आष्टा। दो दिन पूर्व देर रात्रि में आष्टा नगर के पुराना दशहरा मैदान क्षेत्र में किसी मामूली बात पर दो पक्षो में जम कर विवाद हुआ,विवाद में जम कर दोनों पक्षो में वाद विवाद,मारपीट हुई। मारपीट में दो लोग घायल हुए घायलों को सिविल अस्पताल ले जाया गया,जहा घायलों का प्राथमिक उपचार के बाद सीहोर रेफर किया गया। घटना की सूचना के बाद आष्टा एसडीएम विजय कुमार मंडलोई, एसडीओपी मोहन सारवान,आष्टा टीआई सिद्धार्थ प्रियदर्शन मौके पर पहुचे।
घटना के बाद काफी भीड़ जमा हो चुकी थी। मामले की गम्भीरता,स्तिथि से वरिष्ठ अधिकारियों को अवगत कराया,अनुविभाग के आस पास के सभी थानों के बल सीहोर से बज्र वाहन बल सहित आष्टा पहुचा। मामले की जानकारी मिलते ही एसपी एसएस चोहान, एडिशनल एसपी समीर यादव देर रात्रि में आष्टा पहुचे,नगर में रात्रि में ही प्रमुख पाइंट पर बल भी तैनात किया। सभी पक्षो के धैर्य,पुलिस प्रशासन की सतर्कता ने एक बड़ा विवाद टल गया। इस मामले में आष्टा पुलिस ने चार लोगों पर धारा 294,323,506,34 के अंतर्गत मामला दर्ज कर जांच आदि शुरू की है।
दो दिन पूर्व रात्रि में जो घटना घटी,जिन कारणों से घटी वो ना ही घटना आज पहली बार घटी है,उसके कारण भी कोई नये नही है,जिस स्थान पर घटना घटी ऐसा भी नही है की इस स्थल पर पहली बार ऐसा हुआ है। दो दिन पूर्व जिस स्थल पर घटना घटी वो नगर के गंज क्षेत्र में रहने वाले सभ्रांत परिवारो के मकानों का पिछला हिस्सा है,इस स्थल पर तीन धार्मिक स्थल है,एक शिक्षा का बड़ा मंदिर है। जहा रात्रि में घटना घटी इस स्थल पर सुबाह से देर रात तक
जुआरियों,शराबियों,नशेलचियो,तराह तराह का जुआ खेलने वालों का जमावड़ा लगा रहता है। इस क्षेत्र के अमन पसंद सभ्रांत रहवासियों ने एक बार नही अनगिनत बार पुलिस को इस क्षेत्र को इन आसामाजिक तत्वों की अवैध गतिविधियों से मुक्त कराने की शिकायतें की लेकिन आज तक उक्त क्षेत्र में जमा रहने वाले तत्व हमेशा पुलिस पर भारी पड़े,यही कारण रहा की आज भी इस क्षेत्र के रहवासी दिन रात इन तत्वों की अवैध गतिविधियों,कार्यो से परेशान है। अब तो प्रशासन पुलिस भी समझ चुकी होगी कि इस क्षेत्र के रहवासी कितने परेशान होंगे।
दो दिन पूर्व जो घटना घटी जो दृश्य पुलिस प्रशासन ने देखा उसे अगर गम्भीरता से नही लिया और कोई ठोस कार्यवाही नही की तो,कभी भी कोई बड़ी घटना से प्रशासन पुलिस को फिर कभी भी रूबरू होना पड़ सकता है। अगर पुलिस ने पूर्व में हुई शिकायतों को गम्भीरता से लिया होता,कोई ठोस कार्यवाही की होती तो दो दिन पूर्व जो घटना घटी वो नही घटती।
अब भी पुलिस और प्रशासन के पास एक बार फिर इस क्षेत्र में दिन रात डेरा डाल कर पड़े रहने वाले आसामाजिक तत्वों,गतिविधियों के खिलाफ ठोस कार्यवाही का समय है। देखना है क्या अब उक्त क्षेत्र गलत गतिविधियों से मुक्त होता है या फिर वो ही कहावत नजर आती है”चार दिन की चांदनी फिर वो ही अंधेरी रात”