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सीहोर। जिला स्तरीय जांच समिति के प्रतिवेदन पर सीहोर बस स्टैंड के पास संचालित प्रायवेट अस्पताल मां नर्मदा हास्पिटल को नोटिस जारी किया गया है। कमेटी द्वारा जांच के दौरान अनेक कमियां पाई गई ।
अस्पताल में एमबीबीएस डॉक्टरों के स्थान पर होम्योपैथी डॉक्टर भर्ती मरीजों का इलाज कर रहे थे। ऐसी ही कमियां आष्टा के कई निजी अस्पतालों में भी मिली है,उन पर कार्यवाही कब होगी.?


मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ.सुधीर कुमार डेहरिया ने जानकारी दी कि अस्पताल प्रबंधन द्वारा आयुष्मान भारत योजना अंतर्गत मुख्यमंत्री कोविड उपचार योजना की मान्यता प्रदान की गई जिसमें उक्त मरीजों का निःशुल्क उपचार कराया जाना है। परंतु भर्ती मरीजों से राशि ली गई जो जांच समिति के कहने पर संबंधित मरीजों को लौटाई गई। मरीजों के उपचार संबंधी प्रोटोकॉल पूछे जाने पर पदस्थ स्टाफ को इस संबंध में कोई जानकारी नहीं थी। अस्पताल प्रबंधन के विरूद्ध इंडियन मेडिकल काउंसिल अधिनियम 1956 की विभिन्न धाराओं सहित मध्यप्रदेश गृह रोजोउपचार संबंधी एक्ट एवं पंजीकरण तथा अनुज्ञापन अधिनियम 1973 एवं संषोधन एक्ट 2008 के तहत नोटिस जारी कर 03 दिवस में जवाब मांगा गया है समय सीमा में जवाब प्रस्तुत नहीं करने अथवा जवाब संतुष्टीपूर्ण नहीं होने पर न्यायालीयन प्रकरण की कार्यवाही की जाएगी। जांच समिति के अध्यक्ष डॉ.प्रदीप कुमार मोजेस जिला परिवार कल्याण अधिकारी, डॉ. जेडी कोरी जिला क्षय उन्मूलन अधिकारी तथा जिला मलेरिया अधिकारी श्रीमती क्षमा बर्वे ने अस्पताल का सघन निरीक्षण एवं जांच कर प्रतिवेदन प्रस्तुत किया था।

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