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आष्टा। 24 घण्टे पूर्व आष्टा नगर के स्थानीय प्रशासन को एक की गई झूठी शिकायत के कारण कड़वा किरकिरी का घुट पीना पड़ा। मामला था कल रात्रि में कलेक्टर सीहोर तक पहुची एक शिकायत पर प्राप्त निर्देशो के तहत स्थानीय प्रशासन द्वारा निर्देशो के तहत मौके पर कार्यवाही करने पहुचने के बाद जब प्रशासन का सामना सच से हुआ तब बिना कोई कार्यवाही किये वापस लौटने का है। आष्टा में वर्षो से स्वर्गीय संजय श्रीवास्तव ऑक्सीजन गैस सप्लाय का कार्य करते आ रहे। कुछ दिनों पूर्व ऑक्सीजन जन जन तक पहुचाने वाले इस सख्स की ऑक्सीजन की कमी के चलते इंदौर में दुखद निधन हो गया। परिवार कोरोना के संकट की इस घड़ी में घर मे गमी होने के बाद भी अन्यो की जान बचाने के लिए दिन रात सेवा भाव से लोगो को जितनी मिल रही थी उतनी ऑक्सीजन उपलब्ध करा रहे थे कि अचानक कल जैसे ही उनके यहा ऑक्सीजन के सिलेंडर आये स्थानीय प्रशासन,पुलिस सादल बल के पहुचे यह देख परिवार के साथ पूरा मोहल्ला हक्का बक्का रह गया।

ये घुंघरू जो बजते नही,पर सुनाई देते है…………

सभी मे मन मे एक ही प्रश्न आखिर ये सब यहा क्यो। बाद में प्रशासन के अधिकारियों ने आने का कारण बताया की कलेक्टर साहब के पास ऐसी शिकायत है की यहा ऑक्सीजन की कालाबाजारी हो रही है। सेवा भाव,ईमानदारी से कार्य करने वाले परिवार यह सुन झूठी शिकायत को लेकर आंखे नम हो गई। पूरा मोहल्ला,नेता,पत्रकार, जमा हो गये, ओर काफी कुछ हुआ,परिणाम यह सामने आया कि किसी ने कलेक्टर तक झूठी शिकायत की,अब कल से ही यह प्रश्न नगर में खड़ा है कि आखिर वो कौन है जिसने ये झूठी शिकायत की.? वैसे वो जो है,उसके नाम की चर्चा कल से ही शुरू हो गई है। नागरिक उसका चेहरा भी पहचान गये है,वो अब निशाने पर भी आ गये है। लेकिन जनता का मानना है कि उस चेहरे को जिला और स्थानीय प्रशासन ही उजागर करे। क्योकि किरकिरी प्रशासन की ही हुई है। खबर है ये चेहरा कोई आम नागरिक नही है। ये एक सेवक है,ये पहले से ही कईयों के निशाने पर भी है। उक्त झूठी शिकायत को कलेक्टर तक पहुचाने में सेवक ने अपने से बड़े सेवक के कंधे का उपयोग किया है। आश्चर्य इस बात का है की जब भी कही कोई शिकायत होती है,शिकायत के बाद कार्यवाही करने के पहले आई शिकायत की वास्तविकता मालूम की जाती है की आई शिकायत कितनी सत्य है.!

ये है कल का वो चित्र जब प्रशासन मौके पर पहुचा था


कल जब प्रशासन कार्यवाही हेतु पहुचा, मौके पर बड़ी संख्या में जो लोग श्रीवास्तव परिवार के समर्थन में पहुचे,उन्होंने इस परिवार की सेवा को लेकर जो जानकारी दी तब प्रशासन को मानना ही पड़ा कि की गई शिकायत ओर यह जो ज्ञात हुआ दोनों में जमीन आसमान का अंतर है। जब अब यह सब स्पष्ट हो गया तो जिला प्रशासन को झूठी शिकायत करने वाले पर सख्त कार्यवाही करना चाहिये, क्योकि जिला प्रशासन को तो ज्ञात है कि शिकायत किसने की है.? आष्टा के नागरिको को अब इस झूठी शिकायत करने वाले महानुभाव पर कार्यवाही का इंतजार है.? क्योकि की गई झूठी शिकायत के कारण जिला और स्थानीय प्रशासन को नीचे देखना पड़ा था।

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