सव पर बाल्य रूप में पलना झूलाया भकतो ने जन्मोत्सव पर भकतो ने पलना झूलाया। आदि कुमार का पारस जैन तथा मनीषजैन वरिष्ठ टृसटी अशोक जैन पत्रकार विमल जैन ,अजय जैन , ललित जैन ,श्रीमती मीना , निर्मला, माया देवी , सुषमा ,सुचिता ,सोमा देवी आदि श्रावक श्राविकाओ ने पलना झूलाने का सोभागय प्रापत किया।
आज विधान पूजा अर्चना करनें का सोभागय प्रकाशचंद राजेश , नरेन्द्र वीरेंद्र ,रवी, शेलेदंर सतन दीवान परिवार को तथा शाँति धारा एवं अभिषेक करनें का सोभाग्य रेशम देवी ,वीरेंद्र संतोष कुमार संस्कार माया,हर्ष अशोक, अजय कृष्ण कुमार जैन लिलेहरिया परिवार को प्राप्त हुआ।